काग़ज़ के आविष्कार से पहले लोग किस प्रकार संचार करते थे?
संचार के माध्यम चट्टानें, ताड़पत्र और चमड़ाः जब कागज का आविष्कार नहीं हुआ था तब भी लोग अपना संदेश एक-दूसरे तक पहुँचाते थे। उस समय लोग चट्टानों पर लिखते थे, ताड़पत्र पर लिखते थे या फिर चमड़े पर लिखते थे। आपने चट्टानों पर कई बार लिखा देखा होगा। आज भी चाँदनी चौक में टाउन हाल पर पत्थर पर शाहजहाँनाबाद के बारे में लिखा देखा जा सकता है। सम्राट् अशोक के स्तूप देखे होंगे। इसी तरह संस्कृत ग्रंथों को ताड़पत्र पर लिखा जाता था। महाकवि कालिदास ने अपने ग्रंथ ताड़पत्र पर ही लिखे थे। इसी तरह चमड़े पर भी लिखा हुआ देखा जा सकता है।
काग़ज़ का आविष्कार सबसे पहले कहाँ हुआ ?
काग़ज़ का पहला उपयोग चीनियों द्वारा : काग़ज़ का सबसे पहला उपयोग 105 ईस्वी में चीनियों द्वारा किया गया। मिश्र की नील नदी के तट पर पर एक पैपाइरस नामक पौधा पाया जाता है। उसी से कागज तैयार किया जाता था। यही कारण है कि इसका नाम पेपर पड़ा।
बिना काग़ज़ जीवन की कल्पना अंसभवः आज तो काग़ज़ हमारे लिए कोई हैरानी नहीं पैदा करता। न ही यह दुर्लभ है। आज काग़ज़ के बगैर आप पढ़-लिख नहीं सकते। आपकी किताबें, कापियाँ इसी से बनी हुई हैं। परीक्षा में प्रश्न लिखने वाली उत्तर पुस्तिकाएँ भी इसी की हैं और किसी शिक्षा संस्थान में दाखिला लेने के लिए भरने वाले फार्म भी इसी के हैं। आज स्थिति यह है कि आप बिना काग़ज़ के जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते।
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