अर्थशास्त्र / Economics

उपभोक्ता की अवधारणा | उपभोक्ता जागरूकता का अर्थ

उपभोक्ता की अवधारणा
उपभोक्ता की अवधारणा

उपभोक्ता की अवधारणा (Concept of consumer)

उपभोक्ता से आशय उस व्यक्ति से होता है जोकि विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ खरीदता है तथा सेवाओं के लिये भुगतान करता है। इस प्रकार के व्यक्ति को उपभोक्ता के रूप में स्वीकार किया जाता है। जो व्यक्ति किसी वस्तु के उत्पादक होते हैं, उन्हें उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता; जैसे- नोकिया मोबाइल फोन बनाने वाली कम्पनी उत्पादक है तथा उसके फोन को खरीदने वाले व्यक्ति उपभोक्ता हैं।

उपभोक्ता जागरूकता का अर्थ (Meaning of consumer awareness) 

उपभोक्ता की जागरूकता का आशय उन सभी सूचनाओं, अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के ज्ञान से होता है जोकि एक उपभोक्ता के सर्वोत्तम व्यवहार के लिये आवश्यक होते हैं। प्रो. एस. के. दुबे लिखते हैं कि “उपभोक्ता की जागरूकता का आशय उपभोक्ता को उसके अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के ज्ञान से होता है जोकि उसको एक ओर शोषण एवं धोखे से बचाते हैं, वहीं दूसरी ओर उसके व्यवहार को तार्किक एवं सर्वोत्तम बनाते हैं।” उपभोक्ता का जागरूक न होना किसी भी योजना, सेवा एवं व्यवस्था के स्वरूप को नष्ट करता है। अनेक अवसरों पर उपभोक्ता की जागरूकता ही समाज, देश एवं अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचाती हैं; जैसे-एक बस का परिचालक यात्रियों को टिकट दिये बिना ही कम पैसे लेकर यात्रा करने का प्रलोभन देता है या उनको टिकट नहीं देता तो जागरूक उपभोक्ता अपनी टिकट प्राप्त कर पैसे देता है, जिससे एक ओर राष्ट्र एवं अर्थव्यवस्था को लाभ मिलता है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार की समाप्ति होती है। इस प्रकार उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता प्रत्येक स्तर पर देखी जाती है।

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