फ्लैश कार्ड क्या है?
फ्लैश कार्ड (Flash Card) – फ्लैश कार्ड का प्रयोग एक समूह को शिक्षित करने या संदेश देते हेतु पुराने समय से हो रहा है पर ध्यान रहे समूह बहुत बड़ा न हो समूह में सदस्यों की संख्या सीमित होनी चाहिये। एक विषय को प्रस्तुत करने के लिये 10-12 फ्लैश कार्ड का प्रयोग किया जाता है। इन कार्डों पर आकर्षक रंगों से रेखाचित्र, छायाचित्र या कार्टून बनाकर शब्दों द्वारा कहानी बनाई जाती है। फ्लैश कार्ड द्वारा कम समय तथा कम शब्दों का प्रयोग कर कहानी के रूप में सन्देश का प्रचार किया जाता है। कहानी के अन्त में सन्देश अवश्य होता है।
फ्लैश कार्ड बनाना
(1) फ्लैश कार्ड में दिये जाने वाले सन्देश को कहानी के रूप में दिया जाता है जिसके लिये 10-12 कार्ड्स तैयार किये जाते हैं। ये कार्ड्स कागज, गत्ते, प्लाईवुड या टिन किसी के भी बनाये जा सकते हैं।
(2) कार्ड के सामने की ओर कहानी के अनुसार चित्र बनाये जाते हैं तथा किनारे पर क्रमानुसार कार्ड की संख्या डाली जाती है।
(3) कार्ड के पीछे के हिस्से में कार्ड के अनुसार कहानी लिखी जाती है। पहले कार्ड सम्बन्धी कहानी अन्तिम कार्ड के पीछे दूसरे कार्ड की कहानी पहले के पीछे इस क्रम में कहानी लिखते हैं ताकि सन्देश देने वाले को बार-बार कार्ड के चित्र न देखने पड़ें। वे पीछे लिखी कहानी पढ़कर अपनी बात कह सकें। लिखी कहानी संक्षेप में होती है किन्तु कहने वाला उसे विस्तृत रूप से प्रस्तुत करता है। कहानी कहते समय स्थानीय भाषा, मुहावरों का प्रयोग किया जाता है।
फ्लैश कार्ड सम्बन्धी सावधानियाँ
(1) फ्लैश कार्ड के चित्र स्पष्ट तथा कथानुसार होने चाहिये।
(2) एक विषय को कहने हेतु 10-12 फ्लैश कार्ड बनायें।
(3) फ्लैश कार्ड में बने चित्र स्पष्ट आकर्षक रंगीन हों।
(4) हर फ्लैश कार्ड के सामने क्रमानुसार गिनती डालें।
(5) फ्लैश कार्ड के पीछे अगले कार्ड से सम्बन्धित कहानी लिखें।
(6) हर कहानी के अन्त में ऐसा सन्देश अवश्य हो जो सुनने वाले को अपने व्यवहार में आवश्यकतानुसार परिवर्तन लाने के लिये प्रेरित करे।
(7) कार्ड दिखाते समय ध्यान रहे कि इतनी ऊँचाई पर हो ताकि सब समूह को दिखाई दे। दाँये-बाँये बैठे लोगों के लिये घूमकर कार्ड दिखायें।
(8) कहानी के विशेष पात्रों को चित्र में इंगित करके दिखायें।
(9) कहानी का वर्णन स्थानीय भाषा में करें, स्थानीय मुहावरों का भी प्रयोग करें।
(10) फ्लैश कार्ड का प्रयोग करने के उपरान्त प्रश्न अवश्य पूछें ताकि ग्राह्यता के विषय में जानकारी हो सके।
(11) कहानी के पात्रों का नाम स्थानीय नामों के अनुसार रखें।
(12) कहानी के अन्त में संदेश अवश्य हो।
फ्लैश कार्ड की उपयोगिता
(1) यह प्रसार शिक्षा का एक दृश्य श्रव्य साधन है। जिसमें आँख तथा कान दोनों ज्ञानेन्द्रियों का प्रयोग होता है।
(2) एक मनोरंजक तथा प्रभावी प्रसार शिक्षा साधन है।
(3) बनाना तथा प्रयोग करना दोनों आसान है।
(4) इसके प्रयोग के लिये प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
(5) प्रयोग कहीं भी कर सकते हैं क्योंकि अधिक स्थान की आवश्यकता नहीं होती है।
(6) स्वयं में पूर्ण इकाई है अन्य सहायक वस्तु की आवश्यकता नहीं होती।
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