लॉर्ड मैकाले का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
मैकॉले के पाश्चात्यवादी दृष्टिकोण में अंग्रेजी के महत्त्व को अग्रलिखित बिन्दुओं से समझाया जा सकता है, जो कि उसके विवरण-पत्र (Minute) में सर्वत्र बिखरे पड़े हैं-
(1) अंग्रेजी समस्त विश्व में शासकों की भाषा है तथा सर्वश्रेष्ठ साहित्य से सम्वर्द्धित है।
(2) अंग्रेजी पढ़ने हेतु भारत के अधिकांश लोग आतुर हैं।
(3) ‘अंग्रेजी’ एवं अंग्रेजी संस्कृति ने विश्व के अनेक राष्ट्रों को जंगलियों की दशा से उठाकर सभ्य बनाया है।
(4) अंग्रेजी भाषा भारत में नवीन संस्कृति का पुनरुत्थान कर सकेगी।
(5) प्राच्य शिक्षा ग्रहण करने के लिए बालकों को छात्रवृत्ति आदि देकर प्रोत्साहित किया जाता है, किन्तु अंग्रेजी पढ़ने के लिए छात्र स्वयं खर्च वहन करने को तैयार हैं।
(6) केवल मुस्लिम एवं हिन्दुओं को न्याय दिलवाने हेतु उनके अरबी, हिन्दू शास्त्रों को अंग्रेजी में अनुवाद कराने से ही काम चल सकता है न कि उनकी फ़ौज तैयार करके।
(7) “अंग्रेजी शिक्षा प्रदान करने का हमारा हैं अभिप्राय इस देश में एक ऐसे वर्ग का निर्माण करना है जो रक्त एवं रंग में तो भारतीय हों, पर वह रुचियों, विचारों, नैतिकता एवं विद्वता में अंग्रेज जैसा हो। “
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