जनसंचार

मुद्रण कला का विकास किसने किया? मुद्रण कला का आविष्कार किसने किया?

मुद्रण कला का विकास किसने किया?
मुद्रण कला का विकास किसने किया?

मुद्रण कला का विकास किसने किया? 

काग़ज़ के आविष्कार से अभिव्यक्ति सरल: जब भाषा का विकास हुआ तो लोग अपनी अभिव्यक्ति के लिए चट्टानें, ताड़पत्र और चमड़े का उपयोग करने लगे। कागज का विकास हुआ तो उन्हें अपनी अभिव्यक्ति का और आसान साधन उपलब्ध हो गया। रचनाकार रचना रचकर अपने पास रखते रहे। बहुत तो अपने मेल-जोल वालों को सुना दिया। कागज़ पुराना हुआ या फटने लगा तो उसे फिर नकल कर लिया गया। कमी यही थी कि उसे बहुत लोगों तक नहीं पहुँचाया जा सकता था।

मुद्रण कला का आविष्कार किसने किया?

मुद्रण कला का आविष्कारक जोहानस गुटेनबर्ग : सन् न 1439 में मुद्रण कला का विकास हुआ। यह विकास सबसे पहले जोहानस गुटेनबर्ग ने किया। मुद्रण के साथ ही संचार के विकास में क्रांति आ गई। ज्ञान व सूचनाएँ जो अब तक सीमित लोगों तक थीं या उच्च वर्ग तक थीं, वे मुद्रण के बाद सार्वजनिक हो गईं। आज ये संसार के हर कोने में मौजूद हैं। भारत का लिखा 5. अमेरिका में पढ़ा जा सकता है और अमेरिका का लिखा ब्रिटेन में।

मुद्रण कला में बदलाव : गुटेनबर्ग ने जिस मुद्रणकला का विकास किया था, आज उसमें अनेक परिवर्तन आ गए हैं। – वह पहले से अधिक परिमार्जित हो गया है। मुद्रित माध्यम के रूप में आज समाचार पत्र, पत्रिका का नाम लिया जाता है। और इस सुविधा के कारण समाचार पत्र दैनिक के साथ-साथ सांध्य व साप्ताहिक भी प्रकाशित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त पत्रिकाएँ भी साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक और छमाही छप रही हैं। कंप्यूटर ने तो मुद्रण कला को और ज़्यादा आसान व कलामय कर दिया है। डैस्क टॉप पब्लिशिंग प्रणाली अति आधुनिक – प्रणाली है जिसका उदाहरण स्वयं यह पुस्तक है।

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