प्लेटो का स्टेट्समैन में राजनीतिक विचार
प्लेटो का स्टेट्समैन में राजनीतिक विचार
(Political Ideas in Statesman)
प्लेटो की पुस्तक स्टेट्समैन प्रधानतः राजनीति सम्बन्धी एक प्रबन्ध ग्रन्थ है। इस पुस्तक की रचना ‘Republic’ के प्रकाशन से कई वर्षों बाद हुई। इसका रचनाकाल 367-361 ई. पू. के मध्य रखना अधिक उपयुक्त होगा क्योंकि इस दौरान प्लेटो के डायोनिसियस द्वितीय के साथ सम्बन्ध अच्छे थे। इस दौरान वह जायोनिसियस द्वितीय के साथ विधियों की प्रस्तावना करने में व्यस्त था। इस पुस्तक का दूसरा नाम ‘पॉलिटिक्स’ (Polities) है। इस पुस्तक में प्लेटो ने कानून पर नए द ष्टिकोण से विचार किया है। इसमें प्लेटो आदर्श राज्य की कल्पना को संजोए हुए है लेकिन यह ‘रिपब्लिक’ की तुलना में इस समय अधिक व्यावहारिक आदर्शवादी दिखता है। शैली और स्वर दोनों के दृष्टिकोण से ऐसा प्रतीत होता है कि यह पुस्तक प्लेटो के उन विचारों का संक्रमण है, जिनकी अभिव्यक्ति लॉज में हुई है। इस पुस्तक में प्लेटो इस बात पर विचार करने का प्रयास करता है कि यदि मनुष्य को शासन करना है तो उसे कैसा होना चाहिए और क्या करना चाहिए। इसमें यह राजनीति और राजनीति विज्ञान की भूमिका पर भी विचार करता है। इस प्रकार यह पुस्तक अधिक तर्कसंगत और यथातथ्य है। इसमें वर्णित प्रमुख राजनीतिक विचार निम्नलिखित हैं:
1. सरकारों का वर्गीकरण (Classification of Governments) : प्लेटो का मानना है कि आदर्श दार्शनिक शासक का कर्तव्य राज्य के प्रशासन का संचालन करना ही नहीं है बल्कि ऐसी व्यवस्था कायम करना है कि लोग शिवत्व और न्याय के आदर्श मानदण्डों को अपना सकें। यदि शासक दार्शनिक है तो उसे कानून की आवश्यकता नहीं। परन्तु आदर्श शासक एक दुर्लभ व्यक्ति होता है, अतः कानून आवश्यक है क्योंकि कानून व्यावहारिक ज्ञान तथा भूतकाल के अनुभव का संकलन होता है। इस प्रकार प्लेटो स्टेट्समैन में कानून और उसकी आवश्यकता को आधार मानकर सरकारों का नया वर्गीकरण प्रस्तुत करता है। वह सरकारों के छः प्रकार बताता है :-
कानून द्वारा संचालित सरकार | कानून द्वारा संचालित न होने वाली सरकार |
1. एक व्यक्तियों का शासन – राजतन्त्र
(Rule of one) – (Monarchy) |
1. अत्याचारी शासन
(Tyranny) |
2. कुछ व्यक्तियों का शासन – कुलीनतन्त्र (Rule of Few) – (Aristocracy) |
2. अल्पतन्त्र
(Oligarchy) |
3. अनेक व्यक्तियों का शासन – लोकतन्त्र
(Rule of Many) – (Democracy) |
3. अतिवादी प्रजातन्त्र (Extreme Democracy) |
सरकारों के इस वर्गीकरण में प्लेटो ने उनकी पारस्परिक श्रेष्ठता व हीनता पर भी विचार किया है। उसने कहा है कि कानून द्वारा शासित राज्य में जनता की भलाई के लिए एक व्यक्ति का शासन अर्थात् राजतन्त्र सर्वोत्तम है और प्रजातन्त्र सबसे निम्न श्रेणी की ही शासन प्रणाली है। परन्तु कानून के शासन के बिना संचालित सरकारों में अतिवादी प्रजातन्त्र सबसे अच्छा है और अत्याचारी शासन सबसे बुरा है।
2. जनसंख्या का वर्गीकरण (Classification of the Population) : अपने ग्रन्थ स्टेट्समैन में प्लेटो ने राज्य की जनसंख्या को कार्यों के आधार पर चार भागों में बाँटा है:
(i) शासक वर्ग ( Ruling Class)
(ii) प्रशासक वर्ग (Administration Class)
(iii) परीक्षक वर्ग (Examining Class)
(iv) जो उपर्युक्त तीनों वर्गों में शामिल नहीं।
शासक वर्ग में शासक, प्रशासक वर्ग में प्रशासनिक ज्ञान रखने वाले अधिकारी, परीक्षक वर्ग में न्यायाधीश व शुद्ध नीतियों की परीक्षा करने वाले तथा अन्तिम वर्ग में पुरोहित, शिल्पी और किसान आदि शामिल होते हैं। इस पुस्तक में ‘Republic की तुलना में जनसंख्या का विभाजन अधिक व्यावहारिक व तर्कसंगत जान पड़ता है।
3. लोकतन्त्र पर विचार (Views on Democracy) : प्लेटो ने ‘स्टेट्समैन’ में वर्णित वास्तविक राज्यों के सन्दर्भ में प्रजातन्त्र के प्रति अधिक सन्तुलित दृष्टिकोण अपनाया है। जबकि उसने रिपब्लिक में इसके विपरीत विचार व्यक्त करते हुए उसे सबसे निकृष्ट शासन माना है किन्तु विधि या कानून रहित शासनों में इसे सर्वोत्तम माना है क्योंकि इसमें जनता स्वेच्छाचारी शासकों को आसानी से बदल सकती है और उनको स्थान पर अन्य को बिठा सकती है।
4. इतिहास सम्बन्धी विचार (Views on History) : प्लेटो ने ‘स्टेट्समैन’ में मानव-इतिहास की विस्त त व क्रमबद्ध विवरण प्रस्तुत किया है। उसके अनुसार मानव समाज सबसे पहले ‘क्रोमरा का युग’ (The Age of Cromus) था। इस युग में संसार का शासन देवी था। लोगों की स्थिति पशुओं के झुण्ड जैसी थी। इसके बाद सभ्यता का युग आया। इसमें ईश्वर ने संचालन का कार्य अपने हाथों में वापिस ले लिया और लोग लाचार व निरीह बन गए। वे जंगली जानवरों का शिकार बन जाते थे। देवताओं ने उनकी दुर्दशा पर रहम करके मनुष्यों को आग, कलाएँ, पौधे व बीज दिए। इससे मनुष्य स्थायी निवास बनाकर उत्तरदायित्व ढंग से अपना जीवन व्यतीत करने लगा।
उपर्युक्त विचारों के आधार पर कहा जा सकता है कि ‘स्टेट्समैन’ में प्लेटो का दृष्टिकोण यथार्थवादी है। उसने इस पुस्तक में प्रजातन्त्र को सराहा है। इस पुस्तक में प्लेटो ने उत्पादक वर्ग को महत्त्व दिया है। इसमें कानून को महत्त्व देते हुए उसने सरकारों का वर्गीकरण किया है। इस पुस्तक में प्लेटो के प्रौढ़ विचारों का दर्शन होता है। बार्कर के अनुसार- “आदर्शवाद समाप्त होने से बहुत दूर है किन्तु वास्तविक राजनीति के प्रति एक अधिक यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ इसका अस्तित्व है। “वस्तुतः ‘स्टेट्रामैन’ में प्लेटो के जिस क्यार्थवादी दृष्टिकोण की शुरुआत हुई है, उसका पूर्ण विकास उसके अगले ग्रन्थ ‘लाज’ में हुआ
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