करदाता की निवासीय स्थिति का अर्थ (Meaning of Residential Status of an Assessee in Hindi)
करदाता की निवासीय स्थिति का अर्थ (Meaning of Residential Status of an Assessee ) – कर योग्य आय का निर्धारण करने के लिए करदाता की निवासीय स्थिति को जानना आवश्यक होता है। किसी भी करदाता (व्यक्ति, हिन्दू अविभाजित परिवार, साझेदारी संस्था, कम्पनी, व्यक्तियों का समुदाय आदि) की निवासीय स्थिति आयकर अधिनियम के नियमों एवं उपनियमों के आधार पर तय की जाती है। निवासीय स्थिति के आधार पर ही कुल कर योग्य आय निर्धारित की जाती है। आयकर अधिनियम की धारा 6(1) तथा धारा 6(6) के आधार पर करदाता दो प्रकार के होते हैं-
(1) निवासी करदाता (Resident Assessee); (2) अनिवासी करदाता (Non) Resident Assessee)
निवासी करदाता दो प्रकार के हैं- (A) साधारण निवासी (Ordinarily Resident); (B) असाधारण निवासी (Not Ordinarily Resident) ।
आयकर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत निवासीय स्थिति तथा भारत की नागरिकता का आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है। कोई भी करदाता किसी भी श्रेणी की निवासीय में भारत का नागरिक हो भी सकता है या नहीं भी हो सकता है।
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करदाता की निवासीय स्थिति का निर्धारण (Determination of Residential Status of an Assessee)
कोई भी करदाता (व्यक्ति, हिन्दू अविभाजित परिवार, फर्म, कम्पनी, व्यक्तियों का समुदाय आदि) उपरोक्त में से किस श्रेणी का निवासी है, इसका निर्धारण आयकर अधिनिनयम की धारा 6(1) तथा 6(6) में दी गई निम्न शर्तों के आधार पर किया जाता है—
धारा 6( 1 ) की शर्तें या आधारभूत शर्त (Basic Conditions) or मुख्य शर्त (Main Condition)
(i) करदाता गत वर्ष में कुल मिलाकर 162 दिन या इससे अधिक भारत में रहा हो या
(ii) करदाता गत वर्ष से पूर्व के चार वर्षों में कुल मिलाकर कम-से-कम 365 दिन भारत में रहा हो तथा गत वर्ष में 60 दिन (अपवाद की स्थिति में 182 दिन) भारत में रहा हो।
आधारभूत शर्त के अपवाद (Exceptions of Basic Condition )
(a) एक भारतीय नागरिक की दशा में यदि वह व्यक्ति विदेश में रोजगार के लिए भारत से बाहर गया है या भारतीय समुद्री जहाज के कर्मीदल के सदस्य (Crew Member) के रूप में भारत से बाहर गया है तो आधारभूत शर्त को पूरा करने के लिए उसे गत वर्ष (ii) में 60 दिन के स्थान पर कम-से-कम 182 दिन भारत में रहना अनिवार्य होगा।
(b) भारतीय मूल के व्यक्ति या भारतीय नागरिक की स्थिति में ऐसा व्यक्ति विदेश में है तथा गतवर्ष भारत में भ्रमण करने आता है तो आधारभूत शर्त (ii) को पूरा करने के लिए उसे गत वर्ष में 60 दिन के स्थान पर कम-से-कम 182 दिन भारत में रहना अनिवार्य होगा।
नोट- एक व्यक्ति भारतीय मूल का ऐसी स्थिति में कहलाता है, यदि वह स्वयं या उसके माता या पिता या उसके दादा या दादी में से कोई भी अविभाजित भारत में पैदा हुआ हो।
धारा 6( 6 )a की शर्तें या अतिरिक्त शर्ते
(i) करदाता सम्बन्धित गत वर्ष से तुरन्त पूर्व के 10 गत वर्षों में कम-से-कम 2 वर्ष भारत का निवासी [धारा 6(1) की शर्तें पूर्ण करे। रहा हो अर्थात् गत वर्ष से पूर्व के 10 वर्षों में से 2 वर्ष पहले भाग की अर्थात् आधार शर्तों की पूर्ति की हो, और
(ii) करदाता सम्बन्धित गत वर्ष से पूर्व के 7 गत वर्षों में कुल मिलाकर कम-से-कम .730 दिन भारत में रहा हो।
(A) एक व्यक्ति की निवासीय स्थिति (Residential Status of an Individual)
1. निवासी या साधारण निवासी (Resident or Ordinarily Resident) – एक व्यक्ति करदाता भारत में निवासी या साधारण निवासी तभा कहलाएगा जब वह आधारभूत शर्तों धारा 6(1) में से कम-से-कम एक शर्त पूरी कर दे तथा अतिरिक्त दोनों शर्तें धारा 6 (6) (a) को भी पूरा कर दे।
2. असाधारण निवासी (Not Ordinarily Resident )- एक व्यक्ति करदाता असाधारण निवासी तब माना जाता है जब वह धारा 6(1) की दोनों शर्तों में से कम-से-कम एक शर्त पूरी कर दे तथा धारा 6(6) (a) की दोनों शर्तों में से केवल एक शर्त पूरी करता हो या कोई भी शर्त पूर्ण न करता हो ।
3. अनिवासी (Non Resident)– एक व्यक्ति करदाता जब आधारभूत शर्तों जो धारा 6(1) की कोई भी शर्त पूरी न करता हो तो वह भारत में अनिवासी कहलाएगा। ऐसा करदाता अतिरिक्त शर्तों को पूरा करे या ना करे यह महत्वहीन है।
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(B) हिन्दू अविभाजित परिवार की निवासीय स्थिति (Residential Status of H.U.E.) –
1. भारत में साधारण निवासी (Ordinarily Resident in India) यदि हिन्दू अविभाजित परिवार का नियन्त्रण एवं प्रबन्ध पूर्णतः या आंशिक रूप से भारत में होता है तथा की दोनों अतिरिक्त हिन्दु अविभाजित परिवार का प्रधान या मुख्यकर्ता या मुखिया धारा 6(6)(a) शर्तों को पूरा करता है तो ऐसा परिवार भारत में साधारण निवासी माना जाता है।
2. भारत में असाधारण निवासी (Not Ordinarily Resident in India)— यदि हिन्दू अविभाजित परिवार का प्रबन्ध एवं नियन्त्रण पूर्णतः या आंशिक रूप से भारत में स्थित है तथा परिवार का मुखिया निम्न दोनों शर्तों को पूरा नहीं करता है तो हिन्दू अविभाजित परिवार भारत में असाधारण निवासी माना जायेगा-
(i) सम्बन्धित गत वर्ष से पूर्व के 10 गत वर्षों में कम-से-कम 2 वर्ष भारत का निवासी रहा हो।
(ii) सम्बन्धित गत वर्ष से पूर्व के 7 गत वर्षों में कम-से-कम 730 दिन भारत में रहा हो।
3. भारत में अनिवासी (Non Resident in India)- यदि किसी हिन्दू अविभाजित परिवार का सम्पूर्ण नियन्त्रण एवं प्रबन्ध भारत के बाहर हो तो हिन्दू अविभाजित परिवार अनिवासी माना जाएगा।
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(C) फर्म या व्यक्तियों के संघ की निवासीय स्थिति (Residential Status of Firm and Association of Persons)
कोई भी फर्म या व्यक्तियों का समूह असाधारण निवासी नहीं हो सकता। वह या तो निवासी होगा या अनिवासी ।
1. निवासी (Resident)– कोई भी फर्म या व्यक्तियों का समुदाय भारत में साधारण निवासी तब माना जायेगा जब उसका नियन्त्रण एवं प्रबन्ध आंशिक या पूर्ण रूप से भारत से संचालित किया जा रहा हो तथा इसको भारत से ही निर्देश दिये जा रहे हो।
2. अनिवासी (Non Resident)- यदि किसी फर्म या व्यक्तियों के समुदाय का सम्पूर्ण नियन्त्रण एवं प्रबन्ध पूर्ण रूप से भारत के बाहर से होता है तो इसे अनिवासी माना जायेगा। नोट- फर्म या व्यक्तियों का संघ/समुदाय असाधारण निवासी नहीं होते हैं।
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(D) कम्पनी की निवासीय स्थिति (Resident Status of Company)
1. भारत में निवासी (Resident in India)– यदि कोई कम्पनी भारतीय कम्पनी है या अन्य कोई कम्पनी है जिसका नियन्त्रण एवं प्रबन्ध पूर्ण रूप से भारत से ही होता है तो ऐसी कम्पनी को भारत में निवासी माना जाता है।
यदि कोई कम्पनी, कम्पनी अधिनियम, या इससे पूर्व प्रचलित अधिनियम के अन्तर्गत भारत में समामेलित हुई हो तो इसे भारतीय कम्पनी माना जाएगा चाहे उसका नियन्त्रण एवं प्रबन्ध भारत के बाहर से होता हो
2. अनिवासी (Non Resident )- ऐसी कम्पनी जो न तो भारतीय कम्पनी है। और न ही उसका सम्पूर्ण नियन्त्रण एवं प्रबन्ध भारत से होता है, अनिवासी कम्पनी कहलायेगी।
(E) अन्य व्यक्तियों की निवासीय स्थिति (Residential Status for Other Persons)
1. भारत में निवासी होना (Resident in India)- यदि किसी अन्य व्यक्ति का नियन्त्रण एवं प्रबन्ध का पूर्ण या आंशिक भाग भारत में स्थित है तब वह निवासी माना जाएगा।
2. भारत में अनिवासी होना (Non Resident in India) यदि किसी अन्य व्यक्ति का सम्पूर्ण नियन्त्रण एवं प्रबन्ध भारत के बाहर से होता है तो उसे अनिवासी माना जाता है।
नोट- 1. अन्य व्यक्ति कभी भी असाधारण निवासी नहीं होते हैं।
2. केवल एक व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार निवासी, असाधारण निवासी या अनिवासी हो सकते हैं। इसके अलावा और सभी करदाता सिर्फ निवासी या अनिवासी हो सकते हैं परन्तु असाधारण निवासी नहीं हो सकते।
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