पाठ योजना / Lesson Plan

लोक अदालत नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Public Court lesson plan for B.Ed.

लोक अदालत नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Public Court lesson plan for B.Ed.
लोक अदालत नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Public Court lesson plan for B.Ed.

लोक अदालत नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Public Court lesson plan for B.Ed.

लोक अदालत नागरिक शास्त्र का लेसन प्लान Public Court lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत लोक अदालत का लेसन प्लान Public Court Civics lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें

दिनांक-

विषय-  नागरिक शास्त्र

चक्र- 3

कक्षा –7th

प्रकरण- लोक अदालत

अवधि- 30 मिनट

सामान्य उद्देश्य :- 

  1. छात्रों में नागरिक शास्त्र के प्रति रूचि उत्पन्न करना|
  2. नागरिक शास्त्र के माध्यम से छात्रों के मानसिक शक्ति का विकास करना|
  3. छात्रों में नागरिकता के गुणों का विकास करना|
  4. छात्रों में देशप्रेम व् विश्वबंधुत्व की भावना का विकास करना|
  5. छात्रों में राष्ट्रीय व सामाजिक मनोवृत्ति का विकास करना|
  6. छात्रों को वर्तमान राजनितिक व सामाजिक समस्या का ज्ञान कराना|

➤विशिष्ट उद्देश्य :- 

  1. छात्रायें लोक अदालत का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
  2. छात्रायें लोक अदालत का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी|
  3. छात्रायें लोक अदालत के अर्थ की व्याख्या कर सकेंगी |
  4. छात्रायें लोक अदालत की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिख सकेंगी |
  5. छात्रायें लोक अदालत के महत्व को अपने शब्दों में लिख सकेंगी |

➤शिक्षण सामग्री-  चार्ट एवं अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|

➤पूर्वज्ञान-  छात्राओं को लोक अदालत के विषय में सामान्य जानकारी होगी|

 ➤प्रस्तावना :-

क्र. स.

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1.

छोटे-2 मामलें किस प्रकार के होते है ?

घरेलु झगड़ा का वाद विवाद

2.

इन सब मामलों को जैसे जमीन का लड़ाई झगड़ा आदि को पहले कहाँ सुलझाया जाता है ?

पंचायत के द्वारा

3.

पंचायत द्वारा न सुलझने पर ये सभी मुद्दों को समझौतें के लिए कहाँ लाया जाता है ?

लोक अदालत में

➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग लोक अदालत के विषय में अध्ययन करेंगे।

➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1. लोक अदालतें

भारत की वर्तमान न्याय व्यवस्था ऐसी है कि न्याय प्राप्त करने में बहुत अधिक समय और धन व्यय होता है | इस समस्या का समाधान करने और न्याय को सरल तथा सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से लोक अदालतों की व्यवस्था की गयी है | ये अदालतें देश के विभिन्न भागों में शिविर के रूप में लगाई जाती है | जहाँ पर न्यायाधीश छोटे-2 मुक़दमे की सुनवाई करके तत्काल निर्णय दे देते है |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगे|

2. विशेषताएँ

1. इन अदालतों में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, राजपत्रित अधिकारी तथा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति परामर्शदाता के रूप में बैठते हैं |

2. इन अदालतों में वादी तथा प्रतिवादी अपना वकील नहीं करते है, बल्कि न्यायाधीशों के समझ दोनों पक्ष स्वयं अपना पक्ष एवं बचाव पक्ष प्रस्तुत करतें है |

3. इन अदालतों में मुकदमों का निपटारा पारस्परिक समझौतें के आधार पर किया जाता है |

4. इन अदालतों में वैवाहिक, पारिवारिक व सामाजिक झगड़े किराया, वाहनों का चालान तथा बीमा आदि आतें है |

5. इन अदालतों को कारावास संबंधी दण्ड देने का अधिकार नहीं है केवल जुर्माना तथा समझौता कराती है |

6. इन अदालतों को कानूनी मान्यता नहीं मिल पायी है |

 


➤ श्यामपट्ट सारांश :-

1. न्याय सरल तथा जल्दी होने के कारण लोक अदालतों का निर्माण किया गया है |

2. इन अदालतों में वादी-प्रतिवादी नहीं होते |

3. इन अदालतों में मुकदमों का निपटारा आपासी समझौते से किया जाता है |

4. इन्हें कानूनी मान्यता नहीं है |

➤ निरीक्षण कार्य :-

छात्राध्यापिका छात्राओं को श्यामपट्ट सारांश लिखने को कहेंगी तथा निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान भी करेंगी|

➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

1. लोक अदालत में कौन नही रहता है ?
2. इन अदालतों में पक्षों का बचाव कौन प्रस्तुत करता है ?
3. इन अदालतों में मुकदमों का निपटारा किस आधार पर किया जाता है ?
4. लोक अदालतों में किस प्रकार के मामले आतें है ?
5. लोक अदालत को क्या अधिकार नहीं प्राप्त है ?
 
➤ गृहकार्य :-
लोक अदालतों के विषय में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ?

Important Links

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment