गृहविज्ञान

कढ़ाई कला के विभिन्न चरण | Different Steps of Embroidery in Hindi

कढ़ाई कला के विभिन्न चरण
कढ़ाई कला के विभिन्न चरण

अनुक्रम (Contents)

कढ़ाई कला के विभिन्न चरण (DIFFERENT STEPS OF EMBROIDERY)

कढ़ाई कला के विभिन्न चरण- कढ़ाई करना एक कला है। इसके सुन्दरतम एवं अच्छे परिणाम की आशा तभी की जा सकती है जबकि हर कदम पर आप कुशलता से काम करें। कढ़ाई करने के विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं –

1. नमूने का चुनाव- जो कढ़ाई करने की अभ्यस्त न हों और पहली बार कढ़ाई कर रही हों, उन्हें छोटे वस्त्र पर छोटे नमूने लेकर कढ़ाई करनी चाहिए। पहली बार में ही यदि बड़ा नमूना लेकर आरम्भ करेंगी तो काम जल्दी पूरा नहीं होगा तथा कढ़ाई के काम से ऊब होने लगेगी। कढ़ाई के काम को आनन्ददायक बनाएँ छोटा काम जल्दी पूरा होगा। अभ्यस्त होने पर ही बड़े नमूनों का चुनाव करना चाहिए।

वस्त्र का आकार तथा उपयोगिता को देखते हुए नमूने का चुनाव करना चाहिए। जैसे टीकोजी, ट्रे क्लॉथ अथवा सेन्टर पीसेज के लिए छोटे फूलदार नमूने उचित होंगे। बच्चे का बिब या झबले पर काढ़ने के लिए एप्लीक वर्क के जानवरों, पक्षियों वाले नमूनों का चुनाव किया जा सकता है। कैनवास पर बनाने के लिए क्रॉस स्टिच के नमूने चुनने चाहिए। नमूनों का चुनाव व्यक्तिगत रूचि पर भी निर्भर करता है।

2. नमूना उतारना- नमूने की पुस्तिका खराब न हो, इसलिए पहले नमूने को ट्रेसिंग कागज पर उतार लें। यदि पतला ट्रेसिंग कागज उपलब्ध न हो तो किसी पतले सफेद कागज के एक ओर कैरोसिन तेल में भिगोकर निचोड़ी हुई रूई रगड़ दें। जब तक कागज पर कैरोसिल तेल का अंश रहेगा, कागज अल्प पारदर्शी गुण युक्त होगा। कागज का सूखा भाग नमूने पर रखकर, पेन्सिल की सहायता से नमूना उतार लें।

3. नमूने को वस्त्र पर उतारना- कार्बन के उपयोग के अन्तर्गत बतायी गयी विधि से वस्त्र पर नमूना उतार लें। कुछ नमूनों पर विशेष प्रकार की मोमयुक्त स्याही लगी रहती है। स्याही वाला भाग वस्त्र पर बिछाकर, ऊपर से हल्की गर्म इस्तरी फेर देने से नमूना स्वतः वस्त्र पर उतर जाता है।

कभी-कभी दिए गए नमूने की अपेक्षा बड़े नमूने की आवश्यकता प्रतीत होती है। ऐसी स्थिति में नमूने को अलग कागज पर उतार लें। फिर उस पर आधे इंच वाले अथवा एक इंच वाले खाने (वर्ग) खींच लें। इसी चित्र को बड़ा करने के लिए दूसरे कागज पर पहले बने वर्गों से दुगुने बड़े वर्ग बना लें। दोनों कागजों को पास रखकर एक-एक खाने (वर्ग) की प्रतिकृति बनाते हुए पूरा चित्र बना लें।

वस्त्र यदि गहरे रंग का है तो उस पर लाल अथवा पीले कार्बन से नमूना उतारें। हल्के रंग के वस्त्रों पर गहरे रंग के कार्बन से नमूना उतारना चाहिए। कार्बन से नमूना उतारते समय केवल नमूने की रेखाओं पर ही दबाव डालें। पूरे कार्बन पर दबाव पड़ने से वस्त्र पर धब्बे पड़ जायेंगे। कार्बन तथा नमूने वाला कागज अपने स्थान से सरके नहीं, इसके लिए कोनो पर वस्त्र के साथ पिन लगाकर उसे स्थिर कर दें। आरम्भ में ही पेन्सिल से थोड़ा नमूना बनाकर, एक कोना उठाकर देख लें कि नमूना कपड़े पर उतर रहा है अथवा नहीं। कार्बन अच्छा न हो तो दूसरा नया कार्बन लगाएँ।

कार्बन के अभाव में नमूना उतारने की विधि इस प्रकार है- किसी भी कागज पर नमूना उतर लें। तत्पश्चात् नमूने की सारी रेखाओं पर आलपिन के पास-पास छेद कर लें। छेर नमूना उतार कर लेने के बाद नमूने की उल्टी ओर से किसी मोटे कपड़े रगड़ दें। इससे छिद्रों का खुरदुरापन दब जाएगा। यदि एक ही नमूने की कई प्रतियों की आवश्यकता हो तो छेद करते समय नमूने के नीचे अन्य सादे कागज भी रख लें। इस प्रकार एक साथ नमूने की दो-तीन छिद्रित प्रतिकृतियाँ प्राप्त हो सकेंगी। इस नमूने को वस्त्र पर उतारने के लिए नमूने के कागज की कपड़े पर रखकर चारों कोनों पर पिन लगाएँ। अब महीन पिसा हुआ गेरू अथवा साधारण कच्चे रंग का चूर्ण लें। रूई अथवा कपड़े की छोटी-सी गद्दी से इस रंगीन चूर्ण को छिद्रित कागज पर धीरे-धीरें रगड़े। इस क्रिया से नन्हें छेद्रों से रंग के कण वस्त्र पर गिरकर नमूने को रेखाओं को अंकितकर देंगे। कागज हटाकर पेन्सिल से नमूने की रेखाओं को गहरी कर लेने से कढ़ाई में सुविधा होगी। नमूना उतारने के बाद वस्त्र को झटक दें ताकि अनावश्यक चूर्ण झड़ जाएगा। इसी प्रकार एक ही कागज से कई नमूने उतारे जा सकते हैं।

यदि वस्त्र काफी पतला पारदर्शी है; जैसे ऑरगैंडी, मलमल, नायलॉन या लोन, तब वस्त्र के नीचे नमूना रखकर नर्म काली पेन्सिल से सीधे वस्त्र पर ही नमूना उतार लें।

4. कढ़ाई करना- नमूना उतारने के पश्चात् अच्छी सुई तथा पक्के रंग के धागों की लच्छियों से कार्य प्रारम्भ करना चाहिए। टाँकों एवं रंगों की योजना पहले से बना लें। आवश्यक फ्रेम का उपयोग करें। दो सूती, मैटी क्लॉथ, या कैनवास पर कढ़ाई करने के पश्चात् हो सकता है कि टाँकों के कारण वस्त्र में खिंचाव आ गया हो। इसके लिए कढ़ाई हो जाने के बाद वस्त्रों के विपरीत कोनों को खींचकर वस्त्र का आकार, टाँको का खिंचाव ठीक कर लें।

5. कढ़ाई पर इस्तरी करना- कढ़ाई हो जाने के बाद वस्त्र अधिक सुन्दर तथा नमूना स्पष्ट दिखाई दे, इसके लिए उस पर इस्तरी करना आवश्यक है। फ्रेम लगा होने से या अधिक बार हाथ लगने से वस्त्र पर सलवटें पड़ जाती हैं।

कढ़ाई की उल्टी ओर इस्तरी करनी चाहिए। वस्त्र के रेशे के अनुसार इस्तरी हल्की अथवा अधिक गर्म करें। रेशम, टेरिकॉटन, रेयॉन तथा पतले सूती वस्त्र के लिए हल्की गर्म इस्तरी एवं मोटे वस्त्र के लिए काफी गर्म इस्तरी का उपयोग करें। कड़ी गद्दीदार सतह पर वस्त्र का कढ़ाई वाला भाग रखकर उल्टी ओर से इस्तरी करनी चाहिए। इसके लिए रोंएदार तौलिया बिछाकर, उस पर वस्त्र को उल्टा बिछाकर इस्तरी की जा सकती है। गद्दीदार सतह होने से कढ़ाई के टाँकों का उभार दबेगा नहीं तथा उनकी स्वाभाविक सुन्दरता भी बनी रहेगी।

6. कढ़ाई किए हुए वस्त्र को धोना- कढ़ाई किया हुआ वस्त्र गन्दा होने पर उसे सावधानीपूर्वक धोते रहने के बाद अधिक दिन चलेगा तथा नमूना भी आकर्षक बना रहेगा । गुनगुने पानी एवं कम सोडायुक्त, झागदार साबुन का उपयोग इसके लिए अच्छा होता है। हल्के हाथ से दबा-दबाकर वस्त्र धोएँ। कढ़ाई वाले हिस्से पर झाग लगाकर हल्का दबाव डालें। रगड़ने अथवा मसलने से धागों पर तनाव बढ़ेगा और वे विकृत हो जाऐगे अथवा टूट जाऐगें। कई बार स्वच्छ पानी में से निकाल कर वस्त्र को छाँह में सुखाएँ। कुछ नमी बाकी रहने पर ही, पहले बताई गई विधि के अनुसार इस्तरी करें।

Important Links

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment