पाठ्य पुस्तकों के प्रकार बताइये ।
शिक्षण एंव सीखने की प्रक्रिया में अनेक सहायक शिक्षण, सामग्री, मानचित्र, एटलस, पर्यटन, चार्ट, रेडियो, अभिनय आदि प्रयुक्त किये जाते है जिससे पाठ्य वस्तु को रोचक बनाया जा सकता है। परन्तु पाठ्य पुस्तके वह साधन है जिसमें पाठ्य वस्तु को सरल तथा बोधगम्य बनाया जाता है और ज्ञान को समन्वित किया जाता है। अतः शिक्षा की प्रक्रिया का पाठ्य पुस्तके अभिन्न अंग है।
पाठ्य पुस्तकों के प्रकार (Types of Text Books)
सामाजिक अध्ययन की पाठ्य-पुस्तकों की तीन भागों में विभक्त कर सकते है-
(i) परम्परागत पाठ्य पुस्तके (Traditional Text Books )
इन्हें संक्षिप्त पाठ्य पुस्तकों की भी संज्ञा दी जाती है। इनकी विशेषता यह है कि पाठ्य पुस्तक को पूर्ण रूप से घटनाओं एंव तथ्यों के रूप में प्रस्तुत करती है। विषय वस्तु को समय के क्रम में व्यवस्थित किया जाता है। इन पुस्तकों से बालको का सृजनात्मक विचार शक्ति के विकास के लिये अवसर नही मिलता है।
(ii) पाठ्यक्रम पर आधारित पुस्तके ( Books based on Curriculum )
इन पाठ्य पुस्तकों को किसी स्तर के लिये प्रयुक्त किया जाता है। यह पाठ्यक्रम एंव स्तर द्वारा नियन्त्रित होती है। ज्ञान की दृष्टि से अधिक संकुचित होती है। एक ही विषय वस्तु के लिये माध्यमिक स्तर तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर के लिये तथ्यों, घटनाओं, रूपरेखा में अन्तर पाया जाता है। इन पाठ्य पुस्तकों के निर्माण में शिक्षण उद्देश्यों को विशेष महत्व दिया जाता है।
(iii) सन्दर्भ पुस्तके (Reference books )
इस प्रकार की पाठ्य पुस्तकों की रूप रेखा अधिक विस्तृत होती है। इसमें तथ्यों एंव घटनाओं की व्याख्या गहनता से की जाती है। और भावी विकास के लिये अवसर प्रदान किया जाता है। शिक्षक इसका अध्ययन सन्दर्भ रूप में करता है इसलिये इन्हें सन्दर्भ पुस्तको संज्ञा दी जाती है।
द्वितीय प्रकार की पाठ्य पुस्तके सभी कक्षाओं में प्रयुक्त की जाती है, परन्तु प्रथम प्रकार की पुस्तके उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में प्रयुक्त की जाती है। संदर्भ पुस्तकों का प्रयोग शिक्षण तथा उच्च कक्षाओं में किया जाता है।
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