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पाठ्य-पुस्तक का अर्थ एवं परिभाषा | एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषताएँ

पाठ्य-पुस्तक का अर्थ एवं परिभाषा
पाठ्य-पुस्तक का अर्थ एवं परिभाषा

पाठ्य-पुस्तक का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Text-Book)

पाठ्य-पुस्तक के अर्थ को सुस्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख कथनों को प्रस्तुत करना यहाँ पर समीचीन प्रतीत हो रहा है।

हैरौलिकर (Harolicker) के अनुसार, “पाठ्य पुस्तक ज्ञान आदतों, भावनाओं, क्रियाओं व प्रवृत्तियों का सम्पूर्ण योग है।”

हाल क्वेस्ट (Hallquest) के शब्दों में, “पाठ्य पुस्तक शिक्षण अभिप्रायों के लिए व्यवस्थित प्रजातीय चिन्तन का एक अभिलेख है।”

लैंज (Lange) के अनुसार, “यह अध्ययन क्षेत्र की किसी शाखा की एक प्रमाणित पुस्तक होती है।”

डगलस (Duglus) का कथन है “अध्यापकों के बहुमत में अन्तिम विश्लेषण के आधार पर पाठ्य पुस्तक को वे क्या और किस प्रकार पढ़ायेंगे कि आधारशिला माना है।”

बेकन (Bacon) का कहना है कि “पाठ्य-पुस्तक कक्षा प्रयोग के लिए विशेषज्ञों द्वारा सावधानी से तैयार की जाती है। यह शिक्षण युक्तियों से भी सुसज्जित होती है।”

एक अच्छी पाठ्य पुस्तक की विशेषताएँ (Characteristics of a Good Text- Book)

अच्छी पुस्तकों में निम्नलिखित गुण या विशेषताएँ होती हैं-

1. उत्तम पाठ्य पुस्तक में मानचित्र, चित्र तथा समय-चार्ट होने चाहिए।

2. पाठ्य-पुस्तक चयनात्मक होनी चाहिए एवं पूर्णता के सिद्धान्त पर आधारित होनी चाहिए।

3. पाठ के अन्त में कुछ प्रश्न वाद-विवाद तथा सामान्य ज्ञान आदि को प्रोत्साहित करने वाले होने चाहिए।

4. पाठ्य पुस्तक की विषय सामग्री भारतीय सभ्यता तथा संस्कृति से सम्बन्धित होनी चाहिए।

5. छात्रों में मानसिक गुणों को विकसित करने के लिए पाठ्य पुस्तक की शैली में विभिन्नता होनी चाहिए।

6. क्रो तथा क्रो के अनुसार, “पाठ्य-पुस्तकों के चित्रों का मुख्य उद्देश्य छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करना है। अतः चित्र उत्तम तथा उपयुक्त होना चाहिए। अशुद्ध तथा अनुचित ज्ञान प्रदान करने वाले चित्रों की अपेक्षा चित्रों का न होना कहीं उत्तम है।”

7. शिक्षा आयोग के अनुसार, “एक ऐसी पाठ्य पुस्तक जो एक सुसज्जित तथा सुयोग्य विषय द्वारा लिखी गयी हो तथा जिसके निर्माण में मुद्रण, स्तर, सामान्य, सज्जा तथा चित्र के प्रति समुचित सावधानी बरती गयी हो, छात्रों की रुचि को जाग्रत करेगी तथा शिक्षण कार्य में पर्याप्त सहायक सिद्ध होगी।”

8. पाठ्य पुस्तकों के द्वारा छात्र तथा शिक्षक दोनों के समय की बचत होती है।

9. शैली सरल तथा तर्कपूर्ण एवं सजीव होनी चाहिए।

10. पाठ्य पुस्तक की छपाई में काली, चमकदार तथा गहरी स्याही का प्रयोग किया जाना चाहिए।

12. पाठ्य सामग्री में विभिन्नता के साथ-साथ क्रमबद्धता भी होनी चाहिए।

13. पाठ्य पुस्तक की शैली सरल से जटिल की ओर बढ़नी चाहिए।

14. पाठ्य पुस्तक की सामग्री व्यवस्थित तथा सुनियोजित होनी चाहिए।

15. पाठ्य पुस्तक की भाषा सरल तथा स्पष्ट होनी चाहिए।

16. पाठ्य-पुस्तक के येक पाठ की समाप्ति के उपरान्त कक्षा तथा गृहकार्य के लिए विभिन्न प्रकार के प्रश्न होने चाहिए।

17. पाठ्य पुस्तकों में शब्दों का आकार अलग-अलग होना चाहिए।

18. उत्तम पाठ्य पुस्तक का कागज सफेद, मोटा तथा चिकना होना चाहिए।

19. पाठ्य पुस्तक का मूल्य कम होना चाहिए।

20. पाठ्य सामग्री में नैतिक शिक्षा से सम्बन्धित बातें अवश्य होनी चाहिए।

21. पाठ्य पुस्तक में पाठ्य सामग्री से सम्बन्धित तथा इसको स्पष्ट करने के लिए चित्र तथा मानचित्र, समय, चार्ट, कथा, समय रेखा होने आवश्यक हैं।

22. पाठ्य पुस्तकों का आकार बहुत अधिक बड़ा नहीं होना चाहिए।

23. पाठ्य पुस्तक का जिल्द मोटा नहीं होना चाहिए।

24. पाठ्य पुस्तक का आकार बहुत छोटा नहीं होना चाहिए।

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