पाठ्यक्रम और पाठ्यवस्तु में अन्तर
वर्तमान समय में शिक्षा जगत् में पाठ्यक्रम के लिये ‘कुरीकूलम’ के साथ-साथ सिलेबस एंव कोर्स ऑफ स्टेडी शब्दो का भी प्रयोग किया जाता है परन्तु सूक्ष्मता से विवेचन करने पर इन तीनों शब्दो में स्पष्ट अन्तर परिलक्षित होता है। पाठ्यक्रम शब्द का उपयोग अब व्यापक अर्थ में होने लगा है क्योंकि पाठ्यक्रम में अन्तर्गत वे सभी अनुभव आ जाते है, जिन्हें छात्र विद्यालयी जीवन में प्राप्त करता है, और जिनमें कक्षा के अन्दर एंव बाहर आयोजित होने वाली पाठ्य एंव पाठ्येत्तर क्रियाएँ सम्मिलित होती है।
पाठ्यवस्तु पूर्ण शैक्षिक सत्र में विभिन्न विषयों में शिक्षक द्वारा छात्रो को दिये जाने वाले ज्ञान की मात्रा के विषय में निश्चित जानकरी प्रस्तुत करता है। शिक्षा शब्दकोश में पाठ्यवस्तु के लिये लिखा है- “पाठ्यवस्तु अध्ययन की विषय वस्तु के मुख्य बिन्दुओं का कथन अथवा संक्षिप्त रूपरेखा है।”
क्र.सं. | पाठ्यक्रम ( Curriculum ) | पाठ्यवस्तु (Syllabus) |
1. | विद्यालय में होने वाली समस्त क्रियाओं से संबंधित होने वाले शब्द को पाठ्यक्रम कहते है। | पाठ्य वस्तु में सिर्फ विशेष पाठ्य वस्तुएँ ही होती है। |
2. | पाठ्यक्रम बालक के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के चहुँमुखी विकास से सम्बन्धित होती है । | पाठ्यवस्तु मात्र विषय से सम्बन्धित विकास पर आधारित होती है। |
3. | पाठ्यक्रम का विषय-क्षेत्र व्यापक होता है। | पाठ्यवस्तु एक विषय तक सीमित होता है। |
4. | पाठ्यक्रम का विषय-क्षेत्र व्यापक होता है। | पाठ्यवस्तु केवल शिक्षण की विषय वस्तु से सम्बन्धित होती है। |
5. | पाठ्यक्रम सम्पूर्णता से सम्बन्धित होता है। | पाठ्यवस्तु पाठ्यक्रम का अंश मात्र होता है। |
6. | पाठ्यक्रम में कक्षा व कक्षा के बाहर के अनुभवो को शामिल किया जाता है। | पाठ्यक्रम में कक्षा के अंदर के अनुभव को शामिल किया जाता है। |
7. | पाठ्यक्रम प्रदर्शित करता है कि शिक्षक किस प्रकार शैक्षिक क्रियाओ के द्वारा पाठ्यवस्तु की आवश्यकता की पूर्ति करेगा अर्थात् यह मूल्यांकन से सम्बन्धित है। | पाठ्यक्रम मात्र वह मुद्रित अंश है जो यह बताती है कि छात्रों को क्या सिखाना है अर्थात् यह शिक्षालय वर्ष के दौरान विभिन्न विषयों शिक्षक द्वारा दिये जाने वाले ज्ञान की मात्रा में निश्चित जानकारी प्रस्तुत करता है अर्थात् यह मापन से सम्बन्धित है। |
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