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मकान सम्पत्ति से आय से क्या आशय है? | Income from House Property in Hindi

मकान सम्पत्ति से आय | Income from House Property in Hindi
मकान सम्पत्ति से आय | Income from House Property in Hindi

मकान सम्पत्ति से आय से क्या आशय है?

मकान सम्पत्ति से आय- मकान सम्पत्ति से आय के अर्न्तगत करदाता के मकान सम्पत्ति को तथा उससे लगी हुई भूमि को किराये पर उठाने से जो आय प्राप्त होती है, उसे शामिल किया जाता है। ऐसा मकान करदाता के स्वामित्व या अधिकार में होना चाहिए। इस शीर्षक के अर्न्तगत मकान सम्पत्ति की आय की गणना का आधार मकान सम्पत्ति के वार्षिक मूल्य को मानकर किया जाता है।

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मकान सम्पत्ति की आय के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बातें (Importance) Points Regarding Income from House Property )

1. कर योग्य मकान तथा उससे लगी हुई भूमि, सम्पत्तियाँ- मकान या उससे लगी हुई भूमि को किराये पर उठाने से जो आय होगी वह ‘मकान सम्पत्ति से आय’ शीर्षक में कर-योग्य होगी-

A. मकान या भवन- मकान के अन्तर्गत निम्न को शामिल किया जाता है-

(i) निवासीय मकान

(ii) कार्यालय के लिए प्रयोग वाला मकान

(iii) गोदाम के लिए भवन

(iv) दुकान

(V) सिनेमा हॉल

(vi) मनोरंजन या सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए प्रयोग जाने वाला भवन

(vii) स्टेडियम

(viii) लेक्चर हॉल आदि ।

B. मकान से लगी हुई भूमि- इसमें निम्नलिखित को शामिल किया जाता है

(i) निवासीय मकान में खुली गैलरा

(ii) मकान के मुख्य द्वार तक पहुँचने का रास्ता

(iii) चौक (मकान का कम्पाउण्ड)

(iv) बगीचा

(v) खेलने का स्थान (खेल का मैदान)

(vi) वाहन रखने का स्थान या शैड (पार्किंग स्थल)

(vii) पशुओं को रखने का स्थान या शैड

(viii) मकान के विभिन्न भागों को जोड़ने वाला मार्ग आदि ।

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2. करदाता मकान का स्वामी हो-

(i) मकान व्यक्ति के नाम पंजीकृत हो।

(ii) रहन की दशा में रहन रखने वाले व्यक्ति को मान का स्वामी माना जाएगा।

कोई व्यक्ति यदि अपनी पत्नी या पत्नी अपने पति को या अपने (पुत्र या पुत्री) को सम्पत्ति उचित मूल्य के अभाव में हस्तान्तरित करता है, तो हस्तांतरण करने वाला व्यक्ति स्वामी माना जायेगा।

अपवाद (1) पति पत्नी के बीच में अलग रहने का समझौता होने पर हस्तान्तरी को स्वामी माना जायेगा।

(2) नाबालिग में विवाहित बेटी को शामिल नहीं किया जायेगा।

माना गया स्वामी (Deemed Ownership) धारा ( 27 )

(i) विवादित सम्पत्ति की दशा में, जिस व्यक्ति का सम्पत्ति पर कब्जा हो, उसे स्वामी माना जाएगा।

(ii) पट्टे पर ली गई भूमि पर मकान का निर्माण करने वाले व्यक्ति को ही उसका स्वामी माना जाएगा।

(iii) सहकारी सीमति से आबण्टित मकान का स्वामी उसका प्राप्तकर्ता सदस्य होगा।

(iv) किसी व्यक्ति द्वारा बिना प्रतिफल अपने नाबलिग पत्र अपने नाबालिग अविवाहित पुत्री को मकान सम्पत्ति हस्तान्तरित कर दी हो, तो हस्तान्तरण करने वाला व्यक्ति ही ऐसे मकान का स्वामी माना जाएगा।

(v) संयुक्त स्वामित्व होने पर अपने-अपने हिस्से के लिए अलग-अलग स्वामी माने जायेंगे।

(vi) अविभाजित सम्पत्ति का स्वामी ।

3. मकान भारत में होना- मकान या भवन तथा उससे संलग्न भूमि में स्थित होनी चाहिए तभी इससे प्राप्त होने वाली आय करदाता द्वारा भारत में कमाई तथा प्राप्त मानी जाएगी।

4. विदेश में स्थित मकान सम्पत्ति (धारा-22 ) – यदि किसी व्यक्ति का कोई मकान विदेश में स्थित है, तो उससे प्राप्त होने वाली आय केवल निवासी करदाता की दशा में ही कर-योग्य होगी। यदि ऐसी आय को भारत में प्राप्त किया गया हो तब यह असाधारण निवासी करदाता तथा अनिवासी करदाता के लिए भी कर योग्य मानी जायेगी।

5. कर लगाने के लिए वार्षिक मूल्य की गणना- कर लगाने के लिए वार्षिक मूल्य  को ही आधार माना जाता है। इसलिए मकान के वार्षिक मूल्य की गणना की जाती है जो इसी अध्याय में आगे विस्तृत रूप से समझाई गई हैं।

6. स्वयं रहने का मकान तथा व्यवसाय अथवा पेशे में प्रयोग किया जाने वाला मकान-यदि करदाता ने मकान स्वयं के रहने के लिए प्रयोग किया है तो इस शीर्षक के अर्न्तगत ऐसे मकान के वार्षिक मूल्य पर कर नहीं लगाया जाएगा तथा यदि मकान अपने.. व्यवसाय एवं पेशे के लिए प्रयोग किया है तो इस शीर्षक में कर योग्य नहीं होगा बशर्ते कि ऐसे मकान की आय व्यापार तथा पेशे से आय शीर्षक में कर योग्य होगी।

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7. मकान पर दो या दो से अधिक व्यक्तियों का स्वामित्व होना- ऐसी स्थिति में प्रत्येक स्वामी के मकान के हिस्से की एक अलग इकाई मानकर प्रत्येक हिस्से की आय की गणना अलग-अलग की जाएगी। जैसे-एक मकान के चार स्वामी हैं इस मकान के चार हिस्सों की गणना (एक हिस्से को एक मकान मानकर) की जाएगी।

माना गया स्वामी (Deemed Owner )

(A) बिना प्रतिफल के अवयस्क बच्चे को या जीवन साथी को मकान का हस्तान्तरण 27 (i) – यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी या बच्चे को नकद राशि देता है तथा वह उससे मकान क्रय कर लेता है तो नकद राशि देने वाला स्वामी नहीं माना जाएगा।

(B) सहकारी समिति आदि का सदस्य 27 (iii)- यदि सहकारी समिति, कम्पनी व्यक्तियों का संघ/व्यक्तियों का समुदाय अपने किसी सदस्य को किसी भवन निर्माण के या अन्तर्गत भवन या आंशिक भाग का आवण्टन करता है तो ऐसी स्थिति में सदस्य को भवन या आंशिक भाग का स्वामी माना जायेगा।

(C) ऐसी सम्पत्ति जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता हो 27 (ii)- ऐसी सम्पत्तियाँ जो अविभाजनीय होती हैं, ऐसी सम्पत्तियों पर धारक को ही सम्पत्ति का स्वामी माना जाएगा।

(D) धारा 53A में उल्लिखित अथवा धारा 269UA (f) में उल्लिखित किसी मकान पर कब्जे की अनुमति होना 27 (iii) – सम्पत्ति हस्तान्तरण अधिनियम की धारा 53A में उल्लिखित अनुबन्ध के पालन के कारण या धारा 269UA (1) में उल्लिखित लेनदेन के कारण 1882 किसी मकान या उसके भाग या अंश पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति दी जाती है तो ऐसे व्यक्ति को उस सम्पत्ति का स्वामी समझा जायेगा।

धारा 53A निम्न शर्तों के पूरा होने पर लागू होगी–

(i) अनुबन्ध हमेशा प्रतिफल के साथ होना चाहिए।

(ii) अनुबन्ध लिखित होना चाहिए।

(iii) अनुबन्ध अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध में होना चाहिए।

(iv) अनुबन्ध पर हस्तान्तरणकर्ता या उसके प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होने चाहिए।

(v) हस्तान्तरण प्राप्तकर्ता का सम्पत्ति पर कब्जा हो।

(vi) हस्तान्तरणकर्ता ने अनुभव का पालन किया हो।

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8. उप किरायेदार से प्राप्त किराया- यदि कोई व्यक्ति जो स्वयं किराये पर रहता है। मकान के कुछ भाग को किसी अन्य व्यक्ति को किराये पर उठा देता है तो ऐसी आय इस शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य नहीं होगी अर्थात् ऐसी आय ‘अन्य साधनों की आय शीर्षक’ में कर योग्य होती है।

9. संयुक्त किराये का विभाजन- जब मकान मालिक, मकान के साथ गैस, बिजली, पानी आदि की सुविधाएँ प्रदान करता है तो ऐसे मकान से प्राप्त होने वाला किराया संयुक्त किराया कहलाता है। ऐसे किराये में से इन सुविधाओं का मूल्य घटा दिया जाता है और शेष राशि मकान सम्पत्ति से आय शीर्षक में कर योग्य होती है।

10. भवन के साथ मशीन, फर्नीचर आदि किराये पर देना- यदि कोई भवन ऐसा है जिसमें से मशीन, फर्नीचर आदि को अलग नहीं किया जा सकता है, जैसे- सिनेमा हॉल, कारखाना आदि ऐसे भवन से प्राप्त किराये से आय ‘मकान सम्पत्ति से आय’ शीर्षक में कर योग्य नहीं होती है।

11. स्वयं रहने का मकान- मकान मालिक मकान में स्वयं रहता है तो ऐसे मकान की आय शून्य होती है।

12. स्वयं रहने के एक से अधिक मकान- यदि करदाता के पास स्वयं के रहने के एक से अधिक मकान हों तो ऐसे मकानों में से किसी एक मकान को छोड़कर शेष मकानों का मूल्य इस प्रकार ज्ञात किया जायेगा जैसे कि वे किराये पर उठाये गये हों।

13. गत वर्ष में स्वयं मकान में रहना तथा उसी गत वर्ष में मकान को किराये पर उठाना- कभी-कभी करदाता एक ही गत वर्ष में कुछ समय के लिए मकान में रहता हैं तथा शेष अवधि के लिए मकान को किराये पर उठा देता है, तो ऐसे मकान की गणना सम्पूर्ण वर्ष के आधार पर की जायेगी।

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14. अतिथि से आय- जब मकान में कोई पेइंग गेस्ट रह रहा है तथा मकान मालिक को उससे आय प्राप्त हो रही है, तो ऐसी आय ‘मकान सम्पत्ति से आय’ शीर्षक में कर योग्य नहीं होगी। ऐसी राशि उसके व्यापार एवं पेशे शीर्षक में कर योग्य होगी।,

15. ‘मकान सम्पत्ति आय’ ‘शीर्षक के लिए गत वर्ष- जिस वर्ष कर निर्धारण हो रहा है ठीक उससे पहले 31 मार्च को समाप्त हुआ वर्ष मकान सम्पत्ति से आय’ के लिए गत वर्ष होगा।

16. कुछ मकान सम्पत्तियों का आय कर मुक्त होना

(i) कृषि के उपयोग में आने वाले मकान या कृषि मकान से आय; (ii) चिकित्सा, शिक्षा, खेलकूद, विज्ञान, धार्मिक ट्रस्ट, स्थानीय की मकान सम्पत्ति से आय: (iii) श्रम संघ, राजनैतिक दलों, धार्मिक ट्रस्टों के स्वामित्व वाली सम्पत्ति से आय; (iv) वस्तुओं के क्रय-विक्रय हेतु गोदामों को आय कर मुक्त होती है।

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