एक उत्तम स्वास्थ्य का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए उसके लक्षणों का वर्णन कीजिए।
एक उत्तम स्वास्थ्य का अर्थ एंव परिभाषा- साधारणतया स्वास्थ्य का अर्थ व्यक्ति की रोगमुक्त दशा से लगाया जाता है. जबकि स्वास्थ्य का सही अर्थ यह नहीं होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ‘स्वास्थ्य’ शब्द में मनुष्य का केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं वरन् उसके मानसिक एवं संवेगात्मक स्वास्थ्य को भी सम्मिलित किया जाता है। आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान भी मानव शरीर के विभिन्न अंगों की अधिकतम पुष्टि और विकास करके मनुष्य की कार्यकुशलता बढ़ाने की बात कहता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1984 में स्वास्थ्य की परिभाषा इस प्रकार दी है— “शरीर केवल रोग और दुर्बलता से मुक्त न हो बल्कि वही शरीर स्वस्थ होगा जिसमें शारीरिक व मानसिक शक्तियों का पूर्ण विकास हो, साथ ही सामाजिक रूप से वह एक कुशल व्यक्ति हो। “
स्वास्थ्य की परिभाषा
ऑक्सफोर्ट इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, “स्वास्थ्य से अभिप्राय है शरीर या मन की निरोगता (मजबूती)। यह वह स्थिति है जिसमें शरीर व मन के कार्य पूर्ण व कारगर ढंग से सिरे चढ़ते हैं।”
वोल्टमर व ऐस्लिंगर के अनुसार — “स्वास्थ्य वह मानसिक व शारीरिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने शारीरिक अंगों के माध्यम से अपने पर्यावरण में अच्छी तरह ढल कर उत्तम कार्य कर सकता है। “
वेबस्टर के अनुसार, “स्वास्थ्य शरीर, मन व रूप की ओर से मजबूत होने की वह स्थिति है जिसमें इन्सान को शारीरिक रोग या दुःख दर्द से पूरी तहर मुक्त रहता है।”
सिद्धलिंगइया के अनुसार, “स्वास्थ्य का लक्ष्य विकास को अधिक पुख्ता, जीवन को अधिक ओजस्वी, उत्प्रवणता की अधिक सुस्त गति और मौत को अधिक दूर ले जाना है।”
उत्तम स्वास्थ्य के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन की परिभाषा के अनुसार कोई भी व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ माना जायेगा जिसमें शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक स्वास्थ्य सम्बन्धी निम्नलिखित लक्षण होंगे-
शारीरिक स्वास्थ्य – शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के ये लक्षण होते है
- प्रत्येक कार्य को उत्साह के साथ करता हो,
- शरीर का भार व लम्बाई आयु के अनुसार हो,
- शरीर की त्वचा साफ व चमकीली हो,
- आँखे चमकदार हो,
- बाल घने व चमकदार हों,
- जिसे गहरी निद्रा आती हो,
- जिसे भूख ठीक लगती हो ।
मानसिक स्वास्थ्य – मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के ये लक्षण होते हैं-
- सभी प्रकार के संवेगों पर उसका नियंत्रण रहता है अर्थात् उसे बहुत तीव्र क्रोध आदि कभी नहीं आता है।
- आवश्यकतानुसार संवेदनशील होता है अर्थात् दुख के अवसर पर दुःखी और सुख के अवसर पर खुश होता है।
- छोटी-छोटी बातों पर तुरन्त तनाव व चिंता में नहीं आता है।
- उसे अपने ऊपर पूर्ण विश्वास होता है।
सामाजिक स्वास्थ्य – सामाजिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के ये लक्षण होते हैं-
- उसके अपने मित्रों, सम्बन्धियों आदि सभी से मधुर सम्बन्ध बने हुए होते हैं।
- वह दूसरों को सहयोग देने के लिये सदैव तत्पर रहता है।
- प्रत्येक के साथ उचित व्यवहार करता है।
- दूसरों के प्रति अपने कर्त्तव्यों एवं जिम्मेदारियों को पूरा करता है।
- समाज एवं राष्ट्र के उत्थान में सहयोग करता है।
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