पाठ योजना / Lesson Plan

शेरशाह इतिहास का लेसन प्लान Shershah History lesson plan for B.Ed.

शेरशाह इतिहास का लेसन प्लान Shershah History lesson plan for B.Ed.
शेरशाह इतिहास का लेसन प्लान Shershah History lesson plan for B.Ed.

शेरशाह इतिहास का लेसन प्लान Shershah History lesson plan for B.Ed.

शेरशाह इतिहास का लेसन प्लान Shershah History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत शेरशाह का लेसन प्लान Shershah History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें

दिनांक-

विषय-  इतिहास

चक्र- 4

कक्षा –7th

प्रकरण- शेरशाह

अवधि- 30 मिनट

सामान्य उद्देश्य :- 

  1. छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि उत्पन्न करना |
  2. छात्राओं में प्राथमिक स्तर के ज्ञान को सुव्यवस्थित करना |
  3. छात्राओं में देश-प्रेम और विश्व-बंधुत्व की भावना का विकास करना |
  4. छात्राओं को सामाजिक तथा राष्ट्रीय समस्या का ज्ञान प्रदान करना |
  5. छात्राओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों का विकास करना |
  6. छात्राओं में नेतृत्व की क्षमता का विकास करना |
  7. छात्राओं में तर्क शक्ति एवं निर्णय की भावना का विकास करना |
  8. छात्राओं का सर्वागीण विकास करना |

➤विशिष्ट उद्देश्य :- 

  1. छात्राएँ ‘शेरशाह’ के विषय में प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
  2. छात्राएँ ‘शेरशाह’ के शासन काल में हुयी प्रशासनिक व्यवस्था का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
  3. छात्राएँ ‘शेरशाह’ के शासन काल में राजस्व सम्बन्धी सुधार की व्याख्या कर सकेंगी |
  4. छात्राएँ ‘शेरशाह’ के शासन काल में हुए उपलब्धियाँ का विश्लेषण कर सकेंगी |

➤सहायक सामग्री-  चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट आदि |

➤पूर्वज्ञान-  छात्राएँ ‘शेरशाह’ के विषय में पूर्वज्ञान रखती है |

 ➤प्रस्तावना :-

क्र. स.

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1.

मुग़ल वंश की स्थापना किसने की थी ?

बाबर

2.

बाबर के पुत्र का क्या नाम है ?

हुमायूँ

3.

हुमायूँ के बाद दिल्ली का शासक कौन बना था ?

शेरशाह |

➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग ‘शेरशाह’ नामक पाठ का अध्ययन करेंगे।

➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1. शेरशाह का परिचय

शेरशाह के बचपन का नाम फरीद था | उसने अपने मालिक को बचाने के लिए शेर को मार डाला था | तभी से फरीद का नाम शेर खां पड़ गया | जौनपुर में उसने अरबी, फ़ारसी, इतिहास तथा साहित्य का ज्ञान प्राप्त किया | शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् फरीद अपने पिता की जागीर की देखभाल करने सासाराम वापस आ गया | थोड़े ही दिनों में वह जनता में लोकप्रिय हो गया | जागीर की देखभाल करने के अनुभव ने उसे शासक बनने पर सफल एवं लोकप्रिय बनाया | कुछ समय के पश्चात् उसने बिहार के शासक के यहाँ नौकरी ली |

चौसा के युद्ध में हुमायूँ को हरा कर वह 1540  ई. में शेरशाह सूरी का नाम से भारत का सुल्तान बना तथा राज्य की व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

2. सैन्य संगठन

सैनिक शक्ति बढाने के लिए सेना का संगठन किया | डाक वयवस्था के लिए डाक चौकी होती थी |

अधिकारियो को नियमित रूप से वेतन दिया जाता था | कोई भी व्यक्ति सीधे शेरशाह से मिल सकता था |

 

3. प्रजाहित के कार्य

सोनार गाँव (बंगाल) से पशवर को जोड़ने वाली सड़क बनवाई जिसे ग्राण्ड-ट्रंक-रोड कहते है | सड़कों के दोनों ओर वृक्ष लगवाए, विश्राम के लिए सराय बनवाई तथा पानी के लिए कुएँ खुदवाया | शेरपुर नामक नगर यमुना के किनारे बसाया |

 


➤ श्यामपट्ट सारांश :-

1. शेरशाह सूरी 1540 ई. में भारत का सुल्तान बना |

2. शेरशाह का बचपन का नाम फरीद था |

3. शेरशाह ने प्रजा के हित में कार्य किया | 

4. शेरशाह राज्य की व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए |

5. शेरशाह ने शेरपुर नामक नगर यमुना के किनारे बसाया |

➤ निरीक्षण कार्य :-

छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश लिखने को कहेंगी और घूम-घूम कर निरीक्षण कार्य करेंगी और उनकी समस्याओं को दूर करेंगी|

➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

1. शेरशाह कब भारत का सुल्तान बना ?
2. शेरशाह के बचपन का क्या नाम था ?
3. शेरशाह किसके हित के लिए कार्य किया ?
4. शेरशाह किसकी व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाया ? 
 
➤ गृहकार्य :-
शेरशाह के चाँदी के सिक्का का चित्र अपनी पुस्तिका पर बनाये |

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