शब्द से आप क्या समझते हैं?
हम भाषा का प्रयोग अपने भावों और विचारों के आदान-प्रदान के लिये करते हैं। इसका प्रयोग चाहे हम लिखित रूप में या मौखिक रूप में कर रहे हों, किसी भी स्थिति में अपनी बात वाक्यों के सहारे एक-दूसरे तक पहुँचाते हैं। एक या एक से अधिक ध्वनियों के मेल से जिस खण्ड का निर्माण होता है, वह शब्द कहलाता है। अन्य शब्दों में, “एक या एक , से अधिक सार्थक ध्वनि-समूह के मेल से जिस खण्ड का निर्माण होता है और भाषा के अर्थ .को वहन करता है, शब्द कहलाता है।” इसलिये शब्दों के बिना भाषा का कोई अस्तित्व नहीं है।
शब्द की परिभाषा
शब्द को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया जाता है-
(1) अक्षरों या वर्णों के समुदाय विशेष शब्द बनाते हैं।
(2) व्यक्ति के विचारों के प्रतीक रूप में उच्चारित की जाने वाली ध्वनियों के समूह या संकेतों के समूह को शब्द कहते हैं।
(3) श्रवणेन्द्रियों से सुना जाने वाला प्रत्येक नाद शब्द है।
(4) व्याकरण की दृष्टि से स्वतन्त्र एवं सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं।
(5) संस्कृत व्याकरण में वाक्य से अलग अप्रयुक्त पद या पाद को शब्द कहते हैं।
(6) शब्द से तात्पर्य उस ध्वनि से है जिसे सुनकर किसी अर्थ का बोध होता हो।
(7) शब्द एक या एक से अधिक अक्षरों के योग से बनी वह ध्वनि है जिससे अपने स्वतन्त्र रूप में अथवा किसी वाक्य में प्रयुक्त होने पर एक निश्चित अर्थ की प्रतीति होती हैं।
शब्द की विशेषताएँ
शब्द की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
(1) शब्दों के मेल से वाक्य बनता है।
(2) वाक्यों में प्रयोग किये गये शब्द पद कहलाते हैं।
(3) शब्दों के बिना भाषा बेकार है।
(4) बोलने तथा लिखने में शब्दों का प्रयोग करते हैं।
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