समाजशास्‍त्र / Sociology

सांस्कृतिक प्रसार से आप क्या समझते हैं ?

सांस्कृतिक प्रसार से आप क्या समझते हैं ?
सांस्कृतिक प्रसार से आप क्या समझते हैं ?

सांस्कृतिक प्रसार

सांस्कृतिक प्रसार वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी समाज में अविष्कृत अथवा शोषित सांस्कृतिक तत्वों का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में अन्य समाजों में विस्तार होता है। क्लार्क विसलर की अवधारणा जिसमें उनका कहना है कि संस्कृति को सांस्कृतिक केन्द्र से परिधि की ओर बढ़ाना सांस्कृतिक प्रसार है। अर्थात् संस्कृति का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में फैलाव को ही प्रसार कहा जाता है। सांस्कृतिक प्रसार से संबंधित तीन दृष्टिकोण प्रचलित हैं –

1. जर्मन संप्रदाय या कुल्टरक्रीज संप्रदाय

ग्रैबनर, एंकरमेन स्मिड एवं सेहिन्ट ने कहा है कि इस संप्रदाय के अनुसार संस्कृति का विकास किसी स्थान से नहीं हुआ, बल्कि प्रत्येक समाज एक सांस्कृतिक द्वीप होता है जिसकी अपनी जीवन शैली होती है। इस प्रकार संस्कृति का प्रसार घेरे के रूप में हुआ है।

2. ब्रिट्रिश प्रसारवादी या सौर केन्द्रित संप्रदाय

ग्रेफ्टन इलियट स्मिथ (The Diffusion of culture 1933) विलियम जेम्स पैरी (The children of the sun 1923) ब्रिट्रिश प्रसारवादी संस्कृति का उद्गम स्थल मिस्र को मानते हैं चूँकि मिस्र के लोग प्राचीन काल में सूर्य की पूजा करते थे और सूर्य से ही अपनी उत्पत्ति मानते थे। अतः यह कहा जा सकता है कि मिस्र ही वह स्थान है जहाँ संस्कृति सर्वप्रथम उत्पन्न हुयी और वहाँ से चारों ओर फैल गयी।

3. अमेरिकी प्रसारवादी

फ्रैंच बोआस, क्लार्क विसलर जैसे अमेरिकी प्रसारवादियों का मानना है कि कोई भी संस्कृति एक स्थान से दूसरे स्थान या एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में गमन करती है अतः संस्कृति का केन्द्र परिधि की ओर गमन होता है।

  1. संस्कृति का अर्थ- भौतिक संस्कृति एवं अभौतिक संस्कृति
  2. संस्कृति की विशेषताएँ (Characteristics of Culture in Hindi)

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