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राष्ट्रीय सद्भावना या एकता का अर्थ, अवधारणा एवं आवश्यकता |National Understanding

राष्ट्रीय सद्भावना या एकता का अर्थ, अवधारणा  एवं आवश्यकता
राष्ट्रीय सद्भावना या एकता का अर्थ, अवधारणा एवं आवश्यकता

राष्ट्रीय सद्भावना या एकता का अर्थ एवं अवधारणा
Meaning and Concept of National Understanding

राष्ट्रीय सद्भावना या एकता का तात्पर्य एक राष्ट्र के निवासियों की उस भावनात्मक या आन्तरिक एकता से है, जिसमें वे अपनी एक विशिष्ट जाति, वर्ग, धर्म, संस्कृति, सम्प्रदाय तथा प्रान्त के संकीर्ण हितों को भूलकर सम्पूर्ण राष्ट्र की एक सामान्य संस्कृति, सामान्य भाषा, सामान्य भौगोलिक तथा राजनैतिक परिस्थिति तथा सामान्य जीवन-शैली को अपनाते हैं और सम्पूर्ण राष्ट्र की प्रगति की उत्कृष्ट आकांक्षा करते हैं। राष्ट्रीय सद्भावना के अन्तर्गत वे सभी बातें निहित हैं, जिनके माध्यम से सम्पूर्ण राष्ट्र एकरूप हो जाय, समस्त राष्ट्र जनहित में पूरी तरह संगठित हो तथा राष्ट्रीय स्तर पर भावात्मक रूप से जुड़ा हुआ हो। राष्ट्रीय एवं भावात्मक एकता सम्मेलन के अनुसार-“राष्ट्रीय एवं भावात्मक सद्भावना एक मनोवैज्ञानिक तथा शैक्षिक प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत जनता के हृदय में एकता, संगठन और संशक्ति की भावना, एक समान नागरिकता की अनुभूति तथा राष्ट्र के प्रति वफादारी की भावना का विकास होता है।”

राष्ट्रीय सद्भावना की आवश्यकता
Need of National Understanding

भिन्न-भिन्न समय पर जन्म महापुरुषों ने इस भारत भूमि को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। विभिन्न शासकों ने इसे सदैव एक रूप रखने का भरसक प्रयास किया। महात्मा गाँधी, रवीन्द्रनाथ टैगोर, लोकमान्य तिलक तथा विनोवा भावे आदि महापुरुषों ने सदैव, “भारत भूमि महान् है” का उद्घोष किया, साथ ही स्वतन्त्रता संग्राम द्वारा समस्त भारतीय अनुभव की जा रही है। जनता को संगठित कर राष्ट्रीय सद्भावना के प्रयास में एक नये अध्याय को जोड़ दिया। किन्तु आज की बदलती परिस्थिति में राष्ट्रीय सद्भावना के स्वरूप में विघटन आया है। चारों ओर साम्प्रदायिक दंगे होरहे हैं, क्षेत्रीय तथा जातीय भावनाएँ उभर रही हैं। सर्वत्र जातीयता, क्षेत्रवादिता, साम्प्रदायिकता तथा भ्रष्टाचार आदि सामाजिक तथा राष्ट्रीय समस्याएँ राष्ट्र के सामने चुनौती बन कर खड़ी हुई हैं। इसलिये आज की जटिल परिस्थितियों में राष्ट्रीय सद्भावना की शिक्षा की आवश्यकता अनुभव की जा रही हैं।

राष्ट्रीय सद्भावना दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में हर वर्ष ’20 अगस्त’ को सद्भावना दिवस मनाया जाता है। इसे ‘समरसता दिवस’ तथा ‘राजीव गाँधी अक्षय ऊर्जा दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण दिवस भारत के 6वें प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

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