हैकिंग क्या है(What is hacking)- ऐसी कोई भी सामग्री जो साइट की कमियों की वजह से आपकी इजाज़त के बिना आपकी साइट पर मौजूद है, हैक की गई सामग्री होती है, हैक की गई सामग्री को खोज नतीजों से दूर रखने की की कोशिश करता है, हम ऐसा इसलिए करते हैं ताकि हमार उपयोगकर्ता सुरक्षित रहें और हमारे खोज नतीजों में गलत सामग्री न दिखाई दे, हैक की गई सामग्री की वजह से हमारे उपयोगकर्ताओं को खोज नतीजों में गलत सामग्री दिखाई देती है। इससे आपके डिवाइस पर नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री इंस्टॉल होने का डर बना रहता है।
हैकिंग (भंजन) का विकास (Development of Hacking Method)
हैकिंग (भंजन) का विकास-गीता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि प्रत्येक आरम्भ (अर्थात् कार्य) उसी तरह अवगुणों से आवृत्त रहता है जिस तरह अग्नि थुएँ से। कहने का अर्थ यह है कि हम अच्छा करने की चाहे जितनी भी कोशिश क्यों न करें, सत्कार्य की इस प्रक्रिया में हम थोड़ा सा गलत कार्य अवश्य ही कर बैठते हैं।
मानवीय कार्यों से सम्बन्धित यह दर्शन साइवर लोक पर भी भली भाँति लागू होता है, जहाँ किसी संगणक का कूट भंजन किये बगैर इसमें प्रवेशिता पाना बहुत कठिन है, यहाँ तक कि कोई भी संगणक उत्साही व्यक्ति भंजक (hacker) भी हो सकता है। भंजन (hacking) का अन्य बातों के अलावा एक और भी अर्थ है जो कार्यक्रमित प्रक्रमों के विवरण को ऊपर लाना है।
इसका अर्थ यह है कि किसी संगणक कार्यक्रम का भंजन किये बगैर आप इससे कुछ भी सीख नहीं सकते। चूंकि इस प्रकार का मंजन कार्य प्रायः अपरिहार्य हो जाता है, इसलिए हम इसे कभी कभी नैतिक मंजन क्रिया का नाम देते हैं, ताकि हम इसे उस मंजन क्रिया से सुभिन्न कर सकें जो आपराधिक आशय के साथ रिष्टि कारित करने या दूसरों को धोखा देने के लिए की जाती है औ जिस अक्सर चटकाने की क्रिया (cracking) कह कर सम्बोधित किया जाता है।
ऐसा विश्वास किया जाता है कि हैक (hack) शब्द की उत्पत्ति मध्य कालीन आंग्ल भाषा में सन् 1150 से 1200 ई. के आस-पास हुई जिसका शाब्दिक अर्थ, अन्य बातों के साथ-साथ काटना, खरोच यानिशान लगा देना, पतले टुकड़े काटना, चोट लगाना, विलग करना आदि है।
इसी प्रकार संशा के रूप में हैक (hack) का अर्थ, काट, गहरा घाव या दरार, काटने काटने की क्रिया या घटना; या काटने वाली चोट आदि है। पुनश्च, मंजक (hack, or hacker) का आशय उस व्यक्ति, कलाकार या लेखक से है जो अपनी सृजनात्मक क्षमता या प्रशिक्षण का इस्तेमाल धन कमाने हेतु सुस्त, कल्पना रहित एवं घिसी पिटी कृति के उत्पादन में करता है, या वह जो कलाओं में वाणिज्यिक सफलता प्राप्त करने की उम्मीद से साधारण और औसत दर्जे का काम करता है। जैसे किसी के बारे में यह कहा जाय कि “पेन्टर के रूप में वह किसी हैक से थोड़ा सा ही बेहतर था।
जैसा कि ऊपर गीता को उद्धृत करते हुए कहा गया है कि चाहे जैसा भी सत्कार्य क्यों न हो, वह किसी बुरी वस्तु से परिवृत्त अवश्य ही रहता है। परन्तु, जो कार्य सारतः न्याय एवं सत् (right) के अनुरूप होते हैं उन्हें नैतिक कहा जाता है, जबकि शेष को उतना अच्छा नहीं या, यहाँ तक कि बुरा या गलत कार्य कहा जाता है, क्योंकि ऐसे कार्य विधि और नैतिकता की दृष्टि से बुरे होते हैं और ऐसा कार्य करने वाले विधिक कार्यवाही का सामना कर सकते हैं और तदनुरूप दण्डित हो सकते हैं। इस तरह सम्पूर्ण मानवीय कृत्यों को, मोटे तौर पर, नैतिक एवं अनैतिक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
इसी प्रकार भंजनकारी गतिविधियों (hacking activities) को भी मोटे तौर पर नैतिक भंजन एवं अनैतिक भंजन क्रिया के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं, और पश्चात्वर्ती क्रिया को ही प्रायः चटकाने की क्रिया (क्रैकिंग) से सम्बोधित किया जाता है और यह एक दण्डनीय अपराध है। परन्तु, बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि प्रथम प्रकार की भंजन क्रिया कुछ चुनिन्दा व्यक्तियों के कल्याण के लिए की गयी है या यह वृहत्तर रूपर में मानवता के कल्याण के लिए है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी संगठन द्वारा अपनी सुरक्षा के उच्चीकरण हेतु कोई भंजन क्रिया की जाती है तो अन्य संगठनों, खासतौर से प्रतिद्वन्द्वी संगठनों के प्रति इसे स्वागत योग्य कदम नहीं माना जा सकता। दूसरी तरफ उस व्यक्ति की प्रशंसा करनी पड़ेगी जिसने विश्वव्यापी संजाल (world wide web) का आविष्कार करके सम्पूर्ण नेट वासियों का लाभ किया और नैतिक भंजन क्रिया का उदाहरण प्रस्तुत किया।
फिर भी यहाँ यह कहने की आवश्यकता है कि यदि किसी संगठन द्वारा ऐसे कार्य करने के लिए किसी भंजनकर्ता (hackers) की सेवाएं ली जाती हैं जिन कार्यों के लिए संगठन विधिक रूप से अधिकृत है, तो इसे आपराधिक कृत्य नहीं माना जायेगा; परन्तु यदि उक्त भंजक ने वही कार्य इस संगठन के संगणक संसाधन के सन्दर्भ में स्वतः और बिना प्राधिकार के किया तो इसे साइबर अपराध माना जायेगा।
संगठन उत्साही व्यक्तियों का एक अन्य वर्गीकरण काले टोप वाले (अर्थात् चटकान वाले) और सफेद टोप वाले (अर्थात् भंजन करने वाले) के रूप में किया जाता है। चाहे जो भी हो, भंजकों का दायरा बहुरंगी और बहुआयामी है
“मीडिया में भंजकों का चित्रण उच्च तकनीकी महाजासूस, जैसे, इथन हंट जो असम्भव अभियान के तहत छत से कूद कर सी. आई. ए. के संगणक प्रक्रम का भंजन करते और एन. जो. सी. सूची चुरा लेते हैं, से लेकर उस अकेले असामाजिक अवयस्क जो सिर्फ कुछ मजेदार चीजें ढूँढ़ रहा है, तक किया गया है।
हालांकि, वास्तविकता यह है कि भंजनकर्ता विभिन्न प्रकार के लोगों के एक समूह के रूप में है। एक ऐसा समूह जिस पर करोड़ों डॉलर का नुकसान पहुँचाने का आरोप भी लगता है और जिन्हें विश्व व्यापी संजाल विकसित करने तथा बड़ी तकनीकी कम्पनियों की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है।”
सन् 2012 के मई-जून महीने में सरकारी एवं निगमित क्षेत्र के कई संजाल स्थानों (website) पर ‘अनाम’ (Anonymous) नाम के भंजक समूह (hacker group) ने आक्रमण किया। सर्ट-इन (CERT-IN) के अनुसार इनमें से अधिकाश डॉट इन कार्य क्षेत्र वाले संजाल स्थान (website) थे जो सरकारी मंत्रालयों, विभागों आदि से सम्बन्धित थे ऐसा विचार है कि भंजकों (hackers) द्वारा महत्त्वपूर्ण संजाल स्थानों पर आक्रमण इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों में इसकी विश्वसनीयता कम की जा सके।
सन् 2010 से मई, 2013 में मध्य विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से सम्बन्धित संजाल (network) स्थानों पर भंजकों द्वारा एक हजार से अधिक बार आक्रमण किये गये।
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