बैंक की महत्त्वपूर्ण पुस्तकें- प्रायः बैंक निम्नलिखित पुस्तकें लेखा करने के लिये रखता है-
1. प्राप्ति रोकड़ पुस्तक (Receiving Cash Book)- यह पुस्तक रोकड़िया द्वारा रखी जाती है। यह रोकड़िया प्राप्त रोकड़ एवं चैकों का जो कि बैंक की खिड़की पर प्राप्त होते हैं, का लेखा इस पुस्तक में करता है। इसमें पर्ची (Pay-in-slip) के आधार पर लेखा किया जाता है।
2. प्राप्ति रद्दी पुस्तक – इस पुस्तक में निकासी के लिये प्राप्त चैंकों का एवं प्रतिदिन की कुल प्राप्तियों का लेखा किया जाता है।
3. भुगतान रोकड़ बही- इस बही में ग्राहकों को चैक या विड्राल फार्म का भुगतान करने में दी जाने वाली रोकड़ का लेखा किया जाता है।
4. देय रही बही- इस पुस्तक में भुगतान का विश्लेषणात्मक लेखा रखा जाता है।
5. सामान्य रोकड़ बही- इस बही को दिवस बही भी कहते हैं। इसमें प्रतिदिन के लेन-देनों का पूर्ण संक्षिप्त एवं वर्गीकृत रूप में लेखा किया जाता है अर्थात् दिनभर में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई, कितना भुगतान किया गया प्रारम्भ में कितना शेष था, कितना स्टेट बैंक से निकाला, कितना ब्याज दिया तथा निक्षेप एवं विपत्र सम्बन्धी कितने लेन-देन हुए।
6. रोकड़ ‘बही’- इस बही से रोजाना अन्त में क्या रोकड़ शेष था, ज्ञात होता है। इस बही का शेष वास्तविक नकद रोकड़ शेष के समान होना चाहिए।
7. निकासी बही- इस बही में ग्राहकों से प्राप्त चैंकों एवं अन्य बैंकों पर लिखे गये बैंको के भुगतान का लेखा रखा जाता है।
8. प्राप्य बिल रजिस्टर- इस रजिस्टर में प्राप्त होने वाले प्राप्य बिलों का विस्तृत लेखा किया जाता है।
9. बिल कटौती रजिस्टर- इस रजिस्टर में ग्राहकों के बिलों की कटौती से सम्बन्धित लेखा किया जाता है।
10. चालू खाता बही- इस खाता बही में ग्राहकों के चालू खाते खोले जाते हैं।
11. स्थायी जमा खाता बही- इसमें ग्राहकों से प्राप्त स्थायी जमा लेखा किया जाता
12. बचत खाता बही- इसमें ग्राहकों के बचत खातों का लेखा किया जाता है।
13. ऋण खाता बही- इसमें ग्राहकों को दिये जाने वाले ऋण का विस्तृत लेखा जैसे ऋण की तिथि, अवधि, राशि आदि रखा जाता है।
14. विनियोग रजिस्टर- इसमें समाप्त विनियोगों का लेखा रखा जाता है।
15. प्रतिभूति रजिस्टर- इसमें प्रतिभूतियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण लिखा जाता
16. लॉकर रजिस्टर- इसमें ग्राहकों के लॉकर का पूर्ण लेखा रखा जाता है।
17. नमूने के हस्ताक्षरों की पुस्तक- इसमें खाता खोलते समय ग्राहकों के नमूने के हस्ताक्षर करा लिये जाते हैं जिससे भुगतान करते समय किये गये हस्ताक्षरों का बैंक मिलान करने के बाद ही भुगतान करता है।
18. विदेशी विपत्र पुस्तक – इस पुस्तक में विदेशी विपत्रों का लेखा रखा जाता है।
19. वेतन रजिस्टर- इसमें बैंक के कर्मचारियों को दिये जाने वाले वेतन एवं भत्ते का हिसाब रखा जाता है।
20. चपरासी की पुस्तक- इसमें बैंक के कार्यालय से बाहर भेजी जाने वाली डाक का लेखा होता है। इस पुस्तक में डाक ले जाने वाले कर्मचारी का नाम भी लिखा जाता है । यह कर्मचारी डाक देते समय डाक प्राप्तकर्ता से डाक प्राप्ति के हस्ताक्षर इस पुस्तक में करा लेता है।
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