पुरा पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान Palaeolithic History lesson plan for B.Ed.
पुरा पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान Palaeolithic History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत पुरा पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान Palaeolithic History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.
विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें
दिनांक- |
विषय- इतिहास |
चक्र- 8 |
कक्षा –6th |
प्रकरण- “पुरा पाषाण काल“ |
अवधि- 30 मिनट |
➤सामान्य उद्देश्य :-
- छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि जागृत करना |
- छात्राओं में देश भक्ति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना |
- छात्राओं में आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना |
- छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकास करना |
- छात्राओं में बौधिक एवं तार्किक चिन्तन का विकास करना |
- छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास करना |
- छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करना |
- छात्राओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करना |
➤विशिष्ट उद्देश्य :-
- छात्राएँ ‘पाषाण काल’ के औजारों का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
- छात्राएँ ‘पाषाण काल’ में हुए परिवर्तनों का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
- छात्राएँ ‘पाषाण काल’ में हुए नये खोज का वर्णन कर सकेंगी |
- छात्राएँ ‘पाषाण काल’ में आग की खोज का विवरण स्पष्ट रूप से प्रस्तुत कर सकेंगी |
➤सहायक सामग्री- चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|
➤पूर्वज्ञान- छात्राएँ ‘पाषाण काल’ के विषय में पहले से सामान्य जानकारी रखती होगी |
क्र. स. |
छात्र अध्यापक क्रियाएं |
छात्र क्रियाए |
1. |
मनुष्य की मूल भूत आवश्यकता कितनी है ? |
तीन |
2. |
तीन मूल भूत आवश्यकता कौन-कौन सी है ? |
रोटी, कपड़ा और मकान |
3. |
मकान का उपयोग मनुष्य किस लिए करता है ? |
रहने के लिए |
4. |
उस काल का नाम बताओ जब मनुष्य के पास रहने के लिए घर नहीं था ? |
पुरा पाषाण काल |
➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग ‘पुरा पाषाण काल’ का अध्ययन करेंगे।
➤प्रस्तुतीकरण :-
शिक्षण बिन्दु |
छात्र अध्यापक क्रियाएं |
छात्र क्रियाए |
1. पुरापाषाण काल |
शिक्षिका कथन- पुरा पाषाण काल में मानव पहले खुले आकाश के नीचे नदियों के किनारे या झील के पास रहता था | इससे उसे शिकार करने में आसानी होती थी | शिकार से प्राप्त माँस ही उनका मुख्य भोजन था | कन्दमूल तथा फल भी उनके भोजन में सम्मिलित था | कुछ समय पश्चात् मानव ने गुफाओं में रहना प्रारम्भ कर दिया | क्योंकि उसे तब घर बनाना नहीं आता था | शिकार की खोज में वह लगातार घूमता रहता था | इस प्रकार उसका कोई स्थायी आवास नहीं था | इसी समय उसने आग के प्रयोग की जानकारी प्राप्त की | साथ ही अब उसने अपने मृतकों को कब्र में दफ़नाना प्रारम्भ कर दिया | पुरापाषाण काल के आखिरी दौर में उसने चित्र भी बनाना भी सीख लिया | उस समय की गुफाओं में उसके द्वारा बनाये गए चित्र मिलते है | इन चित्रों में शिकार के दृश्य बनाये गए है | इसी समय मानव ने हड्डी के औजार बनाना प्रारम्भ किया | यह औजार उसके ज्ञान में विकास को दर्शाते है | इस युग में मानव झुण्ड बनाकर ही शिकार करता था | जिसे वह आपस में बाँट कर खाते थे | मानव यह समझ चुका था कि वह तभी जीवित रह सकता है तब वह दूसरों के साथ मिल चले | इस प्रकार एक दुसरे का सहयोग करने की भावना इस युग में विकसित हो चुकी थी | |
छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी | |
2. कैसे करते थे शिकार
|
आदि मानव के पास न ही जंगल के जानवरों जैसे पैने नाखून थे, न ही नुकीले दांत, न जबड़े और न ही सिंग | उसकी बड़ी समस्या अपने से ज्यादा ताकतवर जंगली जानवरों से रक्षा करने व उनका शिकार करने की थी | इसके लिए उसने पत्थर के औजारों का निर्माण व प्रयोग किया, क्योंकि उस युग में पत्थर आसानी से प्राप्त हो जाता था | इस युग के पत्थर के औजार आकृति में सुडौल नहीं था | ये बेडौल एवं भौड़ी आकृति वाले थे | |
छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी | |
3. आग का पता कैसे चला ? |
औजार बनाने के लिए वे एक पत्थर पर दुसरे पत्थर से चोट मारते थे | एक पत्थर से दूसरा पत्थर टकराने पर चिनगारी निकली | निकलने वाली चिंगारी से उन्हें आग का ज्ञान हुआ | इससे वह सूखी पत्तियों लकड़ी की टहनी आदि से आग जलाने लगा | |
➤ श्यामपट्ट सारांश :-
1. पुरापाषाण काल में मानव खुले आकाश के नीचे रहता था |
2. शिकार की खोज में वह लगातार घूमता रहता था |
3. पुरापाषाण काल में मानव ने धीरे-धीरे मृतकों को कब्र में दफ़नाना प्रारम्भ कर दिया |
4. इसी समय मानव ने हड्डी के औजार भी बनाना सीख गया |
5. इस युग के पत्थर के औजार आकृति में सुडौल नहीं थे |
6. इसी काल में मानव ने आग की खोज की |
➤ निरीक्षण कार्य :-
छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश को कॉपी में लिखने को कहेंगी तथा कक्षा में घूम-घूम कर निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करेंगी |
➤ मूल्यांकन प्रश्न :-
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