परिपत्र का अर्थ एंव इसका प्रारूप
परिपत्र का एक प्रारूप प्रस्तुत कीजिए।
परिपत्र का अर्थ- जब कोई शासकीय पत्र, कार्यालय-ज्ञापन एक साथ अनेक प्रेषितियों को भेजा जा रहा हो, तब उसे परिपत्र’ कहा जाता है। स्पष्ट है कि आवश्यकतानुसार परिपत्र (1)सरकारी पत्र, (2)कार्यालय-ज्ञापन या (3)ज्ञापन-तीनों रूपों में लिखा जाता है। यदि सभी राज्य सरकारों को कोई एक सरकारी पत्र भेजा गया हो, तो उस परिपत्र कहा जायगा। यदि कोई कार्यालय ज्ञापन भारत सरकार के सभी मन्त्रालय को भेजा जा रहा हो, तो वह भी परिपत्र होगा। इसी प्रकार यदि कोई ज्ञापन किसी मन्त्रालय के सभी अनुभागों (sections) अफसरों या संलग्न और अधीनस्थ कार्यालय के नाम भेजा जा रहा हो, तो वह भी परिपत्र कहलायेगा। परिपत्र की रचना आवश्यकतानुसार सरकारी पत्र या ज्ञापन के समान होती है। ज्ञापन के रूप में लिखते समय कलेवर के ऊपन ‘ज्ञापन’ न लिखा जायेगा।
उदाहरण-(सरकारी पत्र के रूप में)-
परिपत्र
संख्या………….
भारत सरकार
खाद्यान्न-विभाग
प्रेषक,
प्रभुचरण दास
उपसचिव, भारत सरकार।
सेवा में,
सभी राज्य सरकारें।
नई दिल्ली-2;2 जुलाई 2019 ई.
विषय-खाद्यान्नों की वसूली।
महोदय,
मुझे यह सूचना देने का निर्देश हुआ है कि देश में खाद्यान्नों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने यह निश्चय किया है कि अन्नबहुल राज्यों में सरकारों द्वारा अन्न को वसूली की जाय। प्रत्येक राज्य के लिए निर्धारित खाद्यान्नों की मात्रा तथा वसूली के खाद्यान्नों की कीमत के सम्बन्ध में विस्तृत सूचना शीघ्र भेज दी जायेगी।
इस सम्बन्ध में आप जो कार्यवाही करें, उसका और खाद्यान्न वसूली की प्रगति का साप्ताहिक विवरण इस मन्त्रालय को भेजते रहें।
आपका विश्वासभाजन
हिम्मत बहादुर
उपसचिव, भारत सरकार
https://youtu.be/YNGSR9q_avs
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