रेडियो की मुख्य विशेषताएं- Radio ki Visheshta in Hindi
सूचना, मनोरंजन व शिक्षित करने वाले रेडियो की अनेक विशेषताएँ हैं। इन विशेषताओं के कारण यह आज भी टीवी, इंटरनेट और न्यू मीडिया के युग में अपनी पैठ बनाए हुए है। भारत के सुदूर गाँवों, जहाँ अभी तक बिजली का प्रकाश नहीं हुआ है अथवा बिजली की अनियमितता बदस्तूर जारी है, वहाँ लोगों के मनोरंजन का साधन, शिक्षा का साधन और सूचना प्राप्त करने का साधन एकमात्र जन माध्यम रेडियो ही है। रेडियो की विशेषताओं को इस प्रकार समझा जा सकता है-
1. घटनाओं का शाब्दिक चित्रण
2. तेज़ गति
3. सरल माध्यम।
4. सस्ता माध्यम
5. बिना बिजली के चालू
6. रिसीवर पोर्टेबल
7. साक्षर होना आवश्यक नहीं और
8. ग्रामीणों के लिए अकेला माध्यम।
इन विशेषताओं को संक्षेप में इस प्रकार बताया जा सकता है-
1. घटनाओं का शाब्दिक चित्रणः यह विशेषता आपको जन माध्यम रेडियो में मिलेगी। आप स्वतंत्रता दिवस समारोह में दूर-दराज क्षेत्र में होने के कारण नहीं आ सके हैं। आप के पास वहाँ टेलीविजन की भी सुविधा नहीं है। ऐसी स्थिति में आप रेडियो के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस समारोह का आँखों देखा हाल सटीक शब्दों में सुन सकते हैं। समारोह से शब्दों का सटीक वर्णन करने वाला उद्घोषक आपको यह अभाव नहीं होने देगा कि आप साक्षात् स्वाधीनता समारोह नहीं देख रहे हैं। जैसे-जैसे शब्द आपके कानों में पड़ेंगे, वैसे-वैसे आप अपने मन में काल्पनिक चित्र बनाते हुए इस समारोह का आनंद उठाते रहेंगे। इस प्रकार रेडियो घटनाओं का सटीक शाब्दिक चित्रण करता है।
2.. तेज़ गतिः रेडियो अन्य जन संचार माध्यमों से तेज़ है इसलिए इसे तात्कालिक माध्यम कहा जाता है। जैसे स्टुडियो – के भीतर या बाहर घटनाएँ घटती हैं, उद्घोषक अपनी उद्घोषणाओं से आपको बाँधे रखता है। जिनके पास रेडियो है। तथा उसे सुनने के लिए स्टेशन है, वे रेडियो से त्वरित संदेश प्राप्त कर सकते हैं। टीवी से आप पसंदीदा चैनल देखने के लिए रिमोट कंट्रोल का बटन दबाएँगे। अब तो आकाशवाणी के विविध चैनल सैटेलाइट से जुड़ गए हैं, इसलिए आप विविध चैनलों का आनंद उठा सकते हैं। कुछ मिनट पहली घटित घटनाओं को सुन सकते हैं। समचारपत्र तो आपको एक दिन पहले की घटनाओं की जानकारी देता है परंतु रेडियो आपको चंद मिनटों में घटित घटनाओं से परिचित करा देता है। हालांकि टेलीविजन भी संचार का तेज़ गति वाला माध्यम है पर इसके लिए घटनास्थल पर कैमरे और प्रकाश की व्यवस्था करनी होगी तब तक रेडियो आपको समाचार से परिचित करा देगा।
3. सरल माध्यम: रेडियो की एक विशेषता यह है कि यह सरल माध्यम है। इसका उपकरण आसानी से मिल जाता है। इसलिए इसे सरल माध्यम कहा जाता है।
4. सस्ता माध्यम: रेडियो अन्य जन माध्यमों से सस्ता है। इसके लिए निर्माण किए जाने वाले कार्यक्रमों में कम लागत आती है। आप अपने मतलब का रेडियो ज़्यादा से ज़्यादा पचास रुपए में खरीद सकते हैं, जबकि अगर टेलीविजन ही लेना पड़े तो आठ-दस हज़ार से कम में नहीं आएगा। यह राशि सभी भारतीयों के लिए खर्च करना भी असंभव है।
5. बिना बिजली के चालू: रेडियो हालाँकि बिजली से भी चलते हैं पर अब इस तकनीक में इतनी उन्नति हुई है कि बिजली की आवश्यकता नहीं है। बिना बिजली के भी रेडियो उपलब्ध हैं जिन्हें मात्र एक या दो बैटरी के सैलों से चलाया जा सकता है। इसलिए जहाँ इक्कीसवीं सदी में भी बिजली नहीं है। वहाँ रेडियो ही ऐसा जन माध्यम है। इन क्षेत्रों के लिए सुखद वरदान भी है।
6. रिसीवर पोर्टेबल: रेडियो की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे कभी भी कहीं भी ले जाया जा सकता है। आप चाहे घर पर हों या कार्यालय में, रेडियो आपके साथ रहेगा। यह विशेषता आपको टीवी में नहीं मिलेगी। अगर आपकी ऐसी कोशिश सफल भी हो जाए तो इतना आसान नहीं होगा। आसानी से लाने ले जाने की सुविधा रेडियो में ही है।
7. साक्षर होना आवश्यक नहीं: रेडियो की यह एक बड़ी विशेषता है। समाचारपत्र आप तभी पढ़ सकते हैं जब आप पढ़े-लिखे होंगे। मगर रेडियो तो आपको सुनना है इसलिए इसके लिए अगर आप निरक्षर भी हों तो रेडियो से लाभ उठा लेंगे।
ग्रामीणों के लिए अकेला माध्यमः भारत गाँवों में बसता है और इसके पास केवल जन संचार का माध्यम रेडियो है। यह इसलिए है क्योंकि इसे रिसीवर के सहारे कहीं भी सुना जा सकता है। इसके अतिरिक्त समाज में आर्थिक रूप से पिछड़ा व्यक्ति भी रेडियो से लाभ उठा सकता है क्योंकि इसके लिए न तो बिजली का खर्च है और न समाचारपत्र की तरह खरीदकर पढ़ने की आवश्यकता। न ही इसके लिए पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। अतः साधनहीन अधिकांश भारतीयों वे लिए यही मनोरंजन का साधन है। इसी पर संगीत की विविधताएँ है। श्रोताओं को यह स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करता हैं। शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, फिल्मी, गैरफ़िल्मी सभी तरह के विविधतापूर्ण संगीत आप रेडियो पर सुन सकते हैं। इस प्रकार रेडियो श्रव्य माध्यम है और जन माध्यमों में सशक्त है।
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