B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

मानसिक बाधित बालकों की पहचान एवं विशेषताएँ | Identification and characteristics of mentally retarded children

मानसिक बाधित बालकों की पहचान एवं विशेषताएँ | Identification and characteristics of mentally retarded children
मानसिक बाधित बालकों की पहचान एवं विशेषताएँ | Identification and characteristics of mentally retarded children

मानसिक बाधित बालकों की पहचान एवं विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

मानसिक बाधिता की पहचान निम्न प्रकार से कर सकते हैं:

1. मानसिक बाधिता की पहचान मानकीकृत बौद्धिक परीक्षण द्वारा किया जा सकता है। बुद्धि परीक्षणों के अतिरिक्त बौद्धिक अक्षमता का निर्धारण करने के लिए विशिष्ट परीक्षण भी उपलब्ध है जैसे गोडार्ड बद्धि परिक्षण आदि। इन परीक्षणों के माध्यम से बाधित बालाके की पहचान की जा सकती है।

2. अध्यापक बच्चों की शैक्षिक निष्पत्ति, उपलब्धि के आधार पर पहचान कर सकते हैं।

3. ये बालक संवेगात्मक रूप से अस्थिर होते हैं।

4. ऐसे बालक सूक्ष्म चिन्तन नहीं कर पाते हैं।

5. ये व्यक्तिगत या सामाजिक उत्तरदायित्वों का ठीक से निर्वाह नहीं कर पाते है।

6. इनके शारीरिक गुणों जैसे चलना-फिरना, बोलना, भाषा विकास, सामाजिक कौशल का धीमी गति से विकास होता है इसकी पहचान जन्म के 6 माह में ही की जा सकती है।

7. ये सामाजिक दृष्टि से अपर्याप्त होते हैं, ये उचित सामाजिक व्यवहार नहीं कर पाते हैं।

8. बालक के सूक्ष्म निरीक्षण द्वारा पहचान की जा सकती है इन बच्चों की गतिविधि याँ व क्रियाएँ सामान्य नहीं होती हैं।

9. इन बच्चों की सीखने की क्षमता कम होती है ये धीतमी गति से सीखते हैं।

10. ये अपनी आयु समूह से निम्न स्तर के होते हैं।

11. शैक्षिक एवं शारीरिक अभिलेख पत्र द्वारा भी इनकी पहचान की जा सकती है।

12. व्यक्ति अध्ययन के द्वारा भी इनकी पहचान की जा सकती है।

मन्दिता की विशेषताएँ

मानसिक बाधिता या मन्दिता की विशेषताओं के सम्बन्ध में अलग-अलग विद्वानों ने कुछ विशेषताऐं दी है कुछ विशेषताऐं इस प्रकार है:-

क्रो एवं क्रो के अनुसार:- क्रो एवं क्रो ने मन्दिता की कुछ विशेषताऐं दी हैं।

  1. दूसरों को मित्र बनाने की अधिक इच्छा होती है।
  2. विद्यालय में असफलताओं के कारण निराशा रहती है।
  3. दूसरों के द्वारा मित्र बनाये जाने की कम इच्छा रहती है।
  4. संवेगात्मक और सामाजिक असमायोजन होता है।

डूले के अनुसार:-

  1. सामाजिक अक्षमता होती है।
  2. इनकी कमजोरियों का सम्बन्ध विकास से जुड़ा होता है।
  3. मानसिक रूप से मन्दित बालक, सामान्य बालकों से भिन्न स्तर के होते हैं।
  4. मानसिक मन्दिता पूर्णत: परिपक्वता स्तर पर होती हैं।
  5. मानसिक मन्दिता मूल रूप में शारीरिक संरचना से सम्बन्धित होती है।
  6. इसमें सुधार या उपचार का कोई अवसर नहीं होता है।

स्किनर के अनुसार:

  1. सीखी हुई बात को नई परिस्थिति में प्रयोग करने में कठिनाई होती है।
  2. व्यक्ति और घटनाओं के प्रति ठोस और विशिष्ट प्रतिक्रिया न करना।
  3. मान्यताओं के सम्बन्ध में अटल विश्वास करना।
  4. दूसरी का चिन्ता न करके केवल अपनी चिन्ता करना ।
  5. किसी बात का निर्णय करने में परिस्थितियों की अवेहलना करना ।

फैन्डूसन के अनुसार:

  1. आत्मविश्वास का अभाव होना।
  2. विभिन्न अवसरों पर विभिन्न प्रकार का व्यवहार जैसे प्रेम, भय, मौन, चिन्ता, विरोध पृथकता या
  3. आक्रमण पर आधारित व्यवहार करना।
  4. 50 से 70 या 75 तक बुद्धि लब्धि होना।
  5. बहुधा भावा वेशपूर्ण व्यवहार करना।

Related Link

Important Links

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider.in does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment