प्रसार शिक्षण में टेलीविजन की भूमिका
प्रसार शिक्षण में टेलीविजन की भूमिका- आधुनिक शिक्षण में टेलीविजन एक सशक्त माध्यम माना जाता है। इसके अन्तर्गत दृश्य एवं श्रव्य दोनों ही पद्धतियां आती हैं। विकासशील देशों में प्रगति की रफ्तार तेज करने में टेलीविजन द्वारा, शिक्षण को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसके माध्यम से नई सूचनाओं, गतिविधियों, कार्य प्रणाली, पद्धति प्रदर्शन, कार्य निष्पादन प्रक्रिया इत्यादि का अत्यन्त स्पष्ट रूप से वृहत जन समुदाय को एक साथ दिखाया जा सकता है। टेलीविजन द्वारा शिक्षण की सफलता के प्रति अब किसी प्रकार के सन्देह की सम्भावना नहीं है क्योंकि विविध सर्वेक्षणों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में टेलीविजन कार्यक्रमों का विशिष्ट योगदान रहता है।
टेलीविजन सेट आधुनिक तकनीक की देन है। इसमें छोटे आकार का परदा होता है जो विशेष प्रकार के शीशे का बना होता है। वर्तमान में भारतीय बाजारों में 51 सेमी, 44 सेमी तथा 36 सेमी आकार के परदे युक्त टेलीविजन सेट उपलब्ध हैं। विदेशों में इनसे बड़े और छोटे आकार के टेलीविजन मिलते हैं। टेलीविजन का संचालन सामान्यतः विद्युत धारा द्वारा होता है। छोटे आकार के टेलीविजन बैटरी द्वारा भी संचालित होते हैं।
भारत में टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रम मुख्य रूप से दिल्ली दूरदर्शन केन्द्र द्वारा प्रसारित होते हैं तथा देश के अन्य भागों में अवस्थित केन्द्रों द्वारा ग्रहण करके रिले किए जाते हैं। कुछ केन्द्र अपने स्टूडियों में तैयार किए गए स्थानीय कार्यक्रम दिखाते हैं। भारतीय टेलीविजन पर प्रसार शिक्षा को ध्यान में रखकर अनेक कार्यक्रम तैयार किए जाते हैं तथा ग्रामीणों की स्थिति सुधारने के प्रति वचनबद्धता भी है। ग्रामीण विकास तथा सामाजिक उत्थान सम्बन्धी अनेक लोकप्रिय प्रसारणों को प्रतिदिन दूरदर्शन के अंतर्गत देखा जा सकता है। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
कृषि दर्शन, कृषि समाचार, घर आंगन, हमारे कामगार हमारे उद्योग, अंधेरे से उजाले तक, आशा की किरण, ग्रामीण बहिनों के लिए, स्वास्थ्य परिचर्चा, घरेलू नुस्खे, कानूनी सलाह, सफल किसान से बातचीत, हम और हमारा स्वास्थ्य, घरेलू उपयोग की चीजें बनाना, पौष्टिक आहार बनाना, कम लागत के घर बनाना, बच्चों की देखभाल, पर्यावरिक सुरक्षा, आस-पास की सफाई, परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु कल्याण इत्यादि ।
टेलीविजन के लाभ (Advantages)
टेलीविजन द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों का दर्शक वर्ग पर गहरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह दृश्य एवं श्रव्य माध्यम है। इसके द्वारा नई सूचनाएं, ज्ञानवर्द्धक बाते, नई तकनीक, आधुनिकतम पद्धतियों की जानकारी एक वृहत जन समुदाय तक पहुंचती हैं। किसी भी कार्य प्रणाली या विधि प्रदर्शन का यह सर्वोत्कृष्ट माध्यम समझा जाता है। टेलीविजन के द्वारा प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रमों (यू. जी. सी. कार्यक्रम तथा शैक्षिक दूरदर्शन) की भी अपनी विशेषता है तथा प्रसार शिक्षण में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है। टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले नाटक, फिल्म, टेलीफिल्म आदि मानव-व्यवहार को प्रभावित करने में काफी हद तक सक्षम होते हैं।
टेलीविजन की सीमाएं (Limitations)
टेलीविजन सेट एक महंगा उपकरण है। इसे गांव का निर्धन वर्ग खरीद नहीं सकता। सरकार द्वारा अनेक पंचायतों को टेलीविजन सेट उपलब्ध कराए गए जो मुखिया या पंचायत प्रमुख के पास रहते हैं। ऐसा देखा गया है कि ग्रामीण समुदाय पूर्णरूपेण, हैं, दूरदर्शन कार्यक्रमों से, पैसे के अभाव के कारण, लाभान्वित नहीं हो पा रहा है। दूरदर्शन कार्यक्रमों को देखने की एक दूसरी शर्त है- विद्युत आपूर्ति । कार्यक्रम प्रसारण के समय यदि बिजली आपूर्ति नहीं हो पाती तो कार्यक्रम देखने से दर्शक वंचित रह जाते हैं। इसका एक अर्थ यह भी है कि जिन क्षेत्रों में बिजली उपलब्ध नहीं है, वहां के लोग दूरदर्शन का दर्शन नहीं कर पाते हैं।
Important Links
- प्रसार शिक्षा के भौतिक एवं सामाजिक उद्देश्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रसार शिक्षा के सांस्कृतिक एवं सामुदायिक उद्देश्य
- प्रसार शिक्षा का अर्थ | परिभाषा | अवधारणा
- प्रसार शिक्षा का दर्शन क्या है?
- सामाजिक संगठन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, लक्षण या तत्व
- सामाजिक संरचना का अर्थ एवं परिभाषा
- सामाजिक समूह का अर्थ, परिभाषा, वर्गीकरण, विशेषताएं एवं प्रकृति
- प्लेटो (Plato): महत्त्वपूर्ण रचनाएँ तथा अध्ययन शैली और पद्धति in Hindi
- प्लेटो: समकालीन परिस्थितियाँ | (Contemporary Situations) in Hindi
- प्लेटो: आदर्श राज्य की विशेषताएँ (Features of Ideal State) in Hindi
- प्लेटो: न्याय का सिद्धान्त ( Theory of Justice )
- प्लेटो के आदर्श राज्य की आलोचना | Criticism of Plato’s ideal state in Hindi
- प्लेटो के अनुसार शिक्षा का अर्थ, उद्देश्य, पाठ्यक्रम, विधियाँ, तथा क्षेत्र में योगदान
- प्रत्यक्ष प्रजातंत्र क्या है? प्रत्यक्ष प्रजातंत्र के साधन, गुण व दोष
- भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं
- भारतीय संसद के कार्य (शक्तियाँ अथवा अधिकार)