जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता
Need of Population Education
आज के जनसंख्या विस्फोट के परिप्रेक्ष्य में जीवन-स्तर को उन्नत बनाने के लिये तथा राष्ट्र को विकास की ओर गतिशील करने के लिये जनसंख्या शिक्षा परमावश्यक है। यह तभी सम्भव होगा, जब जनसंख्या शिक्षा का राष्ट्रव्यापी समुचित प्रचार-प्रसार एवं उपयुक्त क्रियान्वयन हो। अत: जनसंख्या शिक्षा निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है-
(1) जीवन स्तर एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिये।
(2) उचित आवास समस्या एवं मानसिक एवं सामाजिक अशान्ति के कारणों को दूर करने के लिये।
(3) नागरिक चेतना के विकास के आर्थिक स्रोतों की खोज के लिये।
(4) जनसंख्या के विस्फोट को नियन्त्रित करने एवं मानसिक और मनोवृत्तिमूलक नियन्त्रण के लिये।
(5) भौतिक साधनों तथा जनसंख्या के मध्य असन्तुलन कम करने के लिये।
(6) प्रचलित कुप्रथाओं एवं मान्यताओं को कम करने के लिये।
(7) सभी को रोटी, कपड़ा और मकान उपलब्ध कराने के लिये।
(8) गरीबी की रेखा पार करने के लिये।
(9) अपने राष्ट्र को सुन्दर, साफ और सुसज्जित बनाने के लिये।
जनसंख्या शिक्षा का महत्त्व
Importance of Population Education
बुखारेस्ट जनसंख्या शिक्षा संगोष्ठी की घोषणा के अनुसार जनसंख्या शिक्षा के अग्रलिखित महत्त्व को स्वीकारा गया है-
(1) उन्नति की प्रेरणा प्रदान करने में इस शिक्षा का सर्वोपरि स्थान है तथा इसके द्वारा युवक-युवतियाँ अपनी उन्नति के लिये संकल्पित होने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
(2) इस शिक्षा का चरम उद्देश्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय उन्नति के लिये भावी नागरिकों के ज्ञान, कौशल, योग्यताओं एवं अभिवृत्तियों के उन्नयन पर सम्पूर्ण मानवीय साधनों का विकास करना है।
(3) प्रत्येक राष्ट्र की सम्पूर्ण जनसंख्या के लिये आहार, आवास, स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा के अवसर, उच्च जीवन-स्तर एवं सुखी पारिवारिक जीवन की समस्याओं के हल प्राप्ति से सम्बन्ध होने के कारण जनसंख्या शिक्षा समूची शिक्षा व्यवस्था को वास्तविक एवं सार्थक बनाती है।
(4) जनसंख्या शिक्षा का अत्यन्त विशुद्ध शैक्षिक आधार है। प्रत्येक राष्ट्र की जनसंख्या की विशिष्टताएँ तथा उसमें हो रहे परिवर्तनों का सीधा सम्बन्ध प्रत्येक नागरिकों के सम्पूर्ण जीवन से है, चाहे राष्ट्र की आबादी धनी हो या कम अथवा राष्ट्र विकसित हो या विकासोन्मुखी।
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