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जनसंख्या शिक्षा का अर्थ | Meaning of Population Education

जनसंख्या शिक्षा का अर्थ
जनसंख्या शिक्षा का अर्थ

जनसंख्या शिक्षाका अर्थ
Meaning of Population Education

जनसंख्या शिक्षा का अर्थ- जनसंख्या शिक्षा से अभिप्राय परिवार, समाज, देश तथा संसार में जनसंख्या की स्थिति का अध्ययन करना है। जनसंख्या शिक्षा की अवधारणा का उदय अनेक देशों में जनसंख्या विस्फोट के कारण हुआ। जनसंख्या शिक्षा न तो परिवार नियोजन है और न यौन शिक्षा किन्तु इन दोनों से सम्बन्धित बातों का समावेश जनसंख्या शिक्षण में किया जा सकता है। जनसंख्या शिक्षा परिवार को छोटा या बड़ा रखने की शिक्षा देने वाली शिक्षा भी नहीं कही जा सकती। जनसंख्या शिक्षा का सम्बन्ध सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक उत्थान से है। इस दृष्टि से जनसंख्या शिक्षा जीवन-स्तर को उच्च बनाने तथा सुखी जीवन की सम्भावनाओं की वृद्धि करने वाली शिक्षा है। अतः जनसंख्या शिक्षा के अन्तर्गत हम निम्नलिखित बिन्दुओं पर विचार करते हैं-

(1) जनसंख्या शिक्षा एक शैक्षिक कार्यक्रम है, जिसमें जनसंख्या के आकार में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप व्यक्तिगत तथा सामाजिक प्रभावों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती हैं।

(2) जनसंख्या शिक्षा वह शिक्षा है, जिसके द्वारा छात्रों को जनसंख्या वृद्धि और जीवन-स्तर के सम्बन्धों की जानकारी प्रदान की जाती है।

(3) जनसंख्या शिक्षा के द्वारा छात्रों को जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के प्रति जागरूक बनाकर उनमें सामाजिक, आर्थिक तथा राष्ट्रीय जीवन में सन्तुलन बनाये रखने की भावना जागृत की जाती है।

(4) यह एक ऐसा शैक्षिक कार्यक्रम है, जिससे छात्रों में निम्नलिखित बिन्दु विकसित होते हैं-

  1. जनसंख्या स्वयं जीवन गुणवत्ता के मध्य अन्त:सम्बन्धों का अवबोध ।
  2. जनसंख्या समस्याओं के प्रति उत्तरदायी रुख और व्यवहार ।
  3. जनसंख्या से सम्बन्धित मसलों पर विवेकपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता।
  4. जनसंख्या विस्फोट रूपी राष्ट्रीय समस्या के प्रति शैक्षिक उत्तरदायित्व।
  5. जनसंख्या नीति का एक प्रभावशाली अंग।

जनसंख्या शिक्षा की परिभाषाएँ अग्रलिखित प्रकार हैं-

(1) यूनेस्को के अनुसार, “जनसंख्या शिक्षा एक शैक्षिक कार्यक्रम है, जिसके कारण परिवार, समुदाय, राष्ट्र और विश्व की जनसंख्या की स्थिति का बोध कराया जाता है, जिससे विद्यार्थियों में इस स्थिति के प्रति तर्कपूर्ण दृष्टिकोण तथा उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार विकसित किया जा सके।”

(2) बी. के. आर. बी. राव के शब्दों में, “जनसंख्या शिक्षा केवल जनसंख्या चेतना से ही सम्बन्धित नहीं वरन् इसके प्रति विकसित मूल्यों के दृष्टिकोण से भी सम्बन्धित है। अत: इसकी गुणात्मकता एवं मात्रात्मकता का ध्यान भी रखा जाय।

(3) जनसंख्या शिक्षा गोष्ठी, 1970 बैंकाक के मत में, “जनसंख्या शिक्षा एक ऐसा शैक्षिक कार्यक्रम है, जो छात्रों में जनसंख्या की स्थिति सम्बन्धी परिवार, समाज तथा देश के सन्दर्भ में उचित तथा उत्तरदायी दृष्टिकोण एवं व्यवहार विकसित करने का प्रयास करता है।”

(4) जनसंख्या शिक्षा गोष्ठी, 1972 फिलीपाइन का मानना है-“जनसंख्या शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा लोगों में व्यक्ति, परिवार, समाज और देश के लिये अच्छा जीवन-स्तर प्राप्त करने हेतु जनसंख्या स्थिति के बारे में उचित जानकारी, दृष्टिकोण एवं व्यवहार तथा जागृति का विकास करना है।”

(5) यूनेस्को ECAPE जनसंख्या शिक्षा गोष्ठी के अनुसार-“जनसंख्या शिक्षण एक शैक्षिक कार्यक्रम है, जो जनसंख्या परिस्थिति की शिक्षा, पारिवारिक परिप्रेक्ष्य, समुदाय, राष्ट्र और अन्तर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का सापेक्ष अध्ययन इस उद्देश्य से करायें कि विकासमान छात्रों से वांछित एवं उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहारों का परिमार्जन परिस्थितियों के अनुरूप करें।’

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