सामाजिक अध्ययन के महत्व
वर्तमान समय में सामाजिक अध्ययन एक महत्वपूर्ण विषय है। इस विषय का महत्व इसलिए अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि इसके अध्ययन से छात्र-छात्राएँ सक्रिय एंव जागरूक नागरिक बनते है जिसकी आवश्यकता प्रत्येक राष्ट्र को होती है। एक अच्छे नागरिक के गुणों पर प्रकाश डालते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज कैनेडी ने कहा था कि, “यह मत पूछो कि तुम्हारे लिए क्या कर सकता है बल्कि अपने आप से यह पूछो कि तुम देश के लिए क्या काम आ सकते हो ?” इस विषय के अध्ययन से विद्यार्थियों में सदाचार, मनुष्यता तथा देश-भक्ति के भाव जाग्रत होते है, जिससे राष्ट्र प्रगति निश्चित रूप से होती है। इस विषय का अध्ययन हमारे लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे निम्न योग्यताओं का विकास बालक में होता है।
(i) सामूहिक जीवन के महत्व का ज्ञान:- सामाजिक अध्ययन एक सामाजिक शास्त्र है जिसका सम्बन्ध सामाजिक व्यवहार सामाजिक जीवन तथा सामाजिक उन्नति से है इसकी शिक्षा से विद्यार्थी सामूहिक जीवन के महत्व को समझ जाते है।
(ii) जन साधारण के लिए उपयोगिता:- इस विषय की शिक्षा जन-साधारण के लिए उपयोगी है। सामाजिक अध्ययन की शिक्षा व्यक्ति में स्वार्थ, त्याग की भावनाएँ भरती है जिससे व्यक्ति में मनुष्यता तथा सहयोग की भावनाएँ आती है।
(iii) आदर्श नेतृत्व विकसित करने की आवश्यकता:- कुछ विशेषज्ञो का यह भी मत है कि सामाजिक अध्ययन की शिक्षा से विद्यार्थी राष्ट्र-निर्माण, देश भक्त तथा समाज सुधारक भी बनते है। यह विषय उन सभी कर्त्तव्यों एंव अधिकारों पर प्रकाश डालता है, जो सामाजिक हित के लिए आवश्यक है, जो सफल सामाजिक जीवन जीने में सहायक होते है।
(iv) प्रजातन्त्र में सामाजिक शास्त्र के अध्ययन का महत्व:- आज का युग प्रजातांत्रिक है जनता की मान्यता है कि वर्तमान सरकार का निर्माण कुछ लोगो पर निर्भर नही है वरन् सम्पूर्ण जनता पर निर्भर है। यह विषय प्रजातन्त्रात्मक राज्य के नागरिको को अधिकार और कर्त्तव्यों का ज्ञान कराता है।
(v) वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास:- इस विषय में विद्यार्थी को समाज सम्बन्धी क्रियाओं का क्रमबद्ध रूप से अध्ययन करने का अवसर मिलता है। विद्यार्थी नागरिको की समस्या पर विचार करता है और फिर उनको कार्य रूप में बदलने की कोशिश करता है।
(vi) व्यावहारिक उपयोगिता:- आज का युग प्रयोजनवाद का युग है। यही कारण है कि जीवन में उपयोगिता हो। इस उपयोगिता का सम्बन्ध धनोपार्जन से नहीं है, बल्कि उस ज्ञान को प्राप्त करने से है जिससे मनुष्य अपने जीवन को शांत और सुखमय बना सके। इसके अतिरिक्त सामाजिक अध्ययन छात्र-छात्राओं को इस योग्य बनाता है कि वे परिवार और समाज के महत्व को समझे और उनके प्रति अपने उत्तरदायित्वों को ठीक प्रकार से निर्वाह करे।
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