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मीना मंच (Meena Plateform in Hindi)| मीना मंच के उद्देश्य

मीना मंच (Meena Plateform in Hindi)| मीना मंच के उद्देश्य
मीना मंच (Meena Plateform in Hindi)| मीना मंच के उद्देश्य

मीना मंच (Meena Plateform in Hindi)| मीना मंच के उद्देश्य

मीना मंच (Meena Plateform in Hindi) – मीना मंच योजना को शुरुआत करने का श्रेय उत्तर प्रदेश राज्य परियोजना परिषद् को जाता है । इसके द्वारा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित तथा बालिकाओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इस योजना को प्रारम्भ किया गया है। यूनीसेफ के द्वारा निर्मित शैक्षिक कार्यक्रम की 12 कैसेटों में मीना नामक बालिका की प्रमुख भूमिका को प्रदर्शित किया गया है अर्थात् मीना उस सम्पूर्ण कार्यक्रम की नायिका है। इस कार्यक्रम में यह प्रदर्शित किया गया है कि मीना को शिक्षा प्राप्त करने में अनेक प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ा, फिर भी उसने विद्यालय में प्रवेश लिया और शिक्षा प्राप्त की। इसी नाम के आधार पर मीना मंच नामक योजना का गठन एवं संचालन किया जा रहा है। वर्तमान समय में राज्य के प्रत्येक जिले में मीना मंच योजना संचालित की जा रही है। मीना मंच के द्वारा वर्तमान समय में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता एवं चेतना उत्पन्न हुई है। मीना मंच के उद्देश्य-मीना मंच के गठन के लिए सरकार द्वारा पूर्णत: सहायता का प्रावधान किया गया है परन्तु इसे समाज से सम्बद्ध करने के लिए सामाजिक सहभागिता का विचार भी किया गया है अर्थात् सामाजिक सहभागिता इस योजना में अनिवार्य एवं अपेक्षित है। मीना मंच का उद्देश्य बालिका शिक्षा के चहुंमुखी विकास से सम्बन्धित प्रत्येक पक्ष का विकास करना है।

मीना मंच के उद्देश्य

मीना मंच के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

1. बालिकाओं को अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच की आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं को अपने विचार एवं समस्याओं को अभिव्यक्त करने का एक मंच प्राप्त हुआ है जो कि मीना मंच के गठन का प्रमुख उद्देश्य है।

2. बालिकाओं में नेतृत्व एवं एक दूसरे के सहयोग की भावना का विकास करना।

इसके अन्तर्गत बालिकाएँ एक-दूसरे की समस्याओं को समझेंगी तथा उनका समाधान प्रस्तुत करेंगी। इस प्रकार उनमें प्रेम एवं सहयोग की भावना विकसित होगी।

3. मीना मंच का तृतीय प्रमुख उद्देश्य जिले की समस्त बालिकाओं को शिक्षा की विकासधारा से सम्बद्ध करना है। अर्थात् इस मंच के माध्यम से बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करना है।

4. पढ़ना, रचनात्मक लेखन एवं चिन्तन की आदत का विकास करना। इसमें छात्राओं को तर्क पूर्ण चिन्तन एवं लेखन के लिए विषय प्रदान किये जाते हैं जिसमें छात्राओं को लेखन कौशल एवं विचारों का प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है।

5. बालिकाओं में विभिन्न जीवन कौशलों का विकास करना।

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