B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एंव परिभाषा | Meaning and Definitions of Educational Administration

शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एंव परिभाषा
शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एंव परिभाषा

शैक्षिक प्रशासन का शाब्दिक अर्थ एंव परिभाषा

शैक्षिक प्रशासन का शाब्दिक अर्थ- किसी शब्द या शास्त्र के वास्तविक अर्थ को समझने के पूर्व हमारे मन में उसके शाब्दिक अर्थ को जानने की जिज्ञासा सहज ही उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि उसके वास्तविक अर्थ का उसके शाब्दिक अर्थ से घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है ‘शिक्षा-प्रशासन’ दो पूर्ण शब्दों से मिलकर बना है-‘शिक्षा’ एवं ‘प्रशासन इन दोनों शब्दों का पृथक्-पृथक् अर्थ निम्नवत् है-

(i) ‘शिक्षा’ का अर्थ- ‘शिक्षा’ शब्द अंग्रेजी शब्द Education’ का हिन्दी रूपान्तर है। इस शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के (Educatum) नामक शब्द से हुई है जो कि दो शब्दों ‘E’ तथा ‘Catum’ से मिलकर बना है। E का अर्थ है ‘अन्तः’ (या ‘अन्दर’ से) तथा ‘Catum’ का अर्थ है ‘आगे बढ़ना’ या ‘अग्रसर करना।

इस प्रकार शाब्दिक अर्थ में बालक में अन्तर्निहित शक्तियों या गुणों की ओर सर्वांगीण विकास करने की प्रक्रिया शिक्षा कहलाती है। इस प्रक्रिया से व्यक्ति के प्राकृतिक व्यवहार में जो परिवर्तन होता है वह व्यक्ति, समाज, देश तथा विश्व के कल्याण में सहायक होता है। इस प्रकार शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो बालक या व्यक्ति के व्यक्तित्व का सर्वांगीण अर्थात् समस्त पहलुओं, यथा-शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक एवं नैतिकता का विकास करती है, जिससे वह अपनी तथा समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति में मौलिक योगदान दे सकता है। शिक्षा की परिभाषा प्रस्तुत करते हुए टी.पी. नन ने लिखा है- “शिक्षा बालक के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास है जिसके द्वारा यह यथाशक्ति मानव को मौलिक योगदान कर सके।”

(ii) ‘प्रशासन’ का अर्थ ‘प्रशासन’ शब्द अंग्रेजी शब्द ‘Administration’ का हिन्दी रूपान्तर है। इस शब्द की व्युत्पति लैटिन भाषा के दो शब्द ‘ad’ एवं ‘minister’ से मिलकर हुई है जिसका अर्थ है ‘सेवा करना’। इस प्रकार प्रशासन का तात्पर्य है-‘सेवा करना’, ‘प्रबन्ध करना’ या ‘निर्देश करना’ या ‘निर्देशन देना’। शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासन का अर्थ और अधिक व्यापक है, जैसा कि जे.बी. सीयर्स ने लिखा है-“साधारणक बोलचाल में प्रशासन प्रबन्ध का समानार्थी है किन्तु शिक्षा में अपने उपयुक्त उपयोग प्रयोग के लिए यह इससे (शासन) अधिक है और अपने क्षेत्र में अधीक्षण, पर्यवेक्षण, नियोजन, देखभाल, निर्देशन, संगठन, नियंत्रण, मार्ग- प्रदर्शन, नियमन जैसे शब्दों में घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है।” वस्तुतः प्रशासन एक प्रकार से प्रबन्ध ही है जिसके द्वारा किसी संगठन या संस्था का सुचारू रूप से संचालन किया जाता है। चाहे यह संगठन शासकीय, सामुदायिक, शैक्षिक या औद्योगिक हो। इस प्रकार प्रशासन का तात्पर्य किसी भी संगठन या संस्था के अन्तर्गत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले व्यक्तियों के समूह तथा उनकी क्रियाओं के समन्वय से है।

शैक्षिक प्रशासन का व्यापक अर्थ- वस्तुतः शैक्षिक प्रशासन की प्रक्रिया बहुत व्यापक है। इसके अन्तर्गत बाह्य प्रशासन तथा आन्तरिक-प्रशासन का समान रूप से समावेश होता है शिक्षा का बाह्य-प्रशासन उस प्रभाव एवं आदेश की ओर संकेत करता है जो उच्च स्तर की शक्तियों अर्थात् केन्द्रीय एवं राजकीय सरकारों द्वारा दिये जाते हैं। भारत में बाह्य-प्रशासन शिक्षा सम्बन्धी विभिन्न नियमों का निर्माण करता है और पाठ्य-पुस्तकों एवं पाठ्यक्रम का निर्धारण करता है। इसके अतिरिक्त वह विद्यालय-भवनों के निर्माण एवं खेलों के मैदान की व्यवस्था में आर्थिक सहायता देता है और वेतन, सेवा की दशाओं, सत्र की अवधि का निर्धारण और इसी प्रकार की अन्य समस्याओं के विषय में निर्णय देता है। आन्तरिक प्रशासन का तात्पर्य उस व्यवस्था में लगाया जाता है जो कि किसी विद्यालय का नेता अर्थात् प्रधानाध्यापक अपने साथियों यथा-व्यवस्थापक, शिक्षक एवं छात्रों की सहायता से विद्यालय के प्रतिदिन के कार्यक्रम एवं क्रियाओं के संचालन के लिए करता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि शिक्षा-प्रशासन के अन्तर्गत बालक, शिक्षक, प्रशासक, प्रबन्धक, प्रधानाध्यापक, अभिभावक, समाज सुधारक एवं राष्ट्र कर्णधारों के विचारों एवं कार्यों में सामंजस्य व समन्वय स्थापित करना सम्मिलित होता है ताकि फाक्स, विद्यालय अपने निर्धारित उद्देश्यों की अधिकतम पूर्ति करने में समर्थ हो सके। शिक्षा-प्रशासन का सम्बन्ध उपर्युक्त मानवीय तत्त्वों से ही नहीं बल्कि विद्यालय के भौतिक तत्त्वों; यथा-विद्यालय- भवन, शैक्षिक सामग्री, साज-सज्जा, फर्नीजर आदि से भी होता है। इन दो प्रकार के तत्त्वों के अतिरिक्त शैक्षिक प्रशासन के अन्तर्गत पाठ्यक्रम, पाठ्य-पुस्तकों, विधियों, सिद्धान्तों, नियमनों, सामुदायिक आवश्यकताओं आदि का समावेश होता है।

शैक्षिक प्रशासन की परिभाषा

फाक्स विश एवं रफनर के अनुसार- “शिक्षा प्रशासन एक सेवा कार्य है, जिसके द्वारा शैक्षिक प्रक्रिया के उद्देश्यों की प्राप्ति प्रभावशाली ढंग से होती है।”

बैलफोर ग्राहम के अनुसार- “शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त बालकों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्राप्त करने के योग्य बनाता है जिससे वे उपलब्ध आर्थिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें।”

डॉ. सैय्यदेन के अनुसार- “प्रशासन को अब समझ लेना चाहिए कि उसका कार्य फाइलों का निपटारा करने, शिक्षण विधियों का पालन करने तथा मानव सम्बन्धों को स्वस्थ बनाने तक ही सीमित नहीं है, उसको तो शैक्षिक विचारधाराओं को कार्य रूप में परिणित करना है। उसका कार्य शैक्षिक क्रिया और शैक्षणिक सिद्धान्तों के बीच अटूट सम्बन्ध का नियोजन है।”

मुकर्जी के अनुसार- “शैक्षिक प्रशासन भौतिक साधानों एवं मानवीय सम्बन्धों तथा सभी प्रकार से लोगों को एक साथ काम करने के प्रबन्ध से सम्बन्धित है। वास्तव में शैक्षिक प्रशासन अजीवित वस्तुओं की अपेक्षा मनुष्य से अधिक सम्बन्धित है।”

इनसाइक्लोपीडिया ऑफ एजूकेशन रिसर्च में शैक्षिक प्रशासन को इस प्रकार परिभाषित किया गया है-“शैक्षिक प्रशासन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कार्यकत्ताओं के प्रयासों में सामंजस्य स्थापित किया जाता है तथा उपयुक्त सामग्री को इस प्रकार से प्रयोग किया जाता है जिससे मानवीय गुणों का विकास प्रभावशाली ढंग से हो। यह प्रक्रिया केवल बालकों एवं नवयुवकों के विकास से ही सम्बन्धित नहीं है, बल्कि इसके अन्तर्गत प्रौढ़ों एवं कार्यकर्ताओं के विकास को भी महत्त्व दिया जाता है।’

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1988 के अनुसार- शैक्षिक प्रशासन का अर्थ एक ऐसे प्रशासन से है जो समाज एवं व्यक्ति की आवश्यकतानुसार शिक्षा की व्यवस्था कर एक ओर व्यक्ति को न केवल आत्म-निर्भर बना सके वरन् उसे समाजोपयोगी नागरिक के रूप में भी विकसित कर सके।”

Important Links

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment