व्यवसाय अथवा पेशे से सम्बन्धित स्वीकृत व्यय अथवा कटौतियाँ
व्यवसाय अथवा पेशे से सम्बन्धित स्वीकृत व्यय अथवा कटौतियाँ (Admissible or Allowed Business Expenses and Deductions)- ऐसी कटौतियों को देने के लिए निम्न शर्तों का पालन होना आवश्यक है-
1. ये पूँजीगत व्यय नहीं होने चाहिए।
2. ये करदाता के व्यक्तिगत व्यय नहीं हों।
3. ये खर्चे पूरी तरह से करदाता के व्यवसाय से सम्बन्धित हों।
धारा 37(1) के अनुसार स्वीकृत कटौतियाँ निम्नलिखित हैं-
1. कच्चे माल के खरीदने तथा निर्माण के व्यय
2. तैयार माल के विक्रय, वितरण एवं सुधार व्यय
3. व्यापार संचालन के दैनिक व्यय
4. कर्मचारियों को भुगतान की गई पेंशन एवं ग्रेच्युइटी तथा वेतन एवं अनुलाभ
5. श्रम कल्याण व्यय
6. विक्रय कर तथा अपील सम्बन्धी व्यय
7. कर्मचारियों को दी गई क्षतिपूर्ति की राशि
8. दीपावली, होली आदि पर्व पर किया गया उचित व्यय
9. व्यापार के हित में दिये गये पत्र-पत्रिकाओं के चन्दे
10. आदेश लाने के सम्बन्ध में दिया गया विक्रय ऐजेण्ट को कमीशन
11. कर्मचारियों के कार्य के दौरान चोट लगने पर क्षतिपूर्ति
12. कानूनी व्यय जो व्यापार से सम्बन्धित हो ।
13. टेलीफोन व्यय
14. व्यापार बन्द न होने के लिये किये गये व्यय
15. सम्पत्ति के अदत्त क्रय मूल्य पर ब्याज
16. ऋण-पत्रों के निर्गमन व्यय तथा ऋण लेने के लिये किये गये व्यय
17. माल को जब्त होने से बचाने के लिये दिये गये अर्थदण्ड
18. व्यवसाय कर
19. सम्पत्ति में सुधार पर किये गये व्यय
20. किसी कर्मचारी को हटाने के लिये दिया गया हर्जाना, जो व्यापार के हित में हो।
21. छँटनी होने पर कर्मचारी को भुगतान की गई राशि
22. अधिविकर्ष ओवरड्राफ्ट की सुविधाओं के लिये किये गये व्यय
23. आग लगने से स्टॉक या रहतिये की हानि
24. आश्वासन भंग पर देय हर्जाना
25. अधिकार शुल्क की राशि
26. व्यापार चिह्न / ट्रेडमार्क पर किये गये व्यय
27. गैर कम्पनी करदाता द्वारा परिवार नियोजन पर किये गये व्यय
28. पार्षद सीमा नियम एवं पार्षद अन्तर्नियम पर किये गये व्यय
29. व्यापार की उन्नति के लिये किये गये विदेशी दौरे के व्यय
30. व्यापार के लिये आय कर कार्यवाही पर किये व्यय
31. लाभ की हानि पॉलिसी पर चुकाया प्रीमियम
32. स्वैच्छिक अवकाश ग्रहण योजना पर किये गये भुगतान
33. पट्टेय पर ली गयी सम्पत्ति की मरम्मत एवं अनुरक्षण पर किये गये व्यय
34. माल में दोष होने पर ग्राहकों को क्षतिपूर्ति
35. विक्रय एजेन्सी समाप्त होने पर हर्जाना
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