जनसंख्या शिक्षा के उद्देश्य
Aims of Population Education
जनसंख्या शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है- वर्तमान विद्यार्थियों को जनसंख्या वृद्धि एवं उससे उत्पन्न समस्याओं के प्रति जागरूक करना, जिससे वे वयस्क होने पर अपने परिवार, राज्य एवं राष्ट्र के प्रति अपनेदायित्व का समुचित निर्वाह कर सकें। इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु शिक्षक-प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में जनसंख्या शिक्षा को सम्मिलित किया गया। फलत: वर्तमान छात्राध्यापकों से यह अपेक्षा की गयी कि वे अपने भावों से जीवन में निरन्तर जनसंख्या शिक्षण के उद्देश्यों की ओर भावी ढंग से अपने छात्रों को सचेत करते रहेंगे और अपने राष्ट्रीय दायित्व का वहन कर सकेंगे। जनसंख्या शिक्षा के निम्नलिखित सामान्य उद्देश्य निर्धारित किये गये हैं-
1. मानवीय एवं विकासात्मक उद्देश्य (Human and developmental aims) – जनसंख्या शिक्षा का सम्बोधन अब सम्पूर्ण भावी जीवन की तैयारी के लिये पूर्ण बनता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या और विकास कार्यक्रमों के मध्य सहसम्बन्ध को पहचानने और समझने की क्षमता का विकास करना जनसंख्या शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है। श्रीमती वाडिया अध्यक्ष, परिवार नियोजन संस्थान, मुम्बई के कथनानुसार, “जीवन का पूर्ण मूल दर्शन पुनर्जागृत करना है, जिसके अध्ययन से न केवल अनवरत जनसंख्या की वृद्धि को ही दृष्टिगत रखना है वरन् मानव जीवन के अन्त:सम्बन्धित उन सभी पहलुओं को भी सम्मिलित करना है, जिनका सम्बन्ध सम्पूर्ण मानवीय अस्तित्व एवं उनके कार्यों से, बाह्य परिवेश एवं व्यक्तिगत तथा पारिवारिक सम्बन्धों से है।”
2. भारत की जनसंख्या वृद्धि की दर का ज्ञान (Knowledge of population growth rate of India) – संसार की पृष्ठभूमि में भारत की जनसंख्या की वृद्धि दर तथा संगठन सहित जनसंख्या जनांकिकी का आधारभूत ज्ञान छात्रों में विकसित करना।
3. छोटे परिवार का ज्ञान कराना (Knowledge of small family) – छात्रों में यह प्रवृत्ति विकसित करना कि आज के युग में बड़े परिवार आवश्यक नहीं हैं। पारिवारिक जीवन को सुखी एवं सम्पन्न बनाने के लिये परिवार को संक्षिप्त किया जाना उपयोगी एवं आवश्यक है।
4. स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों का ज्ञान (Knowledge of bad effect on health) – जनसंख्या की वृद्धि से बालक एवं माँ के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों से छात्रों को परिचित कराना एवं छात्रों में स्वस्थ जीवन जीने की आकांक्षा का विकास करना जनसंख्या शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है।
5. उच्च जीवन-स्तर एवं छोटे परिवार के सहसम्बन्ध का ज्ञान (Knowledge of Co-relation between small family and high life standard) – छात्रों में यहसमझ विकसित करना कि छोटे परिवार में ही उच्च जीवन-स्तर सम्भव है। जीवन-स्तर को उच्च बनाने तथा आर्थिक एवं सामाजिक विकास करने के साथ-साथ शिक्षा, आवास, स्वास्थ्य, भोजन तथा जीवन की अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान जनसंख्या के संगठन के महत्त्व को समझाना।
6. जन वृद्धि की हानियों से परिचय कराना (To identify the losses of public growth) – भारत में बढ़ती जनसंख्या एवं देश में किये जा रहे विभिन्न विकास कार्यक्रमों की अपर्याप्तता के सहभागित्व को समझने में सक्षम बनाना। जनवृद्धि का जल, वायु, ध्वनि, आवास, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात, रोजगार एवं अन्य जन-जीवन की प्रमुख आवश्यकताओं पर पड़ने वाले प्रभाव से परिचित कराना।
7.सीमित जनसंख्या और विकास कार्यक्रमों के सहसम्बन्ध का ज्ञान (Knowledge of correlation of limited population and development programmes) – सीमित जनसंख्या और विकास सम्बन्धी कार्यक्रमों के सम्बन्धों और लाभों से परिचित कराना जनसंख्या शिक्षा का उद्देश्य है।
8. परिवार नियन्त्रण कार्यक्रमों का ज्ञान (Knowledge of family control programmes) – छात्रों को यह प्रतीत कराना कि परिवार नियन्त्रित हो सकता है। सन्तानोत्पत्ति भाग्य पर निर्भर नहीं है। जैविक कारकों एवं सन्तानोत्पत्ति की प्रक्रिया का ज्ञान एवं प्रतिफलस्वरूप इस धारणा का विकास कर पाना कि परिवार का आकार माता-पिता के निर्णय पर निर्भर करता है, जनसंख्या शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है।
9. परिवार नियोजन एवं परिवार कल्याण कार्यक्रमों का ज्ञान (Knowledge of family planning and family welfare programmes) – इस शिक्षा का उद्देश्य है देश की आवश्यकता की पृष्ठभूमि में सरकार द्वारा चलाये जा रहे परिवार नियोजन एवं परिवार कल्याण कार्यक्रमों से छात्रों को परिचित कराना।
10. नारी सम्मान का ज्ञान कराना (Knowledge of woman respect) – नारी को समाज में उचित स्थान देन के ज्ञान का विकास करना भी इस शिक्षा का उद्देश्य है।।
11. निर्णयात्मक प्रवृत्ति का विकास (Development of decisive habit) – छात्रों में जनसंख्या सम्बन्धी प्रश्नों के सन्दर्भ में उचित निर्णय लेने की प्रवृत्ति का विकास करना इस शिक्षा का उद्देश्य है।
12. उत्तरदायित्व की भावना का विकास (Development of spirit of responsibility) – शिक्षार्थियों में राष्ट्र एवं संसार के कल्याण हेतु उत्तरदायित्व की भावना तथा परिवर्तित प्रवृत्तियों का विकास कराना जनसंख्या शिक्षा का उद्देश्य है।
13. विकास के सन्तुलन का ज्ञान (Knowledge of balance of development) – प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों के विकास में सन्तुलन बनाये रखने का ज्ञान प्रदान कराना भी जनसंख्या शिक्षा का उद्देश्य है।
Important Links
- पारस्परिक सौहार्द्र एवं समरसता की आवश्यकता एवं महत्त्व |Communal Rapport and Equanimity
- पारस्परिक सौहार्द्र एवं समरसता में बाधाएँ | Obstacles in Communal Rapport and Equanimity
- प्रधानाचार्य के आवश्यक प्रबन्ध कौशल | Essential Management Skills of Headmaster
- विद्यालय पुस्तकालय के प्रकार एवं आवश्यकता | Types & importance of school library- in Hindi
- पुस्तकालय की अवधारणा, महत्व एवं कार्य | Concept, Importance & functions of library- in Hindi
- छात्रालयाध्यक्ष के कर्तव्य (Duties of Hostel warden)- in Hindi
- विद्यालय छात्रालयाध्यक्ष (School warden) – अर्थ एवं उसके गुण in Hindi
- विद्यालय छात्रावास का अर्थ एवं छात्रावास भवन का विकास- in Hindi
- विद्यालय के मूलभूत उपकरण, प्रकार एवं रखरखाव |basic school equipment, types & maintenance
- विद्यालय भवन का अर्थ तथा इसकी विशेषताएँ |Meaning & characteristics of School-Building
- समय-सारणी का अर्थ, लाभ, सावधानियाँ, कठिनाइयाँ, प्रकार तथा उद्देश्य -in Hindi
- समय – सारणी का महत्व एवं सिद्धांत | Importance & principles of time table in Hindi
- विद्यालय वातावरण का अर्थ:-
- विद्यालय के विकास में एक अच्छे प्रबन्धतन्त्र की भूमिका बताइए- in Hindi
- शैक्षिक संगठन के प्रमुख सिद्धान्त | शैक्षिक प्रबन्धन एवं शैक्षिक संगठन में अन्तर- in Hindi
- वातावरण का स्कूल प्रदर्शन पर प्रभाव | Effects of Environment on school performance – in Hindi
- विद्यालय वातावरण को प्रभावित करने वाले कारक | Factors Affecting School Environment – in Hindi
- प्रबन्धतन्त्र का अर्थ, कार्य तथा इसके उत्तरदायित्व | Meaning, work & responsibility of management
- मापन के स्तर अथवा मापनियाँ | Levels or Scales of Measurement – in Hindi
- निकष संदर्भित एवं मानक संदर्भित मापन की तुलना- in Hindi
- शैक्षिक मापन की विशेषताएँ तथा इसके आवश्यक तत्व |Essential Elements of Measurement – in Hindi
- मापन क्या है?| शिक्षा के क्षेत्र में मापन एवं मूल्यांकन की आवश्यकता- in Hindi
- प्राकृतिक और मानव निर्मित वस्तुएँ | Natural & Human made things – in Hindi
- विद्यालय प्रबन्धन का अर्थ तथा इसके महत्व |Meaning & Importance of School Management in Hindi