शाब्दिक और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर
शाब्दिक और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणों के अन्तर को यहाँ एक तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा रहा है-
शाब्दिक बुद्धि परीक्षण | अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण |
1. इस परीक्षण में भाषा अथवा शब्दों के रूप में समस्यायें रखी जाती हैं। | 1. इस परीक्षण में चित्र, मूर्त सामग्री, संकेतों और प्रतीकों का प्रयोग होता है। |
2. इस परीक्षण में प्रश्न मुद्रित होते हैं और उत्तर पुस्तिका में उत्तर लिखने होते हैं। | 2. इस परीक्षण में अनेक विकल्पों में से सही विकल्प का चयन किया जाता है अथवा डिजाइन और आकृति आदि का अनुकरण किया जाता है।. |
3. यह परीक्षा शिक्षित व्यक्तियों के हेतु उपयोगी हैं। | 3. इस परीक्षण को भाषा की अनुपस्थिति के कारण निरक्षर व्यक्तियों और विदेशियों पर भी प्रशासित किया जा सकता है। |
4. इस परीक्षण में परिणाम सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से प्रभावित हो जाते हैं। | 4. इन परीक्षणों के परिणामों पर सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। |
5. यह परीक्षण कम खर्चीले और कम समय में हो जाने वाले हैं। | 5.यह परीक्षण अपेक्षाकृत अधिक खर्चीले और अधिक समय में पूरे होते हैं। |
6. ये परीक्षण शाब्दिक सन्दर्भ में बुद्धि का मापन करते हैं। | 6. ये परीक्षण क्रियात्मक आधार पर बुद्धि का मापन करते हैं। |
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- ब्रूनर का खोज अधिगम सिद्धान्त
- गैने के सीखने के सिद्धान्त
- थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त
- अधिगम का गेस्टाल्ट सिद्धान्त
- उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धान्त या S-R अधिगम सिद्धान्त
- स्किनर का सक्रिय अनुबन्धन का सिद्धान्त
- पैवलोव का सम्बद्ध अनुक्रिया सिद्धान्त
- थार्नडाइक द्वारा निर्मित अधिगम नियम
- सीखने की प्रक्रिया
- सीखने की प्रक्रिया में सहायक कारक
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- अधिगम के प्रकार
- शिक्षण का अर्थ
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- शिक्षण और अधिगम में सम्बन्ध
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