अध्यापक का स्वयं मूल्यांकन
(1) पाठ्यक्रमीय क्रियाएँ:
(A) कक्षा शिक्षण
(i) क्या वर्ष के प्रारंभ मे सत्रानुसार पाठ्यक्रम तैयार किया गया।
(ii) पाठ्यक्रम पूरा किया गया।
(iii) पाठ्यक्रम को जो अंश पूरा किया गया, उसके कारण।
(iv) पाठ-योजना
-क्या 5 प्रतिशत आदर्श पाठ-योजना डायरी में दर्शायी गई अथवा नहीं?
-क्या कक्षा ने उपरोक्त प्रतिशत पाठो का हृदयगम किया ?
-क्या श्रव्य-दृश्य सामग्री का प्रयोग किया गया था ?
-क्या पहले से श्रव्य-दृश्य सामग्री तैयार की गई थी ?
(v) गृह-कार्य
क्या कक्षा कार्य तथा गृह कार्य के लिए अलग-अलग अभ्यास पुस्तकें रखी जाती है ?
– औसत प्रति सप्ताह कितना गृह-कार्य दिया जाता है ?
कापियाँ जाँचने की क्या पद्धति है ?
क्या अनुवर्ती कार्य किया गया अथवा नही ?
(vi) कक्षादत्त कार्य
कार्य की जाँच तथा अनुवर्ती कार्य ।
(vii) प्रतिभाशाली तथा कमजोर छात्र की पहचान
-दोनों पक्षों में निष्पादन संबंधी कदम जो उठाये गये।
(viii) छात्रों में पलायनशीलता रोकने संबंधी कदम जो उठाये गये।
(B) मूल्यांकन
(i) निरीक्षण
(ii) कक्षा कार्य / गृहकार्य का मूल्यांकन
(iii) टेस्ट तथा परीक्षा उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन
(C) अभिलेखो का रख-रखाव
(i) कक्षा उपस्थिति रजिस्टर
(ii) अध्यापक डायरी
(iii) प्रगति-पत्र तथा परीक्षा परिणाम अभिलेख
(iv) अन्य अभिलेख
(D) शैक्षिक निर्देशन
-अभिभावको को, छात्रों को उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिये।
(E) वृत्तिक विकास
-पुस्तकें पढ़ी गई
-गोष्ठियाँ तथा कार्यशालाओं जिनमें भाग लिया गया
(F) संबंधात्मक विवरण
– अभिभावक
-साथी अध्यापक
– छात्र
(2) पाठ्यांतर क्रियाएँ
-पाठ्यांतर क्रियायें जो की गई
– खेल/राष्ट्रीय सेवा कार्य / स्कूल उत्सव
– उपलब्धियाँ क्या है ?
(3) समुदाय सेवाएँ
-समुदाय के लिए किये गए कार्य का ब्यौरा
तिथि……. अध्यापक के हस्ताक्षर
Important Links
- मानचित्र का अर्थ | मानचित्र के उपयोग
- चार्ट का अर्थ | चार्ट के प्रकार | चार्टो का प्रभावपूर्ण उपयोग
- ग्राफ का अर्थ | ग्राफ के प्रकार | ग्राफ की शैक्षिक उपयोगिता
- पाठ्यचर्या का अर्थ और परिभाषा
- फिल्म खण्डों के शैक्षिक मूल्य
- मापन और मूल्यांकन में अंतर
- मापन का महत्व
- मापन की विशेषताएँ
- व्यक्तित्व का अर्थ एवं स्वरूप | व्यक्तित्व की मुख्य विशेषताएं
- व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक
- व्यक्तित्व क्या है? | व्यक्तित्व के शीलगुण सिद्धान्त
- व्यक्तिगत विभिन्नता का अर्थ और स्वरूप
- व्यक्तिगत विभिन्नता अर्थ और प्रकृति
- व्यक्तिगत विभिन्नता का क्षेत्र और प्रकार