नवाचार का शिक्षा में महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
नवाचार का शिक्षा में महत्त्व- औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप एक नवीन समस्या उत्पन्न हो गयी है। लोग अपने परम्परागत स्थानों को छोड़कर ऐसे स्थानों को भाग रहे हैं, जहाँ बड़े उद्योग हों। परिणामस्वरूप ग्राम के ग्राम उजड़ते जा रहे हैं और नगरों पर निरन्तर भारी दबाव बढ़ रहा है। औद्योगिकीकरण ने समाज की गतिशीलता में बड़ी वृद्धि की है। इससे नगर के विद्यालयों पर भी दबाव बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में इस बढ़ते जन-समूह को शिक्षित बनाने में शिक्षा के कार्यक्रमों में, पाठ्यक्रम में गहन परिवर्तन की आवश्यकता है। यहीं नवाचार का कार्य प्रारम्भ होता है।
देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। करोड़ों किशोर और युवक रोजगार की तलाश में नगरों की ओर दौड़े आ रहे हैं, अतः ऐसी शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी जो व्यवसायोन्मुख हों। विश्व में विज्ञान द्रुत गति से अग्रसर हो रहा है। उपग्रह छोड़े जा रहे हैं। नये-नये अस्त्र-शस्त्र विकसित किये जा रहे हैं। विद्युत-आणविकी (Electronics) ने तो उद्योग-जगत में हलचल उत्पन्न कर दी है। संगणक (Computer) धीरे-धीरे आगे बढ़ता हुआ अपने प्रभुत्व का प्रसार कर रहा है।
शिक्षा को आधुनिक गतिविधियों के साथ चलने हेतु इन परिवर्तनों की श्रृंखला को आत्मसात करके नयी दिशा में आगे बढ़ना होगा। यह कार्य शैक्षिक नवाचार (Educational Innovations) के द्वारा ही सम्भव हो सकता है।
नवाचार का शिक्षा में महत्त्व का वर्णन निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत किया जा सकता है-
1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न- परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन हेतु वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित प्रश्न-पत्रों के निर्माण पर निरन्तर बल देना।
2. अन्तःक्रिया विश्लेषण- अध्यापक एवं छात्र के मध्य संचालित होने वाले व्यवहारों को अंकित करने के उद्देश्य से अन्तःक्रिया विश्लेषण का विकास करना।
3. प्रभावपूर्ण प्रविधियाँ- छात्राध्यापकों में शिक्षण कौशलों के विकास हेतु, सूक्ष्म शिक्षण तथा अनुकरणीय शिक्षण जैसी प्रभावपूर्ण प्रविधियों को प्रयुक्त करना।
4. प्रभावी अनुदेशन- अनुदेशन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से, व्यक्तिनिष्ठ अनुदेशन, कम्प्यूटर सहायक अनुदेशन तथा अभिक्रमित अध्ययन का विकास करना।
5. सामूहिक अनुदेशन- सामूहिक अनुदेशन के क्षेत्र में अनेक नवीन विधियों का विकास करना।
6. तकनीकी आधार- श्रव्य-दृश्य साधनों के प्रयोग को तकनीकी आधारों पर सुव्यवस्थित करना।
7. दूरदर्शन- सामूहिक शिक्षण की दृष्टि से क्लोज्ड सर्किट दूरदर्शन का एक महत्त्वपूर्ण उपागम के रूप में उभरना।
8. राष्ट्रीय उपग्रह दूरदर्शन- प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा सुलभ कराने की दृष्टि से, राष्ट्रीय उपग्रह दूरदर्शन योजना पर आधारित प्रयोग करना।
9. व्यावसायिक शिक्षा- समाजोत्पादक कार्यों को पाठ्यक्रम में स्थान देकर व्यावसायिक शिक्षा का विस्तार करना।
10. तकनीकी माध्यम का प्रयोग- शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक तकनीकी के माध्यम से शिक्षा को वस्तुनिष्ठ, नियोजित एवं विकासोन्मुख साधन के रूप में परिवर्तित करना।
11. आजीवन शिक्षा- आजीवन शिक्षा की अवधारणा को क्रियान्वित करने के लिये अविरल अथवा सतत् शिक्षा की व्यवस्था करना।
12. अनौपचारिक शिक्षा- औपचारिक शिक्षा के स्थान पर अनौपचारिक शिक्षा को अधिक महत्त्व दिये जाने की निरन्तर संस्तुति की जा रही है।
13. व्यापकतम शिक्षा- प्रत्येक व्यक्ति को सुशिक्षित बनाने के उद्देश्य से ‘दूरी की शिक्षा’ पर निरन्तर बल दिया जाना।
14. निर्विद्यालयीकरण-निर्विद्यालयीकरण अथवा विद्यालयों के स्थान पर कौशलों का विकास करने वाले केन्द्रों की स्थापना के विचार को समस्त विश्व में मान्यता प्रदान करना।
15. दृश्य-श्रव्य साधनों का विस्तार- शिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में हार्डवियर उपागम अथवा दृश्य-श्रव्य साधनों का विस्तार करना।
16. जीवन से सम्बद्धता- शिक्षा को जीवन से सम्बद्ध करने के लिये, व्यावसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा से संयुक्त करने की योजनाओं पर बल देना।
17. प्रौढ़ शिक्षा- प्रौढ़ शिक्षा के लिये अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करना।
18. समान शैक्षिक अवसर प्रदान करना- प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से – शैक्षिक अवसर सुलभ कराने के लिये खुले विश्वविद्यालयों की स्थापना करना।
19. उपयोगी परिवर्तन- पाठ्य-पुस्तकों के स्वरूप एवं मूल्यांकन की प्रविधियों में भी अनेक परिवर्तन लाना।
20. अन्तर-अनुशासन उपागम- ज्ञान को एकत्रित करने के उद्देश्य से अन्तर-अनुशासन उपागम को प्रयुक्त करने पर निरन्तर बल देना।
Important Links
- शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एंव परिभाषा | Meaning and Definitions of Educational Administration
- शिक्षा की गुणवत्ता के मापदण्ड का अर्थ, उद्देश्य एंव समुदाय की भूमिका
- विद्यालय को समुदाय के निकट लाने के उपाय | ways to bring school closer to the community
- भारत और सामुदायिक विद्यालय | India and Community School in Hindi
- विद्यालय प्रयोजन के लिए स्थानीय संसाधनों के प्रयोग | Use of Local Resources
- विद्यालय व सामुदायिक सम्बन्धों की नूतन स्थिति क्या है?
- विद्यालय सामुदायिक को स्थापित करने के उपाय | Measures to establish a school community
- समुदाय का अर्थ एंव इसके प्रभाव | Meaning and Effects of Community in Hindi
- पाठ्य-सहगामी क्रियाओं का अर्थ, उद्देश्य, महत्व एवं संगठन के सिद्धान्त
- अध्यापक की व्यावसायिक अभिवृद्धि का अर्थ एंव गुण | Qualities of teacher’s Professional growth
- आदर्श अध्यापक के गुण | Qualities of an Ideal Teacher in Hindi
- एक आदर्श अध्यापक के महत्व | Importance of an ideal Teacher in Hindi
- अध्यापक के गुण, भूमिका और कर्त्तव्य | Qualities, roles and Duties of Teacher in Hindi
- विद्यालय संगठन में निरीक्षण का क्या महत्त्व है? Importance of inspection in school organization
- विद्यालय के प्रधानाध्यापक के कर्त्तव्य और उत्तरदायित्व | Duties and Responsibilities of School Headmaster
- एक योग्य प्रधानाध्यापक में किन-किन गुणों का होना आवश्यक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
- निरौपचारिक शिक्षा की परिभाषा, उद्देश्य, विशेषताएँ
- पुस्तकालय का महत्त्व | Importance of Library in Hindi
- विद्यालय पुस्तकालय की वर्तमान दशा-व्यवस्था और प्रकार का वर्णन कीजिए।
- विद्यालय पुस्तकालय का क्या महत्व है? What is the Importance of school library?
- विद्यालय छात्रावास भवन | School Hostel Building in Hindi
- छात्रावास अधीक्षक के गुण एवं दायित्व | Qualities and Responsibilities of Hostel Superintendent
- विद्यालय-भवन तथा विद्यालय की स्थिति की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- विद्यालय-भवन के प्रमुख भाग | Main Parts of School Building in Hindi
Disclaimer