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अनुशासन की आवश्यकता (Need of Discipline in Hindi)

अनुशासन की आवश्यकता (Need of Discipline in Hindi)
अनुशासन की आवश्यकता (Need of Discipline in Hindi)

अनुक्रम (Contents)

अनुशासन की आवश्यकता (Need of Discipline in Hindi)

अनुशासन की आवश्यकता (Need of Discipline)-जीवन में अनुशासन के बहुत महत्व है। इसके अभाव में मानव प्रकृतिदत्त शक्तियों का उचित प्रयोग नहीं कर सकता है। अनुशासन द्वारा ही व्यक्ति अच्छी शक्ति प्राप्त करता है और इस शक्ति से वह अपनी नैसर्गिक प्रवृत्तियों का विकास करने में समर्थ होता है। व्यक्तिगत दृष्टि से अनुशासन का बहुत महत्व है। इसके साथ ही अनुशासन का सामाजिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। महान दार्शनिक अफलातून का कहना था-“एक राष्ट्र का निर्माण चट्टानों तथा वृक्षों से नहीं किया जाता है, वरन् उसके नागरिकों के चरित्र से निर्मित किया जाता है।” यह कथन पूर्णतया सत्य है। जब किसी देश के नागरिक अनशासित होंगे तो वे अपने देश को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने में समर्थ होंगे। एक अनुशासित व्यक्ति सच्चरित्र एवं अपने मन, वचन एवं कर्म से शुद्ध होता है। इससे स्पष्ट है कि राष्ट्र या सम्पूर्ण समाज के लिए अनुशासन का बहुत महत्व है। इस तथ्य को इतिहास की सहायता से भी स्पष्ट किया जा सकता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब कोई देश अनुशासनहीनता का शिकार हुआ तभी उसको बाह्य शक्तियों की दासता को स्वीकार करना पड़ा। अनुशासन द्वारा व्यक्ति एवं सम्पूर्ण समाज या राष्ट्रों में स्फूर्ति उत्पन्न की जाती है। इसके अभाव में इस शक्ति का नाश हो जाता है जिसके बड़े भयंकर परिणाम निकलते हैं। इस प्रकार क्या व्यक्ति, क्या राष्ट्र, क्या समाज– सभी का व्यक्तित्व अनुशासन द्वारा महान् बनाया जाता है।

रेन का यह कथन सत्य है, “जिस प्रकार स्थल सेना, जल सेना या राज्य के अस्तित्व के लिए अनुशासन का होना परमावश्यक है, उसी भाँति अनुशासन विद्यालय के लिए महत्वपूर्ण है।”

विद्यालय का अराजकता का साम्राज्य हो जायेगा। अत: अनुशासन वह शक्ति है जिसके द्वारा व्यक्ति समाज, राष्ट्र एवं विद्यालय को उन्नति के पथ पर अग्रसर किया जाता है और उनके व्यक्तित्व को श्रेष्ठ बनाया जाता है। महान् शिक्षाशास्त्री टी.पी.नन का मत है-“अनुशासन का अर्थ-अपने आवेगों और शक्तियों को उस व्यवस्था के अधीन करना है, जो अराजकता का अन्त करती हैं एवं जो अकुशलता और अपव्यय के स्थान पर कुशलता और मितव्ययता की स्थापना करती हैं।”

विद्यालय में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यालय समाज का एक लघु रूप होता है। अनुशासन के बिना कोई भी समाज एवं राष्ट्र अपने उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर सकता
है। अनुशासन की हर क्षेत्र में आवश्यकता होती है। अनुशासन में व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है। अत: अनुशासन व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों को कुशलतापूर्वक निभाने की प्रेरण देता है। विद्यालय में अनुशासन की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है-

1. अनुशासन छात्र के व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक है।

2. अनुशासन अध्यापकों के लिए आवश्यक है।

3. अनुशासन सामाजिक आवश्यकता है।

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