परिपत्र का अर्थ, इसका प्रारूप एवं उदाहरण
परिपत्र से क्या आशय है? इसका प्रारूप एवं उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
परिपत्र का अर्थ : जब कोई सूचना या निर्देश एक साथ अनेक कार्यालयों को प्रेषित की जाती है, तो उसे परिपत्र कहते हैं। सूचना की पुष्टि के लिए प्रायः परिपत्र के साथ एक अलग नोटिस प्रेषित की जाती है।
प्रायः कार्यालयों में परिपत्र के मुद्रित फार्म होते हैं जिन पर उस कार्यालय या कार्यालय का नाम मुद्रित रहता है। यह पत्र लगभग ज्ञापन के रूप में होता है।
सबसे ऊपर दाहिने परिपत्र संख्या लिख दी जाती है और उसके बाद थोड़ी जगह छोड़कर अगली पंक्ति के लगभग मध्य में विषय का संकेत रहता है। प्रेषक का नाम तभी दिया जाता है जब परिपत्र मुख्यालय से बाहर अधीनस्थ कार्यालयों को प्रेषित किया जाता है। इसमें संदर्भ, संबोधन और अधोलेख (भवदीय) की आवश्यकता नहीं होती है। हस्ताक्षर और कोष्ठक में नाम तथा पदनाम अंकित हो।
यदि कोई संलग्नक हो तो ‘संलग्नक’ लिखकर उसके बारे में लिख देना चाहिए।
उदाहरण-
परिपत्र का प्रारूप एवं उदाहरण :
सं0………
प्रेषक,
मुख्य सचिव,
उत्तर प्रदेश शासन,
लखनऊ
सेवा में,
उत्तर प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष, मण्डल-आयुक्त,
जिलाधिकारी और अन्य प्रमुख कार्यालयाध्यक्ष।
लखनऊ, दिनांक…..
महोदय,
विषय : शनिवार को कार्यालय अवकाश
मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि शासनादेश सं0……. दिनांक……. को रद्द करते हुए, राज्यपाल महोदय की आज्ञा से 1 अप्रैल 2017 से प्रत्येक महीने के प्रथम शनिवार को आधे दिन के अवकाश के बजाय, राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सभी कार्यालय और संस्थाओं में, प्रत्येक महीने के द्वितीय शनिवार को पूर्ण अवकाश रहा होगा।
भवदीय
हस्ताक्षर
( )
मुख्य सचिव
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ प्रेषित-
1.सचिवालय के समस्त अनुभाग
2.विधानसभा सचिवालय
3.विधान परिषद् सचिवालय
4.महालेखाकार, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद
5. राज्यपाल के सचिव
6. मुख्यमंत्री के सचिव
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