उपग्रह अनुदेशनात्मक दूरदर्शन प्रयोग की उपयोगिता
भारत में सम्प्रेषण माध्यम, दूरदर्शन एक नया सम्प्रत्यय है शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावशाली सम्प्रेषण आवश्यक है। दूरदर्शन का विस्तार सीमित है, लेकिन उपग्रह की सहायता से उसका विस्तार बढ़ा दिया गया है। पूर्व में उपग्रह द्वारा शिक्षा देने का कार्य केवल राष्ट्रीय चैनल (N.C.E.R.T.) के माध्यम से किया जाता था। परन्तु अब 21वीं शताब्दी में निजी चैनलो की बाढ़ सी आ गई है। इन चैनलो के द्वारा विद्यार्थी को सामाजिक अध्ययन में विभिन्न पक्षों से अवगत करवाया जा रहा है। उपग्रह दूरदर्शन योजना के निम्नलिखित उपयोग सम्भव है।
(a) इसका प्रयोग कक्षा में तथा कक्षा से बाहर किया जा सकता है।
(b) इसमें विभिन्न विषयों के विशिष्ट ज्ञान का प्रसारण किया जा सकता है।
(c) इसके माध्यम से ‘दूरस्था शिक्षा’ प्रदान की जा रही है।
(d) प्रौढ़ शिक्षा तथा अनौपचारिक शिक्षा में प्रभावशाली ढंग से प्रयोग किया जा रहा है।
(e) दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विकास में उपयोग किया जा रहा है।
(f) ग्रामीण जनसंख्या को शैक्षिक ज्ञान देने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।
(g) इस योजना का उपयोग आर्थिक विकास के अतिरिक्त सामाजिक मूल्यों के विकास के लिए भी किया जा सकता है।
भारतवर्ष में उपग्रह दूरदर्शन योजना पर जो प्रयोग किये गये है। उनके परिणामों से यह ज्ञात होता है कि अनुदेशनात्मक प्रक्रिया तथा सम्प्रेषण माध्यम को प्रभावशाली बनाया जा सकता है। अतः शैक्षिक प्रणाली तथा कक्षा वातावरण के लिए इस योजना का विशेष महत्व है।
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