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भारतीय समाज विज्ञान किस दर्शन को भारत के संदर्भ में यथार्थ करने का प्रयास करता है ?

भारतीय समाज विज्ञान दर्शन
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भारतीय समाज विज्ञान दर्शन

‘समाज विज्ञान’ में ‘समाज’ शब्द का इस्तेमाल ‘विज्ञान’ के मूल स्वभाव को द्योतित करने के लिए किया जाता है इसका अर्थ यह है कि विज्ञान का प्रकृति, मनुष्य, समाज के बारे में वस्तुनिष्ठ ज्ञान स्वभावत: सामाजिक (Social) है क्योंकि इस ज्ञान की खोज सामुहिक श्रम से होती है और जो सामुहिक श्रम से उपजता है वह सामजिक होता है। मूलतः प्रकृति, मनुष्य, समाज का विज्ञान अविभाज्य और सीमाहीन है। भारतीय सामाज विज्ञान इसी दर्शन को भारत के संदर्भ में यथार्थ करने का प्रयास करता है। इस प्रकार का विज्ञान भारतीय लोगों की आर्थिक, सामजिक, सांस्कृतिक एंवम् पारस्परिक जीवन को अच्छा करने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। ऐसा होने पर ‘Brain-Drain’ को रोका जा सकता है और भारत पुनः दुनिया में विज्ञान अपना उच्च स्थान हासिल कर सकता है

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