सरकार द्वारा कृषि के विकास के लिये बनायी गयी नीतियां
सरकार द्वारा कृषि के विकास के लिये बनायी गयी नीतियां- सरकारी नीतियों एवं योजनाओं का वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा सकता है-
1. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National horticulture mission)
सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र को विकसित करने का प्रयास किया गया। 2005 से 2010 तक के समय में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अन्तर्गत 2205 नर्सरियाँ तैयार की गयीं तथा 16707 हेक्टेयर जमीन में सब्जियों के बीज उगाये गये। 2005 से 2010 तक 18 राज्यों में तीन केन्द्रशासित प्रदेशों और 13 राष्ट्रीय स्तर की एजेन्सियों को 4303-12 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गयी। वर्ष 2010 2011 के लिये 1061-18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
2. राष्ट्रीय बीज अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण केन्द्र (National seeds research and training centre)
राष्ट्रीय बीज अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण केन्द्र वाराणसी (उत्तर प्रदेश को) । अप्रैल 2007 को प्रभावी केन्द्रीय बीज परीक्षण एवं रेफरल प्रयोगशाला के रूप में अधिसूचित किया गया। सरकार द्वारा बीज मिशन को सन् 2011-12 में संचालित किया गया तथा इसके लिये 3775 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गयी तथा योजना आयोग ने इसको स्वीकृति प्रदान कर दी।
3. कृषि के विकास में जन संचार साधनों का उपयोग (Use of mass media in development of agriculture)
किसानों के लिये दूरदर्शन एवं रेडियो पर कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है, जिसमें किसान फोन करके अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसानों के लिये कॉल सेण्टर की व्यवस्था की गयी है। किसान कॉल सेण्टर 21 जनवरी 2004 से कार्य कर रहे हैं। किसान कॉल सेण्टरों में लगभग 144 कॉल सेण्टर कार्य करते हैं जो 21 स्थानीय बोलियों में किसानों की भाषा का उत्तर देते हैं। इन कॉल सेण्टरों पर 1551 तथा 1880-180-1591 को डायल करके बातचीत की जा सकती है।
4. किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Farmer credit card plan)
सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड की योजना चलाकर बहुत कम ब्याज दर पर किसानों को ऋण प्रदान किया जाता है जब किसान की फसल पककर तैयार हो जाती है तो किसान उसको बैंक को वापस कर देता है।
5. राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (National agriculture insurance plan)
किसानों की फसल नष्ट हो जाने की समस्या के समाधान के लिये यह योजना सन् 1992 से कार्य कर रही है। वर्तमान समय में यह योजना 25 राज्यों एवं दो केन्द्र शासित प्रदेशों में कार्य कर रही है। इससे पिछले बीस वर्षों के कार्यकाल में 1524 लाख किसानों के 2363 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा किया गया, जिसमें 1749010 करोड़ रुपये की धनराशि बीमित थी ।
6. राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (National marketing institute)
राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है। इसकी स्थापना भारत सरकार ने अगस्त 1988 में कृषि विपणन में विशिष्ट प्रशिक्षण अनुसन्धान शिक्षा एवं सलाह उपलब्ध कराने के लिये की गयी थी।
7. कृषि उपकरणों के प्रयोग के लिये प्रशिक्षण (Training for use of agriclture instruments)
प्रत्येक किसान को ट्रैक्टर, इंजन, हार्वेस्टर, उर्वरक एवं बीज खरीदने में कोई समस्या न हो। इसके बाद इन यन्त्रों की सामान्य जानकारी भी किसान के लिये आवश्यक होती है। इसके लिये राज्य सरकारों द्वारा कृषि यन्त्रों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। मध्य प्रदेश के बुबनी, हरियाणा के हिसार, आन्ध्र प्रदेश के गारलाडीन एवं असम के विश्वनाथ चारियाली में कृषि मशीनरी के प्रशिक्षण एवं परीक्षण केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इन संस्थानों ने स्थापना के समय से सन् 2011 तक 113268 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। 31 मार्च 2010 तक 2815 मशीनों का परीक्षण किया है।
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