सामाजिक अध्ययन शिक्षण में सामुदायिक स्त्रोतो के लाभ
सामाजिक अध्ययन शिक्षण में सामुदायिक स्त्रोतो के लाभ निम्नलिखित है-
(1) नवीन अनुभवों की उपलब्धि:- समुदाय साधनो के द्वारा बच्चों को नवीन अनुभव प्राप्त होते है। जैसे- रेल्वे स्टेशन, हवाई अड्डा, मन्दिर, मस्जिद, चिड़ियाघर, सरकारी भवन और ऐतिहासिक भवनों को देखकर छात्रो को नये अनुभव प्राप्त होते है।
( 2 ) कार्यों में रूचि जाग्रत करना:- समुदाय का सम्पूर्ण ज्ञान देने के लिए जब अध्यापक बच्चों को सामुदायिक स्थानों को दिखाने के लिए भ्रमण पर ले जाते है तो बच्चे भौगोलिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि स्थानो को देखते है तथा लोगों को काम करते दखते है, तो उनमें भी विभिन्न कार्यों के प्रति रूचि उत्पन्न होती है।
( 3 ) व्यावसायिक चयन का अवसर:- सामुदायिक स्थानो पर लोगो को विभिन्न कार्यों में व्यस्त देखकर छात्रों को विभिन्न व्यवसायो का ज्ञान प्राप्त होता है बड़े होकर अपनी रूचि के अनुसार व्यवसाय चुनने का उन्हे अवसर मिलता है।
(4) नवीन सूचनाओं की प्राप्तिः- समय-समय पर स्कूलों में विशिष्ट व्यक्तियों के भाषण, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं पर वार्ता, नाट्य प्रदर्शन आदि का अयोजन करके बच्चो को नवीन सूचनाओं का ज्ञान दिया जाता है।
(5) समुदाय का व्यावहारिक ज्ञान:- सामुदायिक साधन बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान ही प्रदान नही करते, बल्कि उन्हें जीवन से सम्बन्धित व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाता है।
(6) खाली समय का सदुपयोगः- सामुदायिक साधन बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद भी खाली समय का सदुपयोग करना सिखाते है। जैसे- कागज के खिलौने बनाना, रंगाई करना, पेटिंग बनाना आदि।
(7) आदर्शों का निर्माण:- सामुदायिक साधनो के द्वारा छात्रों में जीवन के प्रति आदर्शों का निर्माण किया जाता है, जैसे-अनुशासन में रहना, सत्य बोलना, सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट न करना आदि।
इस प्रकार सामाजिक अध्ययन शिक्षण में सामुदायिक स्त्रोतो के द्वारा बालक को नवीन अनुभव प्राप्त होते है। उनमें काम करने की रूचि जाग्रत होती है और एक अच्छा नागरिक बनने के गुणो का विकास होता है।
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