सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद, प्रकार एवं उदाहरण
वे शब्द जो सभी संज्ञाओं के बदले प्रयुक्त होते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे- भारत में अनेक नदियाँ हैं। ये सभी उपयोगी हैं। यहाँ ‘ये’ शब्द ‘नदियों’ से सम्बन्धित है। अतः ‘ये’ शब्द सर्वनाम है।
सर्वनाम के भेद
हिन्दी में सर्वनाम की संख्या 11 है – मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, ‘कोई, कुछ, कौन एवं क्या। सर्वनाम के 6 भेद होते हैं-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
जो शब्द संज्ञा शब्द के स्थान पर प्रयुक्त हो और व्यक्ति विशेष (स्त्री, पुरुष) को सम्बोधित करता हो, वह शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाता है। पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं- (अ) उत्तम पुरुष सर्वनाम, (ब) मध्यम पुरुष सर्वनाम तथा (स) अन्य पुरुष सर्वनाम। उदाहरण- मैंने तुमसे कहा कि वह कल आयेगा।
इस वाक्य में ‘मैंने ‘ उत्तम पुरुष सर्वनाम, ‘तुमसे’ मध्यम पुरुष सर्वनाम तथा ‘वह’ अन्य पुरुष सर्वनाम है।
2. निजवाचक सर्वनाम
वक्ता या लेखक जहाँ अपने लिये आप शब्द या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है, वहाँ ये शब्द निजवाचक सर्वनाम होते हैं; जैसे-
(अ) मैं आप ही आ रहा था। (ब) मैं अपने आप काम कर दूँगा ।
‘अपने आप’ सर्वनाम का प्रयोग मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के लिये भी होता है।
3. प्रश्नवाचक सर्वनाम
प्रश्न पूछने के लिये जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उनको प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे (अ) कौन शोर मचा रहा है ? (ब) किसने इसको पीटा है ?
4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ सम्बन्ध प्रकट करने के लिये जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे- (अ) जिसका काम ऊँचा, उसका नाम ऊँचा। (ब) जो जागता है वह पाता है, जो सोता है वह खोता है। इन वाक्यों में’जो’, ‘जिसका ‘ सम्बन्ध वाचक सर्वनाम हैं।
5. निश्चयवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम शब्द, जिनसे किसी निश्चित वस्तु का बोध होता है, निश्चय वाचक सर्वनाम कहलाते हैं। यह, वह, ये निश्चयवाचक सर्वनाम हैं; जैसे- (अ) यह अच्छा लड़का है। (ब) वह बुरी लड़की है। यह, ये, वह निश्चयवाचक सर्वनाम हैं।
6. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम शब्द, जिनसे किसी निश्चित वस्तु का बोध न हो, अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे (अ) कोई वहाँ खड़ा था। (ब) कुछ मुझे भी दे दो। यहाँ कोई, कुछ अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं। इनसे किसी निश्चित पुरुष अथवा वस्तु का बोध नहीं होता है।
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