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प्रश्नावली के अर्थ एवं परिभाषा और इसके प्रकार | Meaning and definitions of questionnaire and its types in Hindi

प्रश्नावली के अर्थ एवं परिभाषा और इसके प्रकार | Meaning and definitions of questionnaire and its types in Hindi
प्रश्नावली के अर्थ एवं परिभाषा और इसके प्रकार | Meaning and definitions of questionnaire and its types in Hindi

प्रश्नावली के अर्थ एवं परिभाषा को समझाइये और इसके प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिये । एक अच्छी प्रश्नावली में कौन-कौन सी अनिवार्यतायें हैं?

प्रश्नावली के अर्थ एवं परिभाषा

प्रश्नावली का अर्थ प्रश्नों की ऐसी क्रमवार तालिका से है जो विषयगत वस्तुओं से सम्बन्धित जानकारी को इकट्ठा करने में सहायता करती है। सामाजिक शोध या अनुसंधान में सामग्रियों को इकट्ठा करने हेतु प्रयोग की जाने वाली प्रणालियों में यह प्रणाली सर्वाधिक सरल मानी जाती है।

प्रश्नावली की परिभाषा

कुछ विद्वानों ने प्रश्नावली की निम्नलिखित प्रमुख परिभाषाएं दी हैं-

1. लुण्डबर्ग (Lundberg) – “मूलरूप से प्रश्नावली प्रेरणाओं का एक समूह है जिसके प्रति शिक्षित लोग इन प्रेरणाओं के अन्तर्गत अपने मौखिक व्यवहार का निरीक्षण प्रकट करने के लिए प्रस्तुत होते हैं।”

2. डा. पी. वी. यंग (Pauline V. Young)- “समाज वैज्ञानिक प्रश्नावली के प्रमुख माप योग्य सामाजिक घटना के अध्ययन के एक सहायक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।

3. जे. डी. पोप (J.D. Pope)- “एक प्रश्नावली को प्रश्नों के एक समूह के रूप में, जिनका कि सूचनादाता के बिना एक अनुसंधानकर्ता अथवा प्रगणक की व्यक्तिगत सहायता के उत्तर देता है, परिभाषित किया जा सकता है। साधारणतया प्रश्नावली को डाक द्वारा भेजा जाता है, लेकिन यह लोगों में भी भी वितरित की जाती है, प्रत्येक दशा में यह सूचना प्रदान करने के द्वारा भरी जाती है।”

4. बोगार्ड्स (Bogardus)- “प्रश्नावली एक समूह के व्यक्तियों के उत्तर देने हेतु प्रश्नों की तालिका है।”

उपर्युक्त परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि-

“प्रश्नावली सम्बन्धित समस्या के बारे में प्रश्नों का वह प्रपत्र अथवा सूची है जिसे विस्तृत एवं बिखरे क्षेत्र में बिना अनुसंधानकर्ता की सहायता से कम से कम समय में सूचनाएँ एकत्र करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। साधारणतया यह प्रणाली विभिन्न व्यक्तियों को सूचना संकलन हेतु अपनायी जाती है।

प्रश्नावली के प्रकार (Types of Questionnaire)

अध्ययन की विषय वस्तु के आधार पर प्रश्नावली को विभिन्न रूपों में विभाजित किया जाता है। इस विभाजन के मूल उद्देश्य विषय-वस्तु की प्रकृति के साथ प्रश्नावली के स्वरूप का समन्वय करना है, ताकि उपयोगी सूचनाओं की प्राप्ति हो सके। इस दृष्टि से प्रश्नावली के निम्न प्रकार हैं

1. प्रतिबंधित प्रश्नावली (Closed Questionnaire)- इसे बन्द प्रश्नावली के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रश्नावली में प्रत्येक प्रश्न के आगे जितने भी सम्बिन्धित उत्तर होते हैं. लिख दिये जाते हैं। सूचनादाता अपना उत्तर इन्हीं प्रश्नों के माध्यम से करता है। इनमें प्रश्नों के उत्तर को सीमित कर दिया जाता है। सूचनादाता अपनी इच्छा से प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सकता।

2. अप्रतिबन्धित प्रश्नावली (Open Questionnaire)- इस प्रकार की प्रश्नावली को मुक्त प्रश्नावली या खुली प्रश्नावली भी कहते हैं। प्रश्नावली का यह एक प्रकार बन्द प्रश्नावली का ठीक उल्टा होता है। इसमें मात्र प्रश्न लिखे रहते हैं और उत्तर के लिये खाली स्थान रहता है। सूचनादाता अपने मन से उत्तर को प्रश्नावली के इस जगह में भरता है। इस प्रश्नावली में सम्भावित उत्तर नहीं दिये जाते । इस प्रकार प्रश्नावली में किसी प्रकार की सीमा या प्रतिबन्ध नहीं होता है।

3. चित्रात्मक प्रश्नावली (Pictorial Questionnaire)- चित्रमय प्रश्नावली प्रतिबन्धित प्रश्नावली का ही एक रूप है जिसमें सम्भावित उत्तरों के स्थान पर उन उत्तरों से सम्बन्धित कुछ चित्र दिये रहते हैं, जिनमें प्रश्नों के वैकल्पिक उत्तर स्पष्ट होते हैं। इस प्रकार की प्रश्नावली विशेषरूप से बच्चों एवं कम पढ़े-लिखे लोगों के लिये उपयोगिता होती है। चित्र ध्यान को शीघ्र आकर्षित कर लेते हैं तथा उत्तर देने के लिये प्रेरित करते हैं। इस माध्यम से कभी-कभी ऐसी सूचनायें भी प्राप्त हो जाती है जो अन्य माध्यमों से प्राप्त नहीं की जा सकती।

4. मिश्रित प्रश्नावली (Mixed Questionnaire)- मिश्रित प्रश्नावली वह है जिसमें है। कई प्रकार के प्रश्नों का सम्मिश्रण रहता है। बन्द और खुली प्रश्नावली को मिलाकर तीसरे प्रकार की प्रश्नावली बनायी जाती है। व्यवहारिक दृष्टिकोण से न किसी प्रश्नावली को पूर्णरूपेण प्रतिबन्धित कह सकते हैं और न अप्रतिबन्धित अनुसंधान कार्य के लिये प्रायः मिले-जुले प्रश्नों का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त सभी प्रश्नावली का अनुसंधान में महत्वपूर्ण स्थान है इनमें से किसी की भी अनदेखी करने पर सही निष्कर्ष प्राप्त करने में समस्या हो सकती है।

एक अच्छी प्रश्नावली के निर्माण में ध्यान रखने योग्य बातें

प्रश्नावली की सारी सफलता का श्रेय प्रश्नों को ही जाता है। अस्तु प्रश्नों का निर्माण करते समय अनुसंधानों को निम्न बातों को ध्यान रखना चाहिए-

(1) समस्या के अर्थ एवं उससे सम्बन्धित सुझाव के प्रश्न अप्रतिबन्धित प्रकार के होने चाहिए तथा शेष प्रश्न प्रतिबन्धित एवं मिश्रित प्रकार के हो सकते हैं।

(2) प्रश्न स्पष्ट होने चाहिए तथा उसकी भाषा सरल हो जिससे उत्तरदाता उनहें आसानी से पढ़कर समझ सके।

(3) प्रश्नों को एक उचित क्रम में लिखा जाना चाहिए।

(4) सामान्य सूचना वाले प्रश्न पहले एवं मुख्य विषय से सम्बन्धित प्रश्न बाद में आने चाहिए।

(5) प्रश्नावली न तो बहुत लम्बी और नही बहुत छोटी होनी चाहिए बल्कि उसका आकार मिश्रित प्रकार का होना चाहिए।

(6) बहुअर्थ के अथवा दोहरे अर्थ रखने वाले प्रश्नों को प्रश्नावली में सम्मिलित नहीं किया जाना चाहिए। अन्यथा उत्तरदाता भ्रमित होगा और उसके द्वारा उल्टे-सीधे दिये गये उत्तरों का वर्गीकरण एवं सारणीयन करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

(7) प्रश्नों के क्रम का निर्धारण करते समय सामान्य से विशिष्ट एवं सरल प्रश्नों से जटिल की ओर बढ़ना चाहिए।

(8) प्रश्नावली में प्रश्नों की भाषा आडम्बरपूर्ण एवं क्लिष्ट न होकर उत्तरदाताओं की ही भाषा होनी चाहिए।

(9) प्रश्नों के उत्तर देने के बारे में उन्हें पर्याप्त निर्देश दे देना चाहिए।

(10) अपरिचित धारणाओं एवं काल्पनिक परिस्थितियों के बारे में प्रश्न नहीं करने चाहिए।

(11) प्रश्नावली में यदि किसी शब्द पर विशेष जोर देना है तो श्रेयस्कर यही होता है कि उसे रेखांकित कर दिया जाना चाहिए।

(12) उत्तरदाताओं के विश्वास को जीतने के लिए यह आवश्यक होता है कि प्रश्नावली के साथ-साथ सहगामी पत्रों को भी तैयार कर लिया जाये जिसमें अध्ययन के उद्देश्य आदि के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाये। उन्हें यह भी विश्वास दिला दिया जाये कि उनके द्वारा प्रेषित सूचना गुप्त रखी जायेगी। इससे उत्तरदाताओं के मन में कोई सन्देह पैदा नहीं होगा एवं वह खुलकर प्रश्नों के उत्तर देने की चेष्टा करेगा।

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