भूगोल / Geography

दक्षिणी अमेरिका की भ्वाकृतिक संरचना | geomorphological structure of south America in Hindi

दक्षिणी अमेरिका की भ्वाकृतिक संरचना | geomorphological structure of south America in Hindi
दक्षिणी अमेरिका की भ्वाकृतिक संरचना | geomorphological structure of south America in Hindi

दक्षिणी अमेरिका की भ्वाकृतिक संरचना का वर्णन कीजिए। 

दक्षिणी अमेरिका त्रिभुजाकार हैं इसका विस्तार दक्षिण में कोपहार्न में सबसे कम तथा 5° दक्षिण में अधिक हैं इसका क्षेत्रफल 1,78,14,000 वर्ग किलोमीटर है। यह सम्पूर्ण पृथ्वी के धरातल का 1/8वाँ भाग है। इसकी लम्बाई उत्तर से केपहार्न तक 75,639 किलोमीटर है। इसकी अधिकतम चौड़ाई उत्तर-पूर्व में बैंकों (ब्राजील) से पूर्व में केप पेरीनास तक पश्चिम में है। माउण्ट एक नकागुआ में अधिकतम ऊँचाई 6959 मीटर तथा उत्तर में सबसे अधिकतम उच्च शिखर है, जबकि वैल्डस प्रायद्वीप में सबसे कम ऊँचा स्थान स्थित है जो समुद्र तल से 40 मीटर नीचे है। दक्षिणी अमेरिका में 25,427 किलोमीटर तट रेखा है। किसी भी महाद्वीप का इतना विस्तार दक्षिण तक नहीं है। इस महाद्वीप का 80 प्रतिशत भाग अयन रेखाओं के मध्य है।

अनुक्रम (Contents)

भ्वाकृतिक संरचना

दक्षिणी अमेरिका का धरातल तीन मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है-

1. एण्डीज पर्वत- एण्डीज पर्वत पर्वतीय प्रदेशों की अटूट श्रृंखला दिखाई देते हैं तथा पश्चिम की तरफ उत्तर में कैरीबियन पठार से केपहार्न तक प्रशान्त महासागर के समानान्तर है। उस्पलाटा पास इस पर्वत में केवल अन्तराल है। यह अर्जेण्टीना तथा चिली के मध्य एक लिंक है।

धरातल की विशेषताएँ- एण्डीज पर्वत उत्तर से दक्षिण की ओर लगभग 8,850 किलोमीटर लम्बे हैं ये औसत ऊँचाई में केवल एशिया में हिमालय के बाद दूसरा स्थान रखते हैं। एण्डीज में कई शिखर लगभग 6100 मीटर ऊँचे उठे हैं।

वेनेजुएला एण्डीज काराकस द्वारा पश्चिम की ओर है तथा इसे तटीय श्रेणियों के नाम से जाना जाता है फिर वे कोलम्बिया में दक्षिण-पश्चिम में Y-आकार के पर्वत की ओर मुड़ जाते हैं पूर्व में कार्डलिरा मैरीडा तथा सीयरा नेवादा डि-कोकय स्थित हैं जबकि पश्चिम में सीयरा-डि पयूजा हैं। कोलम्बिया व एण्डीज समानान्तर श्रेणियों में स्थित हैं जिन्हें पश्चिमी कार्डलिरा (कार्डलिरा आक्सीडंट), मध्यवर्ती कार्डलिरा तथा पूर्वी कार्डलिरा के नाम से जाना जाता हैं। ये सभी कोकुआ नदी द्वारा विभाजित होते हैं तथा मैगडेलेना नदी द्वारा बड़ी घाटियों से अलग है। ये घाटियाँ बहते पानी के अपरदर के कारण नहीं बनीं, बल्कि दरारों के कारण बनी हैं। ये ऊँची रिफ्ट घाटियाँ हैं। यहाँ श्रेणियाँ अधिक ऊँची हैं तथा बर्फ से ढकी हुई चोटियाँ हैं ये निचले मैदानों से अलग होती है।

यहाँ से एण्डीज दो ससमानान्तर पर्वतों में दिखाई देते हैं जो चिली तक विस्तृत है। यहाँ ये जटिल तथा एक बन जाते है। पश्चिमी भाग प्रशान्त सागर के सम्मुख है तथा पूर्वी भाग अमेजन बेसिन की ओर सामने स्थित है। ये दोनों ऊँचे बेसिनों द्वारा अलग होते हैं। पेरू में इसकी सबसे ऊँची चोटी माउण्ट हॉसकैरेन है जबकि इक्वाडोर में किम्बाराजो ज्वालामुखी (6,370) मीटर) चोटी है। इन श्रृंखलाओं में ऊँचे पठार हैं जो 3600-4500 मीटर तक ऊँचे है। जबकि इनकी चौड़ाई लगभग 200 किलोमीटर है। बोलीविया तथा पेरू का आलटीपलानों जटिल पठार है। तिब्बत के अतिरिक्त ऐसी चोटियाँ, घाटियाँ तथा मैदान विश्व में कहीं नहीं पायी जाती हैं। यहाँ जल का निकास नहीं है, इसलिए यहाँ झीलें तथा दलदल होती हैं पेरू की सीमा पर टिटिकाका झील स्थित हैं यह 3815 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है तथा इसका क्षेत्रफल लगभग 8300 वर्ग किलोमीटर है। यह सिंचाई तथा जलविद्युत् उत्पादन के लिए मुख्य साधन है। पूर्व में ऊँचे पर्वत कई नदियों के उद्गम स्थान पर स्थित हैं जो पूर्वी ढलानों के नीचे गहरी गार्ज बनाते हैं।

एण्डीज प्रशान्त ज्वालामुखी वृत्त (आग का गोला) का भाग है। इसलिए एण्डीज में कई ज्वालामुखी चोटियाँ हैं जो भूकम्पों के कारण अस्थिर रहते हैं।

(i) पूर्वी उच्च द्वीप- पूर्वी उच्च क्षेत्र बहुत प्राचीन है। इसका निर्माण प्राचीन आग्नेय चट्टानों बलुआ पत्थर तथा अधिक नवीन लावा प्रवाह के द्वारा होता है। समरूपता, समतल पठारों तथा घिरी हुई चट्टानों द्वारा टूटती है। विशेष तौर पर कई मृत ज्वालामुखी धरातल के ऊपर सतह पर निकलते हैं। रवेदार चट्टानें भू-क्षरण के कारण लम्बे समय से घिस घिसकर नीची हो गई हैं।

उच्च प्रदेश क्षेत्र को निम्नलिखित रूप में बाँटा जा सकता है-

1. ग्याना उच्च मैदान- ग्याना उच्च प्रदेश अमेजन के उत्तर में स्थित हैं। ये दलदल क्षेत्र के साथ 330 मीटर से कम नीचे हैं तथा छोटी चोटियों द्वारा अलग होते हैं। कुछ इंसलबर्ग 600 मीटर की ऊँचाई तक देखे जा सकते हैं। दक्षिणी किनारे तीव्रता से उठते हैं जिन्हें टैण्डस व टेबललैंड कहा जाता हैं माउण्ट रोरैमा (2,771 मीटर) सबसे ऊँची चोटी है।

2. ब्राजीलियन उच्च प्रदेश- ये उच्च प्रदेश अमेजन नदी के दक्षिण की ओर स्थित हैं तथा ये (1.50 मिलियन वर्ग किलोमीटर) अधिक विशाल हैं। इनकी औसत ऊँचाई 1000 मीटर है तथा कई पहाड़ी श्रेणियाँ हैं। इनमें से एक बैंडीरिया चोटी (2,890 मी.) सबसे ऊँची चोटी है। ब्राजीलियन उच्च प्रदेश के ऊँचे भाग दक्षिण अटलांटिक तट की ओर अधिक उठे हुए हैं जहाँ 348 मीटर तक ऊँचाई है। ब्राजीलियन उच्च प्रदेश के ऊँचे भाग दक्षिण अटलांटिक तट की ओर अधिक उठे हुए हैं जहाँ 348 मीटर तक ऊँचाई है। उच्च प्रदेश के कगार आन्तरिक भागों के लिए अवरोध हैं। उच्च मैदानी ढलानें उत्तर की ओर चलती हैं। साओ फ्रांसिस्को नदी इस प्रदेश में तट के समानान्तर बहती है तथा फिर अटलांटिक महासागर में मिलने के लिए पूर्व की ओर मुड़ जाती है। इस नदी तथा इसकी सहायक नदियों ने उच्च मैदान में कई गहरी घाटियों की रचना की है।

ब्राजीलियन पठार का दक्षिणी भाग सीयरा-डि-मर्र के नाम से जाना जाता है जिसके शिखर 2000 मीटर से अधिक ऊँचे हैं। कई स्थानों पर सागर इन श्रेणियों में प्रवेश करते हैं तथा गुआनवारा खाड़ी की रचना करता है जहाँ रियो-डि-जनेरो की प्रसिद्ध बन्दरगाह है।

3. पैंटागोनियन उच्च प्रदेश इन उच्च मैदानों का विस्तार एण्डीज से अटलांटिक महासागर तक है। ये अर्जेण्टीना के दक्षिणी भाग में स्थिर हैं ये पठार देखने में आकर्षक हैं। इनका उद्गम सीढ़ीनुमा आकार है जो उच्च तटीय भृगु से एण्डीज के निचले सिरों तक तटों में होता है। उच्च प्रदेश की ऊँचाई 1500 मीटर तक है। कई भागों में रवेदार चट्टानें उभर कर दिखाई देती है।

(iii) मध्य मैदान- निचला मैदानी क्षेत्र दक्षिणी अमेरिका के 1/2 भाग में स्थित है। यह एण्डीज तथा पूर्वी उच्च प्रदेश के मध्य स्थित है। इसे भागों में बाँटा जा सकता है-

1. उत्तरी तटीय मैदान, 2. अमेजनियन गर्त, 3. दक्षिण में पराना पराग्वे बेसिन ।

1. उत्तरी तटीय मैदान- यह ग्याना उच्च प्रदेश तथा दक्षिणी अमेरिका के कैरीबियन तटों के मध्य स्थित है। लानोज क्षेत्र महत्वपूर्ण भाग है जिसने ओरीनोको नदी बेसिन को ढका हुआ है। नदी तलछट से भरी हुई हैं ग्रेनाइट पत्थर मार्ग में जल प्रपात बनाती है। ये मैदान के छटे है।

2. अमेजनियन गर्त- यह विश्व का सबसे बड़ा नदी बेसिन माना जाता है। इसका क्षेत्रफल लगभग 7.05 मिलियन वर्ग किलोमीटर है। यह जायरे बेसिन के आकार से दूर है। यह विश्व के सबसे बड़े जल प्रवाह को भी परिवहन करता है जो सम्पूर्ण धरती पर जल का 20 प्रतिशत भाग है। अमेजन नदी का ताजा जल समुद्र के खारे जल को तट से 160 किलोमीटर अधिक दूरी तक प्रदूषित करता है। यह पश्चिम में एण्डीज पर्वत से उत्तर की ओर ग्याना उच्च प्रदेश तथा दक्षिण की ओर ब्राजीलियन उच्च प्रदेश से घिरा हुआ है। यह किसी भी भाग में समुद्र तल से 400 मीटर से अधिक ऊँचा नहीं है। इसकी ढलान बहुत मन्द है। पेरू में अमेजन नदी की बन्दरगाह किवटो केवल 117 मीटर ऊँची है। यह अटलांटिक तट से 4,000 किलोमीटर दूर है।

इसमें पेरू, बोलीविया तथा ब्राजील के विशाल भाग हैं। इस बेसिन के विशाल क्षेत्र में बाढ़ आती हैं, परन्तु अमेजन बेसिन दलदल नदी है। इस क्षेत्र का अधिकतर भाग बाढ क्षेत्र से ऊपर हैं।

3. पराग्वे बेसिन – यह पश्चिम में एण्डीज तथा पूर्व में ब्राजीलियन उच्च प्रदेश के मध्य स्थित है। यह जलोढ़ मैदानों की श्रृंखला है जहाँ कई नदियाँ तथा दलदलें हैं। दलदल क्षेत्र समुद्र तल से 1000 मीटर ऊँचे हैं वर्षा के मौसम के दौरान सम्पूर्ण परागवे बेसिन विशाल दलदल बन जाता है।

4. अर्जेण्टीन के पम्पास- एण्डीज पर्वत से आने वाली नदियों द्वारा तलछट के जमाव से बना यह मैदान है। यह समतल मैदान पश्चिम से पूर्व की ओर ढलान वाला है। कई पहाड़ियाँ, जैसे- कार, डाबा तथा सेन लुइस दिखाई देती हैं।

5. ग्रान चाको- यह दक्षिणी अमेरिका के दक्षिण-मध्यवर्ती भाग में स्थित है। यह तलछट से भरा हुआ विशाल मैदान है। ग्रान चाको का स्थानीय अर्थ ‘शिकार गाह’ है। पश्चिम में यह एण्डीज पर्वतों पराग्वे तथा पराना नदी से घिरा हुआ है। उत्तर में यह पूर्वी बोली वियन दलदल तथा दक्षिण में यह अर्जेण्टीना में सेलेडो नदी को छूता है। इसका क्षेत्रफल लगभग 7,25,200 मीटर वर्ग किलोमीटर है। इसका 50 प्रतिशत से अधिक भाग अर्जेण्टीना में, 33 प्रतिशत पराग्वे में तथा शेष बोलीविया में स्थित है। यहाँ दो स्थायी नदियाँ हैं- पाल्कोमाओं तथा बरमेजो नदी। इनका बहाव ग्रान चाको को पार कर दक्षिण-पूर्व की ओर है तथा ये पराग्वे नदी में मिलती हैं। ये नदियाँ ग्रान चाको को पराग्वे तथा अर्जेण्टीना में तीन भागों में बाँटती हैं- 1. चाको बोरियल पिल्कामओ नदी के उत्तर में। 2. चाको मध्यवर्ती पिल्कामाओ तथा बरमेजो नदी के मध्य स्थित है। 3. चाको आसाल क्षेत्र बरमेजो नदी के दक्षिण में है। आन बाकों का बोलीवियन भाग बोलीवियन चाको कहलाता है।

ग्रान चाको एण्डीज तथा ब्राजीलियन पठार के मध्य क्षेत्र के धंसाव से बना एक भू-सन्नति प्रदेश है। नदियों ने इसे तलछट से दिया है। यह तलछट 3000 मीटर से अधिक गहरा है। पत्थरों का अभाव है। पराग्वे नदी के निकट कुछ पत्थरीले भाग हैं। समस्त क्षेत्र का जल निकास अस्त व्यस्त है। यह गोखुर झीलों, रेत, अवरोध, दलदल तथा कई वितिरकाओं द्वारा हुआ है। वाष्पीकरण शुष्क जलवायु के कारण अधिक है। पराग्वे तथा पराना नदियों का जल होता है, परन्तु वर्षा काल में बाढ़े आती हैं जबकि इस क्षेत्र कार्य है।

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