शीशेदार फुलकारी (Glassy Phulkari)
(a) शीशेदार फुलकारी का काम- विशेष रूप से सिन्ध प्रान्त में होता था। दूसरी कढ़ाई में नमूनों के बीच-बीच में शीशे के टुकड़े लगाये जाते थे। इन शीशों को चारों ओर से काज के टाँके द्वारा मढ़ दिया जाता था। शीशेदार फुलकारी का काम सिन्ध वस्त्रों पर किया जाता था। फुलवारी की कढ़ाई प्रायः रंगीन वस्त्रों पर की जाती थी।
शीशेदार फुलकारी का काम मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में होता है। कढ़ाई के टाँके में गुजरात एवं पंजाब की कढ़ाई का भी प्रभाव झलकता था।
(b) पंजाबी फुलकारी- फुलकारी की कढ़ाई विशेष रूप से पंजाब में की जाती थी। रोहतक, करनाल, हिसार आदि शहर इसके लिए प्रसिद्ध थे। नए लोगों में इस कढ़ाई का प्रचलन अधिक था। फुलकारी साधारण लाल या सफेद मोटे सूती कपड़े या खद्दर के वस्त्रों पर बनाई जाती थी । कढ़ाई में रफू करने वाले टाँके का प्रयोग किया जाता था । श्वेत, लाल, पीले और कत्थई रंग के रेशमी धागों से फुलकारी कढ़ाई की जाती थी। प्रायः फूलों के नमूने या खड़े या तिरछे टाँकों से कई प्रकारों के ज्यामिति डिजाइन बिना एठन के या कम एठन बनाये जाते थे। फुलकारी की कढ़ाई के लिए प्रयुक्त धागों में सुन्दर रंग संयोजन रहता था। प्राचीन प्रथा के अनुसार पंजाबी परिवार में कन्या के विवाह पर उपहार देने के लिए फुलकारी दहेज में दिया जाता था। फूलों के डिजाइनों के कारण इसे ‘फुलकारी’ कहते हैं।
(c) कच्छ फुलकारी- कच्छ की फुलकारी काफी लोकप्रिय है। कच्छ प्रदेश में किये जाने के कारण इसका नाम भी कच्छ फुलकारी पड़ा है। इसमें वस्त्र के चारों ओर उत्कृष्ट नमूने से बॉर्डर बनाये जाते थे। बीच के रिक्त स्थानों में पशु-पक्षी फल, फूल, पत्तियाँ आदि के नमूने चित्रित किये जाते थे। नमूने प्रायः चैन एवं हेरिंग बोन टाँके से बनाये जाते थे। हाथी, मोर, तोते, हंस एवं कबूतर आदि के नमूने को बड़ी कुशलता के साथ चित्रित किया जाता था।
Important Links
- मणिपुरी की कढ़ाई | Manipuri embroidery in Hindi
- लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई | Chikankari embroidery of Lucknow
- बंगाल की कांथा कढ़ाई | Kantha of Bengal in Hindi
- कश्मीर की कसीदा कढ़ाई | Kashida of Kashmir embroidery in Hindi
- चम्बे की रुमाल पंजाब की कढ़ाई | Chamba Rumals In Hindi
- कर्नाटक की कसूती | Kasuti of Karnataka in Hindi
- काठियावाड़ की कढ़ाई | Kathiawar Embroidery in Hindi
- कढ़ाई कला के विभिन्न चरण | Different Steps of Embroidery in Hindi