कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत योजनाएँ
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत योजनाएँ – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मेरा गाँव मेरा गौरव, राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
- प्रारम्भ वर्ष- 13 जनवरी, 2016 |
- उद्देश्य- प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी को विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना ।
- किसानों को खेती में रुचि बनाये रखने के प्रयास एवं उन्हें स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना।
- किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
योजना के आकर्षण-
- बीमा दावे के निपटान की प्रक्रिया को तेज और आसान बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि किसान फसल बीमा योजना के सम्बंध में किसी परेशानी का सामना न करें। यह योजना भारत के हर राज्य में सम्बंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की जाएगी। इस योजना का प्रशासन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।
- किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं रवीफसलों के लिए 1.5% का एकसमान प्रीमियम का भुगतान किया जाता है। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% होगा।
- किसानों द्वारा भुगतान किये जाने वाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए।
- काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्टफोन, रिमोट, सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
- 2016-17 के बजट में प्रस्तुत योजना का आवंटन 5,550 करोड़ रुपये का था।
- 2018-19 के बजट में प्रस्तुत योजना का आवंटन 13014.15 करोड़ रुपये का है।
- बीमा योजना को एकमात्र बीमा कम्पनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
- PMFBY राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NATS) एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) की एक प्रतिस्थापन योजना है और इसलिए इसे सेवा कर से छूट दी गई है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
- प्रारम्भ वर्ष- 2016
- उद्देश्य – विनियमित बाजार में पारदर्शी विक्रय सुविधय और मूल्य की खोज के लिए राष्ट्रीय ई-बाजार मंच प्रारम्भ किया गया है। अपनी राज्य कृषि।
योजना के मुख्य आकर्षण-
- विनियमित बाजार में पारदर्शी विक्रय सुविधा और मूल्य की खोज के लिए राष्ट्रीय ई-बाजार मंच प्रारम्भ किया गया हैं।
- अपनी राज्य कृषि विपणन बोर्ड/ए.पी.एम.सी. के द्वारा ई-व्यापार के विज्ञापन के लिए इच्छुक राज्यं अपनी ए.पी.एम.सी. अधिनियम में तदानुसार उपयुक्त प्रावधानों को पूरा करते है।
- सुश्री नागार्जुन फर्टलाइजर्स और केमिकल्स लिमिटेड रण साथी (एस. पी.) है, जो विकास परिचालन और मंच का रख-रखाव करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसकी मुख्य भूमिका बहुत ही व्यापक है और इसमें सॉफ्टवेयर बनाना, ई-नाम के साथ एकीकृत होने के इच्छुक राज्यों में मंडियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसे अनुकूल बनाना और मंच पर चलाना शामिल है।
- आने वाले किसानों की सुविधा के लिए मंडी में ही इस सुविधा का उपयोग करने के लिए चयनित मंडी में या नजदीक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं का प्रावधान।
मेरा गाँव मेरा गौरव
- प्रारम्भ वर्ष- 17 जुलाई, 2015।
- उद्देश्य- एक नई योजना प्रारम्भ की गई है जिसमें गाँव तक वैज्ञानिक खेती की प्रभावी एवं गहरी पहुँच के लिए देश में कृषि विश्वविद्यालयों एवं आई.सी.ए.आर. के सभी संस्थानों के कृषि विशेषज्ञों को शामिल किया जा रहा है।
योजना के मुख्य आकर्षण-
- प्रत्येक कृषि विशेषज्ञ स्वयं को किसी एक विशिष्ट गाँव से जोड़ेगा और वहाँ नई तकनीकों के माध्यम से कृषि विकास को बढ़ावा देने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करेगा तथा कृषि रीतियों के बारे में वैज्ञानिक जागरूकता का सृजन करने के लिए इस योजना के तहत लगभग 20 हजार कृषि वैज्ञानिकों को प्रत्येक द्वारा एक गाँव अपनाने की जिम्मेदारी दी जा रही है तथा कृषि सम्बंधी समस्या का समाधान करने में इन संस्थानों की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करेगा।
- जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुये कृषि का विविधीकरण किया जाना और भी जरूरी हो गया है।
- आज कृषि विविधीकरण समय की माँग है क्योंकि इससे फूड बास्केट में सुधार आता है, वर्षभर उत्पादन बना रहता है और साथ ही पोषणिक सुरक्षा और आमदनी मिलती है।
- कृषि कार्य से अच्छी आमदनी मिलने की किसानों की इच्छा को नवोन्मेषी तकनीकों, स्थानीय संस्थानीय संसाधनों तथा प्रभावी प्रसान युक्तियों द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना
- प्रारम्भ वर्ष-28 जुलाई, 2014
- उद्देश्य – केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने 28 जुलाई, 2014 को स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की। यह मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम पर आधारित परियोजना है।
योजना के मुख्य आकर्षण-
- एकीकृत स्वदेशी पशु केन्द्र जैसे गोकुल ग्राम की स्थापना हेतु ।
- ‘गो-पालन संघ’ नाम से प्रजनक समाज की स्थापना के लिए |
- किसानों के लिए ‘गोपाल रत्न’ और प्रजनक समाज के लिए ‘कामधेनु नामक पुरस्कार की स्थापना हेतु।
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का कार्यान्वयन ‘राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा पशुधन विकास बोर्डों के माध्यम से किया जाएगा।
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अन्तर्गत देशी नस्लों के प्रजनन प्रदेशों में ‘गोकुल ग्राम’ की स्थापना की जाएंगी।
- स्वदेशी पशु नस्लों का विकास और संरक्षण ।
- स्वदेशी पशु नस्लों के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम शुरू करना ताकि आनुवांशिक सुधार और पशुओं की संख्या में वृद्धि की जा सके।
- दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए।
- नॉन-डेसक्रिप्ट पशुओं का गिर, सहीवाल, राठी, देउनी, थारपारकर, रेड सिंधी और अन्य कुलीन स्वदेशी नस्लों के जरिए अपग्रेडेशन करना।
- प्राकृतिक सेवाओं के लिए उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों का वितरण।
Important Links
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