सामाजिक विज्ञान के अध्यापक के मुख्य कर्त्तव्य
डेविस ने कहा है, “प्रत्येक विद्यालय की सफलता मुख्य रूप से शिक्षक पर निर्भर द्वारा भी कोई समुदाय प्रभावशाली विद्यालयों का निर्माण नही कर सकता है।”
सुकरात ने भी कहा था, “यदि व्यक्ति में सद्ज्ञान व सद्गुण निहित है तो वह सद्व्यवहार अवश्य करेगा। अतः गुणो के साथ अध्यापक को अपने कर्त्तव्यों का पालन भी अवश्य करना चाहिए।” वे कर्त्तव्य निम्न हो सकते है।
(1) अपने गुणो को संजोने के प्रति दायित्व ।
(2) छात्रों के साथ मित्रवत् व्यवहार।
(3) छात्रों की रूचियो एंव आवश्यकताओं पर ध्यान देना।
(4) सभी छात्रों को समान दृष्टि से देखना।
(5) मनोवैज्ञानिक विधियों द्वारा शिक्षण कार्य ।
(6) छात्रों की समस्याओं एंव आवश्यकताओं की जानकारी रखना।
(7) छात्रों को गणित के प्रति प्रोत्साहन प्रदान करना।
(8) छात्रों से सहयोग प्राप्त करना तथा उन्हें सहयोग देना।
(9) पाठ्य सहगामी क्रियाओं में छात्रों के साथ भाग लेना।
(10) छात्रों के व्यक्तिगत जीवन में मार्ग प्रदर्शन करना।
(11) दूसरे साथी अध्यापकों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार।
(12) अध्यापक, साथियों की समस्याओं के समाधान में सहयोग।
(13) प्रधानाचार्य द्वारा निर्धारित कार्यों को निष्ठा से पूर्ण करना।
(14) प्रधानाचार्य को सम्भव सहयोग देना।
(15) छात्रों के अभिभावकों से उचित सम्बन्ध व अच्छा व्यवहार हो।
(16) समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करे
(17) राष्ट्रहित में व्यक्तिगत हित को त्याग सके।
(18) अपनी संस्कृति के संरक्षण में योगदान दे सके।
(19) अनुशासन कायम रखने में मदद कर सके ।
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