पाठ योजना / Lesson Plan

इतिहास जानने के स्रोत इतिहास का लेसन प्लान Source of History, History lesson plan for B.Ed.

इतिहास जानने के स्रोत इतिहास का लेसन प्लान Source of History, History lesson plan for B.Ed.
इतिहास जानने के स्रोत इतिहास का लेसन प्लान Source of History, History lesson plan for B.Ed.

इतिहास जानने के स्रोत इतिहास का लेसन प्लान Source of History, History lesson plan for B.Ed.

इतिहास जानने के स्रोत इतिहास का लेसन प्लान Source of History, History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत इतिहास जानने के स्रोत इतिहास का लेसन प्लान Source of History, History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें

दिनांक-

विषय-  इतिहास

चक्र- 8

कक्षा –6th

प्रकरण- इतिहास जानने का स्रोत

अवधि- 30 मिनट

सामान्य उद्देश्य :- 

  1. छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि जागृत करना |
  2. छात्राओं में देश भक्ति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना |
  3. छात्राओं में आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना |
  4. छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकास करना |
  5. छात्राओं में बौधिक एवं तार्किक चिन्तन का विकास करना |
  6. छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास करना |
  7. छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करना |
  8. छात्राओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करना |

➤विशिष्ट उद्देश्य :- 

  1. छात्राएँ ‘इतिहास जानने के स्रोत’ का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
  2. छात्राएँ ‘इतिहास जानने के स्रोत’ के साक्ष्यों की प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
  3. छात्राएँ ‘इतिहास जानने के स्रोत’ की मुद्राओं की पहचान कर सकेंगी |
  4. छात्राएँ इतिहास के काल क्रम की जानकारी प्राप्त कर सकेंगी |
  5. छात्राएँ ब्राह्मी लिपि के बारे में वर्णन कर सकेंगी |

➤सहायक सामग्री-  चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|

➤पूर्वज्ञान-  छात्राएँ ‘इतिहास जानने के स्रोत’ के बारे में पहले से सामान्य जानकारी रखती होगी |

 ➤प्रस्तावना :-

क्र. स.

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1.

बच्चों में किस चीज की जिज्ञासा ज्यादा होती है ?

अधिक से अधिक जानने की |

2.

प्राचीन सभ्यताओं को क्या नाम दिया गया ?

इतिहास

3.

इतिहास के बारे में पता करने की चीजो को क्या कहते है ?

इतिहास जानने के स्रोत |

➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग ‘इतिहास जानने के स्रोत’ के विषय में अध्ययन करेंगे।

➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1. इतिहास जानने के स्रोत

इतिहास बीते हुए स्थान, समय तथा उस समय के लोगो को समझने और जानने का एक साधन है | अतीत में एक ऐसा भी युग था, जब लोग लिखना भी नहीं जानते थे | उन लोगों के जीवन के विषय में हमें जानकारी उनके द्वारा छोड़ी गई वस्तुओं जैसे मिट्टी के बर्तन, खिलौने हथियारों तथा औजारों द्वारा मिलती है कभी-कभी इन वस्तुओं को जमीन के अन्दर से खोदकर निकालना पड़ता है | ये वस्तुएँ ऐतिहासिक जानकारी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है | जब मानव ने लिखना शुरू किया तो उसे कागज़ का ज्ञान नहीं था | वह लेखो को ताम्र पत्रों, भोज पत्रों तथा ताड़ पत्रों पर लिखता था | इतिहास की जानकारी के लिए कई स्रोत है |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

2. मुद्रा एवं अभिलेख

 

मुद्राओं से तत्कालीन शासक का नाम उसका समय तथा मुद्रा के आकार प्रकार से उस समय की कला तथा धातु से आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त होती है | साथ ही सिक्कों के प्राप्ति स्थल से शासकों के साम्राज्य विस्तार का भी पता चलता है |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

3. साहित्यिक स्रोत

ताड़ पत्रों, भोज पत्रों, ताम्रपत्रों, चमड़े एवं लकड़ी के पट्टो पर लिखित लेखों के साथ-साथ कुछ साहित्यिक ग्रन्थो से भी हमें लोगो के रहन-सहन, विचारों खान पान इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त होती है | इस प्रकार पुरातात्विक एवं साहित्यिक दोनों से हमें इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है | विदेशी यात्रियो से तत्कालीन इतिहास की जानकारी मिलती है |  


➤ श्यामपट्ट सारांश :-

1. इतिहास बीते हुए समय और उस समय के लोगो के समझने और जानने का एक साधन है |

2. वह समय जिसके लिए कोई भी लिखित सामग्री उपलब्ध नहीं है, वह पूर्व (प्राक) ऐतिहासिक काल कहलाता है |

3. मुद्राओं से तत्कालीन शासक का नाम, समय तथा मुद्रा के आकार प्रकार से उस समय की स्थिति का ज्ञान होता है |

4. इतिहास जानने के मुख्य स्रोत खुदाई से प्राप्त अवशेष, मूर्तियों लिखावट आदि है |

5. मानव ने सर्प्रथम ताड़ पत्रों, भोज पत्रों और ताम्र पत्रों पर लिखना प्रारम्भ किया |

➤ निरीक्षण कार्य :-

छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश को कॉपी में लिखने को कहेंगी तथा कक्षा में घूम-घूम कर निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं को दूर करेंगी |

➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

सत्य और असत्य बताइये-
1. प्राचीन मानव ताम्र पत्रों पर नहीं लिखता था | (   )
2. सिक्कों से भी इतिहास की जानकारी मिलती है | (   )
3. विदेशी यात्रियों से तत्कालीन इतिहास की जानकारी मिलती है | (   )
4. इतिहास बीते हुए समय और उस समय के लोगों को समझने और जानने का एक साधन है | (   )
5. राजतरंगिणी चाणक्य की रचना है | (   )
 
➤ गृहकार्य :-
 
इतिहास जानने के स्रोत कौन-कौन से है ? लिखकर लाइए |

Important Links

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment