पाठ्य पुस्तक की साज-सज्जा की व्यवस्था
पाठ्य पुस्तक की साज-सज्जा:- पुस्तक की साज-सज्जा को दो भागों में व्यवस्थित किया जा सकता है-
(A) आन्तरिक साज-सज्जा
(i) पुस्तक के प्रारम्भ में विषय-सूची, चित्र सूची, तालिका सूची तथा पुस्तक में प्रयुक्त तकनीकी व संक्षिप्त शब्दो की सूची होनी चाहिए।
(ii) पुस्तक की छपाई स्पष्ट, शीर्ष व उपशीर्षक आवश्यकतानुसार मोटे में टाईप होने चाहिए व अन्य शब्दों का आकार आसानी से पढ़ने योग्य होना चाहिए।
(iii) टाइप-सामग्री को आवश्यकता से अधिक फैलाकर पुस्तक का आकार बड़ा नहीं किया हुआ हो, मार्जिन उचित व सामान्य होना चाहिए।
(iv) पुस्तक में आवश्यकतानुसार उदाहरणों, चित्रों, ग्राफों, मानचित्रों व रेखाचित्रो में का प्रयोग किया होना चाहिए क्योंकि एक अच्छी व स्पष्ट तस्वीर हजारो शब्दो से कीमती होती है।
(v) पुस्तक के अन्त में परिशिष्ट व स्त्रोत पुस्तकों की सूची होनी चाहिए।
(vi) पुस्तक के प्रकाशन सम्बन्धित सुचनाएँ; जैसे- प्रकाशक, प्रकाशन-तिथि आदि सूचनाओं को देना चाहिए।
(B) बाहरी साज-सज्जा
(i) पुस्तक का कागज सुन्दर तथा पर्याप्त मोटाई वाला हो।
(ii) पुस्तक की जिल्द सुदृढ़ होनी चाहिए।
(iii) पुस्तक का आकार अधिक बड़ा नहीं होना चाहिए, आकार ऐसा हो कि विद्यार्थी इसे आसानी से ला व ले जा सके।
(iv) पुस्तक का मुख पृष्ठ, जिल्द आदि शुद्ध व आकर्षक होना चाहिए। सिलाई ऐसी हो कि पुस्तक आसानी से खोलकर सुविधापूर्वक पढ़ी जा सके।
(v) पाठ्य-पुस्तक का मूल्य कम होना चाहिए, जिससे प्रत्येक बालक उसे प्राप्त कर सके।
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