सामाजिक अध्ययन विषय के शिक्षक में व्यवसाय
व्यावसायिक गुण
(1) विषय का ज्ञान:- सामाजिक अध्ययन के शिक्षक को सभी सामाजिक विषयों के आधारभूत नियमों एंव तथ्यों का ज्ञान होना आवश्यक है छात्रों को अपने व्यापक ज्ञान से प्रभावित करने के लिये यह आवश्यक है कि अध्यापक को विषय का ज्ञान प्राप्त हो ।
(2) व्यावसायिक प्रशिक्षण:- सफलतापूर्वक अध्यापक के लिये व्यावसायिक प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है व्यावसायिक प्रशिक्षण में छात्रों को न केवल शिक्षा के उद्देश्य शिक्षण विधियों और पाठ्यक्रम को चुनने के सिद्धान्त बताये जाते है अच्छा अध्यापक एक जन्मजात शक्ति है जिसे प्रशिक्षण से और भी सुधारा जा सकता है।
( 3 ) सतत् प्रयत्नशीलता एंव अध्ययनशीलता:- सामाजिक अध्ययन एक प्रतिनिधित्व विषय है और शिक्षण निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है सामाजिक अध्ययन का अध्यापक अपने विषय तथा शिक्षण व्यवसाय के साथ-साथ अध्ययन कर सकता है जब उसमें अपनी योग्यता को निरन्तर सुधारने की लालसा हो।
(4) प्रचलित समस्याओं का ज्ञान:- सामाजिक अध्ययन एक तेजी से विकसित होने वाला विषय है इसलिये सामजिक वातावरण में जो परिर्वतन आ रहा है शिक्षक को उनकी पूरी जानकारी होनी चाहियें।
(5) दूसरों के साथ अच्छे सम्बन्ध:- सामाजिक अध्ययन के अध्यापक को अपनेविद्यार्थियों के साथ तो मैत्रीपूर्ण तथा सहयोगात्मक सम्बन्ध होना चाहिए। दूसरे अध्यापकों तथा कर्मचारियों के साथ भी अच्छे सम्बन्ध होने चाहिये ।
Important Links
- अध्यापक का स्वयं मूल्यांकन किस प्रकार किया जाना चाहिए, प्रारूप दीजिये।
- सामाजिक विज्ञान के अध्यापक को अपने कर्त्तव्यों का पालन भी अवश्य करना चाहिए। स्पष्ट कीजिये।
- सामाजिक अध्ययन विषय के शिक्षक में व्यक्तित्व से सम्बन्धित गुण
- शिक्षक की प्रतिबद्धता के क्षेत्र कौन से है
- सामाजिक विज्ञान शिक्षण में सहायक सामग्री का अर्थ एंव इसकी आवश्यकता एंव महत्व
- मानचित्र का अर्थ | मानचित्र के उपयोग
- चार्ट का अर्थ | चार्ट के प्रकार | चार्टो का प्रभावपूर्ण उपयोग
- ग्राफ का अर्थ | ग्राफ के प्रकार | ग्राफ की शैक्षिक उपयोगिता
- पाठ्यचर्या का अर्थ और परिभाषा
- फिल्म खण्डों के शैक्षिक मूल्य
- मापन और मूल्यांकन में अंतर
- मापन का महत्व
- मापन की विशेषताएँ
- व्यक्तित्व का अर्थ एवं स्वरूप | व्यक्तित्व की मुख्य विशेषताएं
- व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक
- व्यक्तित्व क्या है? | व्यक्तित्व के शीलगुण सिद्धान्त
- व्यक्तिगत विभिन्नता का अर्थ और स्वरूप
- व्यक्तिगत विभिन्नता अर्थ और प्रकृति
- व्यक्तिगत विभिन्नता का क्षेत्र और प्रकार